Jharkhand News (रांची) : झारखंड के ग्रामीणों को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के लिए राज्य की सखी मंडल की दीदियां इन्हें जागरूक कर रही है. साथ ही टीकाकरण को लेकर भी ग्रामीणों को प्रोत्साहित कर रही है. मंगलवार को ग्रामीण विकास सचिव आराधना पटनायक ने राज्य की संकुल संगठन व सखी मंडल की महिलाओं को ऑनलाइन संबोधित किया. इस दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव, प्रवासी मजदूरों को आजीविका संवर्धन हुनर अभियान से जोड़ने और पलाश संबंधित विषयों पर चर्चा भी की. साथ ही गांवों में सखी मंडल की महिलाओं द्वारा विकास कार्यों में दिये जा रहे सहयोग की तारीफ करते हुए उन्होंने वर्तमान में इस मुश्किल घड़ी में महिलाओं को एकजुट होकर एक-दूसरे की मदद करने की सलाह भी दी.
ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना संक्रमण से बचाव एवं टीकाकरण संबंधित महिलाओं द्वारा किया जा रहे जागरूकता कार्यक्रमों की प्रशंसा करते हुए ग्रामीण विकास सचिव आराधना पटनायक ने सुदूर गांव के आखिरी परिवार तक को कोरोना संक्रमण से बचाव के तरीकों पर लोगों को जागरूक करने की दीदियों से अपील की. साथ ही ग्रामीण महिलाओं से सुरक्षित रहने की अपील भी की. इन महिलाओं को कोरोनावायरस के नये लक्षणों की भी जानकारी देने की बात कही.
उन्होंने महिलाओं से गांव में बाहर से आये प्रवासी ग्रामीणों का चिह्निकरण कर उनमें संक्रमण के कोई भी लक्षण दिखायी देने पर उनके लिए तुरंत चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध करने में सहयोग करने की बातें कही. गांवों में संक्रमण के बढ़ते मामले पर चिंता जताते हुए उन्होंने सखी मंडल की दीदियों को अफवाहों और भ्रांतियों से बचते हुए सावधानीपूर्वक एक-दूसरे की मदद करते हुए इस बीमारी से लड़ने की सलाह दी.
साथ ही गांव में कोरोना के नये लक्षणों से संबंधित जागरूकता को और आगे बढ़ाने की बात कही जिससे गांवों में बढ़ते संक्रमण को रोका जा सके. उन्होनें दीदियों से स्वयं जागरूक रहते हुए दूसरों को जागरूक करने की बातें कही, ताकि गांव में संक्रमण को रोका जा सके. इसके अलावा उन्होंने दीदियों से टीकाकरण को लेकर भी लोगों को जागरूक करने की अपील की.
आजीविका संवर्धन हुनर अभियान (आशा) की चर्चा करते हुए ग्रामीण विकास सचिव आराधना पटनायक ने पिछले वर्ष की तरह इस वर्ष भी प्रवासी मजदूरों एवं आर्थिक रूप से अशक्त परिवारों को ‘आशा’ से जोड़ने की बात कही. पिछले वर्ष ‘आशा’ के अंतर्गत 20.8 लाख परिवारों को स्थानीय स्तर पर सशक्त आजीविका के साधनों से जोड़ा गया था जिसमें प्रवासी भी शामिल थे. सखी मंडल की महिलाओं द्वारा इस दिशा में किये गये कार्यों की प्रशंसा करते हुए ग्रामीण विकास सचिव ने हर जरूरतमंद परिवारों को चिह्नित कर उन्हें ‘आशा’ से जोड़ने की अपील की.
वहीं, संकुल संगठन के सदस्यों को संबोधित करते हुए उन्होंने सखी मंडल से जुड़ी सभी 32 लाख महिलाओं को आजीविका के एक से ज्यादा साधनों से जुड़ने की सलाह दी जिससे प्रत्येक महिला को औसतन 10 हजार रुपये तक की मासिक आय हो सके. संकट की इस घड़ी में प्रवासियों के परिवार को भी सखी मंडल में जोड़कर आजीविका के साधन उपलब्ध कराने की जरूरत पर जोर दिया एवं सखी मंडल की दीदियों से ऐसे परिवारों को चिह्नित करने की अपील की.
Also Read: अच्छी खबर : धनबाद का एक ऐसा गांव जहां आज तक नहीं पहुंचा कोरोना संक्रमण, ग्रामीणों में जागरूकता का दिखा असर, पढ़ें पूरी खबर
वर्तमान में राज्य की 2 लाख से ज्यादा महिलाएं पलाश ब्रांड के अंतर्गत उत्पादों की निर्माण एवं बिक्री से अपनी आजीविका संवार रही हैं. ग्रामीण विकास सचिव आराधना पटनायक ने राज्य में सखी मंडल से जुड़ी सभी महिलाओं को पलाश के अंतर्गत उत्पादों का निर्माण और बिक्री करने की बातें कही. उन्होंने कहा कि पलाश के अंतर्गत ग्रामीण महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की बिक्री के जरिये हमारा प्रयास है कि ग्रामीण महिलाओं तक पूरा मुनाफा पहुंचाना. पहले जब महिलाएं हाट-बाजार में खुले में अपने उत्पाद बेचती थी तब उनके मुनाफा का बड़ा हिस्सा बिचौलिये ले जाते थे. पलाश ब्रांड के अंतर्गत महिला उद्यमियों को उनके उत्पाद की बिक्री के लिए सीधा बाजार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है.
बाजार में ग्रामीण महिलाओं द्वारा निर्मित उत्पादों की काफी मांग है. ग्राहकों के बीच अपनी विश्वसनीयता बनाये रखने के लिए महिला उद्यमियों को अपने उत्पादों की गुणवत्ता बनाये रखने की जरूरत है. उन्होंने राज्य में सखी मंडल की महिलाओं द्वारा ग्रामीण इलाकों में किये जा रहे विकास के कार्यों की सराहना करते हुए उन्हें ऐसे ही आगे बढ़ते रहने की सलाह दी. साथ ही कहा कि हमारी सखी मंडल की महिलाएं वर्तमान में ग्रामीण विकास की धुरी बन चुकी है. हमारी दीदियों द्वारा गांव में सरकारी योजनाओं की पहुंच बढ़ रही है जिससे ग्रामीणों तक अधिक से अधिक लाभ पहुंच रहा है.
Posted By : Samir Ranjan.