पटना. कोरोना काल में राजधानी पटना के अधिकतर लोग घर बैठे विभिन्न वेबसाइटों के जरिये ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं. किराना, सब्जी-फल, खाना से लेकर दवाइयां और मेडिकल के उपकरण तक मंगवा रहे हैं. इसके चलते ऑनलाइन जालसाजी के मामले भी बढ़ गये हैं. साइबर जालसाज अलग-अलग ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर सक्रिय हो गये हैं.
मिली जानकारी के अनुसार सबसे अधिक इ-कॉमर्स वेबसाइट, सोशल मीडिया, कुरियर सर्विस कंपनियों के नाम से ऑनलाइन धोखाधड़ी हो रही है. एक अनुमान के अनुसार ऑनलाइन जालसाजी की हर सप्ताह लगभग 40 से अधिक शिकायतें पहुंच रही हैं. इनमें से ज्यादा शिकायतें देरी से पुलिस के पास पहुंचती हैं.
लॉकडाउन के कारण लोग घर से बाहर नहीं निकल रहे हैं और ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं. कई लोग बिना अनुभव के ही ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं. ऐसे लोग जालसाज के जाल में आसानी से फंस रहे हैं. कुछ जालसाज फ्रेंड बना कर जालसाजी करते हैं.
इस वक्त ऑनलाइन खरीदारी बढ़ने के कारण ही साइबर फ्रॉड करने वालों ने कई नामी कंपनियों के नाम से नकली वेबसाइट बना रखे हैं. जालसाज कस्टमर केयर बनकर ठगी करते हैं. साथ ही कोरोना पीड़ितों की सहायता के नाम पर भी जालसाजी की जा रही है.
साइबर एक्सपर्ट वरुण नायर ने कहा कि कोरोना संकट में कस्टमर केयर बनकर पैसा जमा करने के बहाने लिंक भेज कर मोबाइल एप डाउनलोड कराया जाता है. इससे पीड़ित के मोबाइल को हैक कर लेते हैं.
इसके बाद मोबाइल का पूरा डाटा चुरा कर बैंक संबंधित जानकारी ले लेते हैं. फिर बैंक खाते से रकम निकाल लेते हैं. जालसाजी में एनिडेस्क, वीएनसी, क्विक सपोर्ट, टीम व्यूअर आदि मोबाइल एप का अधिक प्रयोग हो रहा है.
Posted by Ashish Jha