अमेरिका के राष्ट्रपति ने वादा किया है कि अमेरिका की 70 फीसद आबादी का 4 जुलाई तक वैक्सीनेशन हो जायेगा. भारत में इतनी आबादी का वैक्सीनेशन कब होगा ? देश में कोरोना वैक्सीन की पूरी प्रक्रिया खत्म होने में कितना समय लगेगा.
कौन सी वैक्सीन का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होगा और लोगों तक वैक्सीन पहुंचने में कितना वक्त लगेगा. कोरोना संक्रमण के दौरान राहत की उम्मीद कर रहे लोगों के मन में ऐसे कई सवाल हैं. आइये इन सवालों का जवाब तलाशने की कोशिश करते हैं.
देश के कई राज्यों से अक्सर वैक्सीन की कमी की खबर आती है. वैक्सीनेशन तभी संभव होगा जब वैक्सीन की कमी पूरी होगी. अमेरिका में 70 फीसद आबादी का वैक्सीन 4 जुलाई तक होने की खबर है, भारत की आबादी अमेरिका से चार गुना ज्यादा है. अगर सिर्फ भारत के 70 फीसद आबादी के वैक्सीनेशन की बात करें तो इसमें 97 करोड़ लोग आते हैं वैक्सीनेशन का दो डोज एक व्यक्ति को दिया जा रहा है इस आधार पर हमें 194 करोड़ वैक्सीन की जरूरत पड़ेगी.
अब सवाल है 194 करोड़ वैक्सीनेशन में कितना समय लगेगा. देश में हम इसे दो वैक्सीन के आधार पर समझते हैं सबसे पहले जिक्र करते हैं कोविशील्ड का. सरकार ने अदार पूनावाला से वैक्सीन बनाने में तेजी की अपील की है. अगले तीन महीनों में 11 करोड़ कोविशील्ड वैक्सीन मिलेगी. अगर इसी आंकड़े को जारी रखा जाता है तो मार्च 2022 तक 44 करोड़ कोविशील्ड वैक्सीन मिलेगी.
अगर इसी तरह वैक्सीन के अलग- अलग आंकड़े को सामने रखें तो मार्च 2020 तक कोविशील्ड के 44 करोड़ टीके, कोवैक्सीन के 60 करोड़, रुस की वैक्सीन स्पुतनिक के 36 करोड़ टीके आयेंगे इन सबको जोड़ दें तो वैक्सीन की कुल संख्य 140 करोड़ हो जाती है. इसके अलावा कई और वैक्सीन के आने की भी चर्चा है.
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इन आंकड़ों से साफ है कि अगर इसी तरह वैक्सीन का उत्पादन होता रहा और वैक्सीनेशन इसी रफ्तार से चलती रही तो मार्च 2022 तक भारत अपनी 70 फीसद आबादी को वैक्सीन देने में सफल रहेगा.