गया. कोरोना संकट के बीच आमजन कई अन्य घातक बीमारियों के उपचार में समस्याओं का सामना कर रहे हैं. कोरोना महामारी विशेषकर खून की कमी से जूझ रहे मरीजों के लिए परेशानी का सबब बन गयी है.
इस संकटकाल में रक्तदान करने वालों की संख्या में लगातार कमी देखी गयी है. इससे ब्लड बैंक पर्याप्त मात्रा में खून का स्टॉक नहीं बना पा रहे हैं. हालांकि, स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड काल में भी तमाम सुरक्षा नियमों को अपनाते हुए रक्तदान किया जा सकता है.
रक्तदान महादान है और कोविड संक्रमण से इसका कोई संबंध नहीं है. किसी भी ब्लड बैंक में संक्रमण से बचाव यथा मास्क लगाना, सैनिटाइजर या साबुन-पानी से हाथों की नियमित धुलाई, शारीरिक दूरी जैसे मानकों का पालन करते हुए रक्तदान किया जा सकता है. स्वास्थ्य विभाग और सहयोगी संस्थाएं विभिन्न संदेशों के माध्यम से लोगों को रक्तदान करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं.
स्टेट रिसोर्स यूनिट की मैटरनल हेल्थ इकाई के टीम लीडर डॉ प्रमोद ने लोगों से कोरोना वैक्सीनेशन से पूर्व रक्तदान करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए बड़े पैमाने पर 18 वर्ष या इससे से अधिक आयु वर्ग के लोगों को टीका लगाया जा रहा है.
ऐसे में वैक्सीनेशन के साथ-साथ जरूरतमंदों के वास्ते रक्त की मांग को पूरा करने के लिए रक्तदान आवश्यक है. उनका कहना है कि कोविड संक्रमण काल में भी सुरक्षित रह कर रक्तदान किया जा सकता है. चूंकि, टीकाकरण के 70 दिन तक रक्तदान नहीं किया जा सकता है, इसलिए वैक्सीनेशन से पूर्व युवा आगे बढ़ कर रक्तदान करें.
उन्होंने लोगों से कोरोना टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के साथ-साथ टीकाकरण से पहले एक बार रक्तदान अवश्य करने की अपील की है. उन्होंने कहा है कि रक्तदान किसी भी जरूरतमंद को एक नयी जिंदगी दे सकता है.
कोरोना काल में कई लोगो को रक्त की जरूरत होती है. रक्त से संबंधित समस्या वाले रोगियों को रक्त की हमेशा जरूरत पड़ती है. विशेषकर, थैलीसीमिया से पीड़ित मरीजों को समय-समय पर खून की जरूरत पड़ती है. वहीं, प्रसव के दौरान गर्भवती महिलाओं को भी खून की अधिक आवश्यकता होती है. ऐसे में उनके स्वास्थ्य का ध्यान रखना हम सबकी जिम्मेदारी है.
खून की कमी के कारण कहीं और किसी की भी जान जा सकती है. खून की आवश्यकता की पूर्ति के लिए ब्लड बैंक में पर्याप्त मात्रा में खून होना जरूरी है. स्वस्थ व्यक्ति ब्लड बैंक जाकर खून दे सकते हैं.
Posted by Ashish Jha