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Exclusive : नवजात शिशु 42 दिन से अधिक का है, तो दूध पिलाने वाली महिलाएं भी लगवा सकती हैं वैक्सीन, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

देश में कोरोना के खिलाफ जंग में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. आगामी 1 मई से 18 साल से अधिक आयु के लोगों को भी कोरोना का टीका लगाया जाएगा. इस बीच, एक अहम सवाल यह भी पैदा होता है कि जो महिलाएं अपने बच्चों को दूध पिला रही हैं, वे वैक्सीन ले सकती हैं या नहीं?

Exclusive News : देश में कोरोना के खिलाफ जंग में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चलाया जा रहा है. आगामी 1 मई से 18 साल से अधिक आयु के लोगों को भी कोरोना का टीका लगाया जाएगा. इस बीच, एक अहम सवाल यह भी पैदा होता है कि जो महिलाएं अपने बच्चों को दूध पिला रही हैं, वे वैक्सीन ले सकती हैं या नहीं? आइए, जानते हैं कि इस मसले पर आईसीएमआर की एईएफआई और नैगवैक कमेटी (नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीनेशन एडमिनिस्ट्रेशन कमेटी) के सलाहकार डॉ एनके अरोड़ा क्या कहते हैं?

क्या शिशुओं को दूध पिलाने वाली महिलाएं कोरोना का टीका नहीं ले सकतीं?

16 जनवरी को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा शुरू कोरोना के टीकाकरण अभियान के पहले चरण में गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को कोरोना का वैक्सीन नहीं लेने की सलाह दी गई थी, लेकिन हाल ही में नेकवैग (नेशनल एक्सपर्ट ग्रुप ऑन वैक्सीनेशन एडमिनिस्ट्रेशन कमेटी) ने स्तनपान कराने वाली महिलाओं को टीकाकरण पात्रता में शामिल करने की सिफारिश की है. इसमें यह कहा गया है कि 42 दिन से अधिक उम्र के बच्चे की मां कोरोना का वैक्सीन लगवा सकती हैं. हालांकि, गर्भवती महिलाओं के लिए नियम पूर्ववत ही रहेंगे.

अगर नहीं ले सकतीं, तो इसका कारण क्या है?

42 दिन से कम उम्र के बच्चे की स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए कोरोना वैक्सीन शुरू करने पर विशेषज्ञ विचार कर रहे हैं.

ऐसी महिलाओं पर कोरोना का टीका किस तरह से अपना प्रभाव डालता है?

कोरोना के लिए जितनी भी वैक्सीन को देश में प्रयोग की आपातकालीन अनुमति दी गई है, उन सभी को सुरक्षा और प्रभावकारिता के सभी मानकों पर जांचा गया है. क्योंकि, गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को वैक्सीन परीक्षण में शामिल नहीं किया गया था, इसलिए उन पर वैक्सीन का क्या असर होगा, इसके पुख्ता प्रमाण नहीं है. स्तनपान कराने वाली महिलाओं को नई सिफारिश के बाद यदि वैक्सीन दिया जाता है, तो मामूली बुखार, वैक्सीन वाली जगह पर लाल निशान और हल्का दर्द आदि मामूली दुष्प्रभाव हो सकते हैं, जिससे किसी भी तरह घबराने की जरूरत नहीं है.

अगर किसी महिला ने टीका लगवा लिया है, तो मां का दूध पीने वाले बच्चे पर इसका क्या प्रभाव पड़ेगा?

विशेषज्ञ अभी इस बात के पुख्ता परिणाम के लिए आश्वस्त नहीं हैं, लेकिन वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है और यह संक्रमण की गंभीर स्थिति को रोकने में कारगर है.

क्या गर्भवती महिलाओं को भी कोरोना का टीका नहीं लगवाना चाहिए?

नहीं, भारत सरकार द्वारा टीकाकरण के लिए जारी गाइडलान में गर्भवती महिलाओं को कोरोना की वैक्सीन के लिए पात्र नहीं माना गया है. ऐसा इसलिए कि कोरोना वैक्सीन के लिए परीक्षण में शामिल प्रतिभागियों में गर्भवती महिलाओं को शामिल नहीं किया गया था. इसलिए इस बात के पुख्ता परिणाम हमारे पास नहीं है कि यदि गर्भवती महिलाओं को कोरोना का वैक्सीन दिया जाएगा, तो उसके स्वास्थ्य पर इसका क्या असर पड़ेगा.

गर्भवती महिलाओं द्वारा टीका लगवाए जाने पर महिला और गर्भस्थ शिशु पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

अभी गर्भवती महिलाओं को कोरोना वैक्सीन के लिए पात्र नहीं माना गया है, गर्भवती महिलाओं को वैक्सीन नहीं लगवाना है.

अगर किसी गर्भवती ने यह टीका लगवा लिया है, तो उसका क्या उपाय है?

जैसा कि पहले बताया जा चुका है कि गर्भवती महिलाएं अभी कोरोना टीकाकरण की पात्रता की सूची में शामिल नहीं है, क्योंकि अभी गर्भवती महिलाओं पर वैक्सीन का परीक्षण नहीं किया गया है. बावजूद इसके यदि कोई महिला टीका लगवा लेती हैं, तो इसके कोरोना वैक्सीन प्रोटोकॉल का उल्लंघन माना जाएगा.

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Story written by : Vishwat Sen

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