पटना. कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए पटना सहित पूरे बिहार में 15 मई तक लॉकडाउन की घोषणा की गयी है. इसके बाद भी पटना जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार धीमी नहीं पड़ रही है. यूं कहें कि लॉकडाउन के बाद भी कोरोना संक्रमण लॉक नहीं हो पा रहा है.
शुक्रवार को जिला में एक बार फिर कोरोना विस्फोट की स्थिति दिखी. एक साथ कोरोना के 2410 नये मरीज मिले. हालांकि, शुक्रवार तक तकरीबन 1200 से अधिक मरीज कोरोना संक्रमण को हराकर स्वस्थ्य हो चुके हैं.
शुक्रवार को जो मरीज मिले हैं इनमें 60 प्रतिशत मरीज ग्रामीण इलाके के हैं, बाकी शहरी क्षेत्र के शामिल हैं. इसके साथ ही जिले में एक्टिव मरीजों की संख्या 21 हजार 704 से बढ़कर 22 हजार 330 पहुंच गयी है.
सिविल सर्जन डॉ. विभा कुमारी ने बताया जिले में लोगों के कोरोना संक्रमित होने की तुलना में अच्छी खासी संख्या में लोग कोरोना संक्रमण से जीतकर स्वस्थ्य भी हो रहे हैं. जिले के विभिन्न आइसोलेशन सेंटर में या होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीज स्वस्थ भी हो रहे हैं.
कोरोना से मरीजों की मौत मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. शुक्रवार को कोरोना से 29 और लोगों की मौत हो गयी. पटना एम्स में पटना, जमुई, गया व झारखंड के एक डॉक्टर समेत 12 लोगों की मौत कोरोना से हो गयी, जबकि 34 नये कोरोना पॉजिटिव मरीजों को एडमिट किया गया है. इनमें सबसे ज्यादा पटना के पॉजिटिव मरीज हैं. इसके अलावा एम्स में 46 लोगों ने कोरोना को मात दे दी, जिन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया.
वहीं शुक्रवार शाम तक आइसोलेशन वार्ड में एडमिट कुल 303 मरीजों का इलाज चल रहा था. वहीं, पीएमसीएच में सात कोरोना मरीजों की मौत हो गयी. इसमें पांच मरीज पटना व दो मरीज वैशाली जिले के हैं. अब तक पीएमीसएच में 214 मरीजों की कोरोना से मौत हो गयी है.
वहीं, अच्छी बात यह है कि 15 मरीजों ने कोरोना को मात दी है, जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद उन्हें घर भेजने के लिए डिस्चार्ज किया है. इधर, नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत का सिलसिला जारी है. गुरुवार व शुक्रवार को पांच-पांच संक्रमित मरीज की मौत हुई है. अस्पताल में कोरोना संक्रमित 515 मरीजों की अब तक मौत हो चुकी है.
Posted by Ashish Jha