देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मामलों के बीच दस राज्यों ने अंतरराष्ट्रीय निर्माताओं से कोविड -19 टीके खरीदने के लिए वैश्विक निविदाएं जारी करने का फैसला किया है ताकी समय पर वैक्सीनेशन के कार्य को पूरा किया जा सके. वहीं दूसरी तरफ अधिकारियों का कहना है कि वैश्विक कोरोना वैक्सीन निर्माता कंपनियां टीकों की आपूर्ति करने में सक्षम है कि नहीं यह अभी स्पष्ट नहीं हो सका है. क्योंकि अधिंकाश देशों ने अपने देशों में वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाने के लिए वैक्सीन की आपूर्ति बंद कर दी है.
राज्यों द्वारा दवा आयात की प्रक्रिया में एक और समस्या यह है कि भारत के ड्रग रेगुलेटर को इन वैक्सीन के आयात के लिए मंजूरी देनी होगी. फिलहाल देश ने राज्यों को केवल तीन वैक्सीन के आयात को मंजूरी दी है. इनमें भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, सीरम इंस्टीट्यूट के कोविशिल्ड, और रूस के स्पुतनिक वी शामिल है.
इधर मंगलवार को कर्नाटक, उत्तराखंड, दिल्ली और तेलंगाना की सरकारों ने वैक्सीन खरीदने के लिए वैश्विक निविदाएं जारी करने का फैसला किया है. बताया जा रहा है कि भारतीय निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक सभी वयस्कों को टीकाकरण प्रदान करने के लिए राज्यों की मांग को पूरा करने में असमर्थ हैं.
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महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और ओडिशा ने पहले टीके आयात करने की योजना की घोषणा कर चुके हैं. कर्नाटक सरकार ने मंगलवार को कहा कि उसने कोविड -19 टीकों की 20 मिलियन खुराक के लिए एक अल्पकालिक वैश्विक निविदा जारी करने का फैसला किया है. महाराष्ट्र ने 18-44 वर्ष के आयु वर्ग के 57.1 मिलियन लोगों को छह महीने में 120 मिलियन खुराक की टीके की खरीद कर टीका लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को कोविल्ड, कोवैक्सीन और स्पुतनिक सहित COVID टीकों की खरीद के लिए वैश्विक निविदाएं जारी करने का फैसला किया है साथ ही इसके लिए कमिटी भी बनायी है. बुधवार को यह तय किया जाएगा की टीकों का कितना स्टॉक आयात किया जाएगा.
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इधर केंद्र ने राज्यों को 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों के लिए कोविड टीकाकरण करने के लिए निर्माताओं से टीके खरीदने की अनुमति दी और वृद्ध लोगों और फ्रंट लाइन श्रमिकों के लिए राज्यों को टीके की आपूर्ति जारी रखने का फैसला किया है.
Posted By: Pawan Singh