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SC का केंद्र से सवाल : टीका के दाम पर क्या कर रही है सरकार? वेदांता को मिली ऑक्सीजन उत्पादन की मंजूरी

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पक्ष रख रहे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोरोना की पहली लहर 2019-20 में आई थी, लेकिन इस दूसरी लहर का किसी को अंदाजा नहीं था. उन्होंने अदालत से कहा कि हमने इसको लेकर कई बड़े कदम उठाए हैं. सरकार की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर स्थिति की निगरानी की जा रही है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लिए बैठकें कर रहे हैं.

नई दिल्ली : कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच देश भर में स्वास्थ्य सुविधाएं चरमराने के बाद सुप्रीम कोर्ट में आज स्वत: संज्ञान वाले मामले में सुनवाई जारी है. सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार से कोरोना टीकों की सप्लाई, ऑक्सीजन की आपूर्ति, कोरोना की दवाओं की उपलब्धता और लॉकडाउन को लेकर राज्यों के अधिकारियों को लेकर राष्ट्रीय की मांग की थी. सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्र सरकार से टीकों की कीमत को लेकर सवाल पूछे और कहा कि देश में जो हालात हैं, वे देशव्यापी आपातकाल के नहीं हैं, तो फिर कब होंगे?

इसके साथ ही, आज की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल कर दिया गया है. इसमें यह कहा गया है कि राज्यों को ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के लिए चिट्ठी भेजी जा चुकी है. सर्वोच्च अदालत ने कहा कि इस सुनवाई का अर्थ यह बिल्कुल नहीं है कि हाईकोर्ट में जो सुनवाई चल रही है, उस पर रोक लगानी है. अदालत ने कहा कि हाईकोर्ट स्थानीय स्थिति को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं. राष्ट्रीय मुद्दों पर हमारा हस्तक्षेप करना आवश्यक था. हम राज्यों के बीच तालमेल बनाने का काम करेंगे.

दूसरी लहर का किसी को नहीं था अंदाजा : तुषार मेहता

सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से पक्ष रख रहे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि कोरोना की पहली लहर 2019-20 में आई थी, लेकिन इस दूसरी लहर का किसी को अंदाजा नहीं था. उन्होंने अदालत से कहा कि हमने इसको लेकर कई बड़े कदम उठाए हैं. सरकार की ओर से राष्ट्रीय स्तर पर स्थिति की निगरानी की जा रही है. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसके लिए बैठकें कर रहे हैं.

कोरोना टीकों के दाम पर सरकार से पूछे सवाल

सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति आरएस भट्ट ने कहा कि सेना और रेलवे के चिकित्सक केंद्र सरकार के अधीन आते हैं. ऐसे में क्या इन्हें कोरेंटिन, टीकाकरण और दूसरे कामों में इस्तेमाल किया जा सकता है. इस पर राष्ट्रीय योजना क्या है. इस समय टीकाकरण बहुत जरूरी है. टीकों के दाम पर केंद्र सरकार क्या कर रही है? उन्होंने कहा कि अगर यह राष्ट्रीय आपातकाल नहीं है, तो फिर क्या है?

राजस्थान और बंगाल ने दाम को लेकर जताई आपत्ति

बता दें कि मंगलवार को सर्वोच्च अदालत में तमिलनाडु के तूतीकोरन स्थित वेदांता के स्टरलाइट प्लांट को दोबारा शुरू किए जाने को लेकर सुनवाई की गई. सुप्रीम कोर्ट ने वेदांता के इस प्लांट को दोबारा शुरू करने की अनुमति दे दी है. तमिलनाडु सरकार ने जानकारी दी है कि उन्होंने वेदांता को चार महीने तक प्लांट चलाने की अनुमति दी है. इस दौरान स्टरलाइट प्लांट से केवल ऑक्सीजन का उत्पादन किया जाएगा. इसी सुनवाई के दौरान सर्वोच्च अदालत में राजस्थान और बंगाल की ओर से टीका के अलग-अलग दामों को लेकर आपत्ति जाहिर की गई.

10 दिन के अंदर ऑक्सीजन का उत्पादन फिर से शुरू करेगी वेदांता

सर्वोच्च अदालत ने वेदांता से सवाल किया कि वह कितनी जल्दी ऑक्सीजन का उत्पादन शुरू कर देगा. अदालत के सवाल पर कंपनी ने 10 दिनों का समय मांगा है. वेदांता के इस प्लांट को तूतीकोरन में हुए हादसे के बाद बंद कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह राष्ट्रीय संकट का समय है और ऐसे वक्त में सबको एक साथ आना चाहिए. अदालत ने कहा कि कॉपर प्लांट में किसी के प्रवेश की अनुमति नहीं होगी. ऑक्सीजन प्लांट कैसे काम करेगा, इसका फैसला समिति करेगी. अदालत की इस समिति में मंत्रालय के किसी भी व्यक्ति को शामिल किया जाएगा. प्लांट में केवल ऑक्सीजन का ही उत्पादन किया जाएगा.

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Posted by : Vishwat Sen

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