IPL 2021 suspended : दुनिया की सबसे बड़े और भव्य क्रिकेट लीग इंडियन प्रीमियर लीग का 14वां सीजन कोरोना की चपेट में आने के बाद अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया है. कोलकाता नाइट राइडर्स, चेन्नई सुपर किंग्स और उसके बाद दिल्ली-हैदराबाद के एक के बाद एक करके खिलाड़ियों के संक्रमण के चपेट में आने के बाद ये फैसला लिया गया. लेकिन अब बड़ा सवाल यह उठता है कि BCCI जिस सुरक्षित बायो बबल का खिलाड़ियों को आश्वासन दिया गया था उसमें वायरस ने सेंध कैसे लगायी यानि चूक कहां से हुई. इसके टूटने के पीछे के क्या कारण हो सकते हैं, आइये जानते हैं…
एक हफ्ते पहले इंडियन प्रीमियर लीग 2021 के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने खिलाड़ियों को कहा था कि आप मानवता के लिए खेल रहे हैं और उन्हें आश्वासन दिया कि वे टूर्नामेंट के बायोसेंबर बबल के दायरे में पूरी तरह से सुरक्षित हैं. पर एक हफ्ते में बोय बबल टूट गया, टूर्नामेंट ने फ्रेंचाइजी के साथ अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया. आईपीएल 2021 के अनिश्चित काल के लिए स्थगित होने से बीसीसीआई 2000 करोड़ रुपये से अधिक खोने नुकासन होने की भी संभावना है.
सबसे पहले कोलकाता नाइटराइडर्स के दो खिलाड़ी वरुण चक्रवर्ती और संदीप वॉरियर के कोरोना पॉजिटिव आए थें. जानकारी के मुताबिक वरुण (Varun Chakravarthy) अपने कंधे के स्कैन के लिए अस्पताल गए थे. बीसीसीाई के नियमों के हिसाब से खिलाड़ियों को पीपीई किट पहनकर अस्पताल जाने की इजाजत है. वरुण ने सभी नियमों का पालन किया था, लेकिन उसके बाद भी ये स्पिन गेंदबाज कोरोना वायरस से संक्रमित हो गए.
वहीं आईपीएल 2020 के लिए संयुक्त अरब अमीरात में बायो बबल को ट्रैकिंग उपकरणों और जैव-सुरक्षित समाधानों में पारंगत पेशेवर कंपनी रेस्ट्रेटा द्वारा देखा जा रहा था जबकि भारत में यह काम स्थानीय अस्पताल और परीक्षण प्रयोगशालाओं के हाथों में छोड़ दिया गया था, जो रेस्ट्रेटा की जरह काम नहीं कर पायी. हवाई यात्रा सबसे बड़ी चिंता थी क्योंकि आईपीएल 2021 को छह शहरों में आयोजित किया जाना था. पिछले साल यूएई में हवाई यात्रा की कोई जरूरत नहीं थी.
यह एक तरह का सुरक्षित वातावरण होता है. आइपीएल मैच से जुड़े सभी खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ के लिए सुरक्षित वातावरण तैयार किया गया है. ये एक ऐसा वातावरण हो जाता है, जहां आप बाहरी दुनिया से कट जाते हैं. बीसीसीआइ ने आइपीएल को कोरोना से बचाने के लिए ऐसा वतावरण तैयार किया है. कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही बायोबबल में जगह मिलती है. पहले सभी खिलाड़ियों और सपोर्ट स्टाफ के सात दिन तक कोरेंटिन में रहना पड़ा था. कोरेंटिन पूरा होने के बाद खिलाड़ियों को बायो बबल में शामिल किया गया. यानी वे पूरी तरह से सुरक्षित थे. लगातार उनकी टेस्ट होती रहती है.