पटना. कोरोना काल में थैलेसीमिया पीड़ित बच्चों की जान पर आफत आ गयी है. उन्हें समय पर खून नहीं मिल पा रहा है. कई बच्चों को ब्लड की सख्त जरूरत है. पीड़ित बच्चों को लेकर परिजन शहर के पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल, इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स व नालंदा मेडिकल कॉलेज समेत जय प्रभा ब्लड बैंक पहुंच रहे हैं, लेकिन अधिकांश परिजनों को निराशा हाथ लग रही है.
यहां तक कि थैलेसीमिया सोसाइटी के पदाधिकारी पहुंचे और ब्लड उपलब्ध कराने की मांग की. संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि जिले में करीब 200 से अधिक थैलेसीमिया पीड़ित बच्चे एम्स, पीएमसीएच व आइजीआइएमएस में पंजीकृत हैं.
एक बच्चे को हर महीने कम से कम दो से तीन यूनिट खून की जरूरत पड़ रही है. इस तरह करीब 800 यूनिट से अधिक रक्त की हर माह इन बच्चों को जरूरत है. इस समय ब्लड बैंकों में भी स्टॉक नहीं है.
प्राइवेट ब्लड बैंकों समेत कई समूह के ब्लड बैंकों में भी समस्या बनी हुई है. वहीं, जानकारों का कहना है कि कोरोना की वजह से ब्लड डोनेशन पर असर पड़ा है. स्वैच्छिक रक्तदान पूरी तरह से थम-सा गया है. इसके अलावा टीकाकरण का भी असर देखने को मिल रहा है, क्योंकि वैक्सीन लगाने के बाद करीब 80 दिन तक ब्लड डोनेशन करने की मनाही है.
Posted by Ashish Jha