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Congress President Election : तीन खेमे में बंट गई कांग्रेस! आखिर किसके पास जाएगी देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी की कमान

Congress President Election 2021 : देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी….जी हां यानी कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा, इसका सभी को इंतजार है. dilemma of Congress presidential election,Congress presidential election,Sonia gandhi,Rahul gandhi,Congress G23,AICC election,Congress election

  • कांग्रेस कार्यसमिति ने 23 जून को चुनाव कराने का दिया था प्रस्ताव

  • एक बार फिर टला कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव

  • अगले दो-तीन महीने में चुनाव होने की उम्मीद

Congress President Election 2021 : देश की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी….जी हां यानी कांग्रेस का अगला अध्यक्ष कौन होगा, इसका सभी को इंतजार है. इस सवाल का जवाब जानने के लिए आपको अब थोड़ा और इंतजार करना होगा, क्योंकि कांग्रेस में आंतरिक चुनाव फिर टल चुका है. एक ओर जहां पार्टी के अधिकांश नेता राहुल गांधी फिर से कांग्रेस की कमान सौंपने की वकालत करते नजर आ रहे हैं, तो वहीं एक धड़ा (G-23) ऐसा भी है, जिसकी सहमति इसपर नहीं है और वो इससे अलग मत रखता है.

इन चीजों के इतर सोनिया गांधी, जो कभी राहुल गांधी को अपने उत्तराधिकारी के रूप में स्थापित करने के लिए उत्सुक नजर आ रहीं थीं, उन्हें मजबूरन अपने हाथों में फिर से पार्टी की कमान लेने की जरूरत पड़ गई. यहां चर्चा कर दें कि सोनिया गांधी का स्वास्थ ऐसे भी उनका साथ नहीं दे रहा है. कुल मिलाकर देखा जाए तो पार्टी के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस तीन अलग-अलग खेमों में नजर आने लगी हैं. पहला सोनिया गांधी के पक्ष में नजर आ रहा है तो वहीं दूसरा राहुल गांधी के पक्ष में अपने विचार रखता है. वहीं तीसरा इन दोनों से अलग विचारधारा का नजर आता है जो स्वतंत्र खेमा है. ऐसे खेमे को G-23 ग्रुप की संज्ञा दी गई है.

चुनाव एक बार फिर टल गया

कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव एक बार फिर टल गया है. कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने कोरोना की दूसरी लहर की वजह से यह फैसला लिया है. पार्टी के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (सीइसी) ने 23 जून को कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव कराने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति का हवाला देते हुए कहा कि ऐसे हालात में फिलहाल चुनाव कराना ठीक नहीं होगा. पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा ने भी गहलोत का समर्थन किया. फिलहाल, सोनिया गांधी ही पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालती रहेंगी.

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कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि सोनिया गांधी ने स्पष्ट किया है कि यह स्थगन स्थायी नहीं होगा. हालात में सुधार होने पर चुनाव कराया जायेगा. सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव अगले दो-तीन महीने में होने की उम्मीद है. उनके मुताबिक, सीडब्ल्यूसी की बैठक में कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने सीइसी की ओर से तैयार चुनाव कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी थी, लेकिन बाद में फैसला किया गया कि मौजूदा स्थिति में चुनाव कराना उचित नहीं है.

राहुल गांधी ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था

उल्लेखनीय है कि 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद राहुल गांधी ने नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिया था. इसके बाद सोनिया गांधी को पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गयी थी. कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव उस वक्त स्थगित किया गया है, जब हाल ही में संपन्न पांच राज्यों के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का प्रदर्शन निराशाजनक रहा है.

चुनावी हार के कारणों का पता लगाने जल्द होगा समूह का गठन

पश्चिम बंगाल, असम, केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के कारणों का पता लगाने के लिए अगले 48 घंटे के भीतर एक समूह गठित करने का फैसला किया गया है. सोनिया गांधी ने इन चुनावों में पार्टी के प्रदर्शन पर कहा कि कांग्रेस में चीजों को दुरुस्त करना होगा. उन्होंने सीडब्ल्यूसी की डिजिटल बैठक में कहा कि चुनावी हार के कारणों का पता लगाने के लिए एक समूह का गठन किया जायेगा. यह जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट देगा. सोनिया ने कहा कि हमें इन गंभीर झटकों का संज्ञान लेने की जरूरत है.

कोरोना संक्रमण को लेकर मोदी सरकार के खिलाफ जतायी नाराजगी

सोनिया ने कहा कि कोरोना महामारी बदतर होती जा रही है और सरकार लगातार विफल हो रही है. जनता मोदी सरकार की लापरवाहियों का खामियाजा भुगत रही है. मोदी सरकार ने वैज्ञानिक सलाह को नजरअंदाज किया है. सरकार ने अपने फायदे के लिए लगातार सुपर स्प्रेडर इवेंट्स को मंजूरी दी.

अधीर ने संसद सत्र बुलाने की मांग की

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिख आग्रह किया है कि कोरोना के हालात पर चर्चा के लिए संसद का सत्र बुलाया जाये. चौधरी ने पत्र में कहा कि संसद का सत्र बुलाना जरूरी है, ताकि कोरोना से परेशान लोगों की जिंदगी सुगम बनाने का रास्ता ढूंढ़ा जा सके.

भाषा इनपुट के साथ

Posted By : Amitabh Kumar

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