बिहार के भागलपुर स्थित जेएलएनएमसीएच अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड के भीतर उस वक्त तोड़फोड़-हंगामा हो गया जब एक मरीज को ऑक्सीजन की सुविधा नहीं मिल पाने की वजह से स्थिति गंभीर हो गयी. बताया जा रहा है कि हंगामा और तोड़फोड़ करनेवाले परिजनों के परिवार के दो लोग तीन दिनों के भीतर अस्पताल में ही दम तोड़ चुके थे.
घटना के बाद गोपालपुर विधायक गोपाल मंडल भी मौके पर पहुंचे. उन्होंने मरीज को अपना रिश्तेदार बताया. विधायक ने अस्पताल प्रबंधन व डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया. मामले की गंभीरता को देखते हुए एएसपी सिटी पूरन कुमार झा भी मायागंज अस्पताल पहुंचे.
जहां उन्होंने पहुंचते ही मरीज के परिजनों से बातचीत कर उन्हें शांत कराया. इधर बरारी पुलिस ने मायागंज अस्पताल में तोड़फोड़ करनेवाले दो उपद्रवियों को अपने हिरासत में लिया. वहीं अस्पताल प्रबंधन द्वारा मामले में प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए आवेदन देने की बात कही गयी.
सोमवार रात करीब 11 बजे मायागंज स्थित जेएलएनएमसीएच अस्पताल में बांका के अमरपुर स्थित बल्लिकित्ता के रहनेवाले एक बुजुर्ग मरीज को भर्ती कराया गया. कोरोना वायरस के लक्षण होने की वजह से तत्काल डाक्टरों ने उन्हें ऑक्सीजन चढ़ाने की बात कही. इसके बाद मरीज को ऑक्सीजन पर रखा गया. पर कुछ ही देर बाद मरीज की हालत बिगड़ने लगी.
मरीज के परिजनों का आरोप था कि मरीज को लगाये गये ऑक्सीजन में ऑक्सीजन नहीं मिल पा रहा था. जबकि 1 मई से लेकर 3 मई के बीच उन्हीं के परिवार के दो लोगों की मौत अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही की वजह से हो गयी थी. ऑक्सीजन सही से नहीं मिल पाने की शिकायत परिजनों ने कई बार नर्स और अस्पताल प्रबंधन से की. इसके बावजूद मरीज को कोई देखने के लिए नहीं आ रहा था. इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया.
इस दौरान अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड और कंट्रोल रूम में शीशे और कुर्सियों को तोड़ फोड़ करने लगे. बरारी थानाध्यक्ष एसआइ नवनीश कुमार और एएसआइ रामप्रवेश यादव दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और तोड़फोड़ करने वाले मरीज के परिजन अक्षय और छोटू को हिरासत में ले लिया. तब जाकर मामला शांत हुआ. इधर विधायक गोपाल मंडल भी अस्पताल पहुंचे. अस्पताल में भर्ती मरीजों को हो रही असुविधा का आरोप लगाते हुए इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री और राज्य स्वास्थ्य मंत्री से करने की बात कही.
मायागंज स्थित जेएलएनएमसीएच में सोमवार की रात एक मरीज के परिजनों ने ऑक्सीजन नहीं मिलने से अस्पताल में घुसकर जमकर तोड़फोड़ व हंगामा किया था. उक्त मामले में अस्पताल अधीक्षक डॉ असीम कुमार दास के लिखित आवेदन पर बरारी थाने में मरीज के परिजन बांका जिले के अमरपुर स्थित बल्लीकित्ता के दो युवक अक्षय और छोटू को मंगलवार देर शाम न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
जानकारी के अनुसार कोविड के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स को लेकर जिला प्रशासन काफी सजग है. मायागंज अस्पताल में हुए हंगामे को लेकर जिलाधिकारी खुद मामले पर नजर बनाये हुए थे. डाॅक्टरों ने भी मरीज के परिजनों के दुर्व्यवहार का विरोध जताया था. जिससे मामला काफी गंभीर बन गया था.
जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में सब कुछ सही नहीं है. पिछले दिनों प्रधान सचिव ने अस्पताल निरीक्षण किया था. उनके जाने के बाद व्यवस्था में थोड़ा सुधार हुआ, लेकिन पिछले एक सप्ताह से यहां रोजाना हंगामे की सूचना आ रही है. सोमवार को अस्पताल का दो वीडियो एक साथ सोशल साइड पर वायरल हो गया है. वीडियो में अस्पताल में मिलने वाली सुविधाओं पर ही सवाल उठाया गया है.
पहले वीडियो ने दिखाया गया कि दो युवक अस्पताल में अपने मरीज की मौत पर हंगामा कर रहे हैं. एक युवक कभी दरवाजे पर लात मारता है, तो दूसरा सामान को उठा कर तोड़ने का प्रयास करता है. दोनों बार-बार गाली गलौज करते हुए सभी को पीटने की बात कह रहे हैं. उनका आरोप है कि अस्पताल के इमरजेंसी में रात में डॉक्टर नहीं रहते, नर्स भी किसी की सुनती नहीं है. कर्मी का पता नहीं. मरीज भगवान भरोसे रहते हैं.
दूसरा वीडियो भी इमरजेंसी वार्ड का ही है. इसमें युवक कभी ऑक्सीजन फ्लो मीटर को दिखाता है, तो कभी वार्ड को. इसमें वह कहता है कि मरीज को देखने वाला कोई नहीं है. डॉक्टर नर्स गायब है. लोग यहां मर रहे हैं. मरीज को सांस लेने में परेशानी हो रही है. ऑक्सीजन का फ्लो बेहतर नहीं है. कई मशीन से ऑक्सीजन निकल ही नहीं रहा है, इसकी शिकायत कहा करे. इसके बाद युवक ने अपने आक्रोश को सामने रखा. वीडियो के अंत में इस युवक ने लोगों से मदद भी मांगी है.
Posted by: Utpal Kant