16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

कोर्ट की मौखिक टिप्पणी पर भी हो सकती है रिपोर्टिंग, सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग की याचिका पर सुनवाई के बाद कहा

चुनाव आयोग की तरफ से दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, मीडिया की आजादी सिर्फ औपचारिक आदेश रिपोर्ट करने तक सीमित नहीं है, वो सुनवाई की पूरी प्रकिया ( मौखिक टिप्पणियों) को भी रिपोर्ट कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उदाहरण देते हुए कहा कि इंटरनेशनल कोर्ट तो लाइव स्ट्रीमिंग तक की इजाजत देते हैं. गुजरात हाईकोर्ट में भी ऐसा है.

चुनाव आयोग की अर्जी पर आज सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया कवरेज को लेकर स्थिति साफ कर दी. चुनाव आयोग ने मांग की थी कि मीडिया औपचारिक आदेश को ही रिपोर्ट कर, जज की मौखिक टिप्पणी को खबर ना बनायें. मद्रास हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणियों के खिलाफ चुनाव आयोग की अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि मीडिया चाहे तो मौखिक टिप्पणी को भी खबर बना सकती है.

चुनाव आयोग की तरफ से दायर अर्जी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, मीडिया की आजादी सिर्फ औपचारिक आदेश रिपोर्ट करने तक सीमित नहीं है, वो सुनवाई की पूरी प्रकिया ( मौखिक टिप्पणियों) को भी रिपोर्ट कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने उदाहरण देते हुए कहा कि इंटरनेशनल कोर्ट तो लाइव स्ट्रीमिंग तक की इजाजत देते हैं. गुजरात हाईकोर्ट में भी ऐसा है.

Also Read: ओलंपिक विजेता सुशील कुमार की तलाश में छापेमारी कर रही दिल्ली पुलिस, 23 साल के पहलवान की हत्या का है आरोप

जस्टिस चंद्रचूड़ ने आदेश में इसका भी जिक्र किया कि मद्रास हाईकोर्ट की टिप्पणी सख्त थी. कोरोना संक्रमण को नियंत्रण करने में कोर्ट की भूमिका भी अहम थी दूसरी तरफ चुनाव आयोग भी निष्पक्ष चुनाव कराता रहा है. सख्त टिप्पणी करने में सावधानी बरतने की आवश्यक्ता है. इन टिप्पणी को हटाया नहीं जा सकता और ना ही मौखकि टिप्पणियों की रिपोर्टिंग से मीडिया को रोकाजा सकता है.

ध्यान रहे कि पिछले महीने मद्रास हाईकोर्ट ने कोरोना संकट के बीच चुनाव कराने को लेकर सख्त टिप्पणी की थी. कोर्ट ने गैर जिम्मेदार संस्था करार दे दिया था. हाईकोर्ट ने यहां तक कहा था कि आयोग के अधिकारियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए.

Also Read: चौधरी अजित सिंह ने यूएस की नौकरी छोड़ संभाली थी पिता की राजनीतिक विरासत

चुनाव आयोग पर की गयी कोर्ट की इस टिप्पणी पर मीडिया ने खूब रिपोर्टिंग की थी आयोग इसी रिपोर्टिंग के विरोध में सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था और मांग की थी आयोग को दोषी ठहराने वाली कोर्ट की मौखिक टिप्पणियों को मीडिया में छापने से रोका जाए. कोर्ट ने अब साफ कर दिया कि मौखिक टिप्पणी से भी खबर बनायी जा सकती है इसके लिए मीडिया को रोका नहीं जा सकता.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें