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PM नरेंद्र मोदी ने झारखंड के साहिबगंज में जिस डेयरी प्लांट की रखी थी आधारशिला, निर्धारित समय में इस वजह से नहीं हो सका तैयार, ये है लेटेस्ट अपडेट

Jharkhand News, साहिबगंज (नवीन कुमार) : झारखंड के साहिबगंज जिले में 50 टन क्षमता वाले डेयरी प्लांट का भवन सदर प्रखंड के महादेवगंज गौशाला के समीप बनकर तैयार है. प्लांट में 50 फीसदी मशीन स्थापित हो चुका है. शेष मशीनें मई तक पहुंचकर स्थापित हो जायेंगी. जून तक डेयरी प्लांट तैयार हो जाएगा. डेयरी प्लांट का प्रोडक्शन अक्टूबर माह से शुरू होगा. डेयरी प्लांट की आधारशिला पीएम मोदी ने अप्रैल 2017 में रखी थी. 34 करोड़ की लागत से इसका निर्माण किया जा रहा है. इसकी तय समय सीमा दिसंबर 2020 थी, लेकिन कोरोना और फंड के अभाव में बीच में कार्य बाधित रहा. अब फंड मिलने से दोबारा कार्य शुरू हुआ है.

Jharkhand News, साहिबगंज (नवीन कुमार) : झारखंड के साहिबगंज जिले में 50 टन क्षमता वाले डेयरी प्लांट का भवन सदर प्रखंड के महादेवगंज गौशाला के समीप बनकर तैयार है. प्लांट में 50 फीसदी मशीन स्थापित हो चुका है. शेष मशीनें मई तक पहुंचकर स्थापित हो जायेंगी. जून तक डेयरी प्लांट तैयार हो जाएगा. डेयरी प्लांट का प्रोडक्शन अक्टूबर माह से शुरू होगा. डेयरी प्लांट की आधारशिला पीएम मोदी ने अप्रैल 2017 में रखी थी. 34 करोड़ की लागत से इसका निर्माण किया जा रहा है. इसकी तय समय सीमा दिसंबर 2020 थी, लेकिन कोरोना और फंड के अभाव में बीच में कार्य बाधित रहा. अब फंड मिलने से दोबारा कार्य शुरू हुआ है.

डेयरी प्लांट का भवन निर्माण का कार्य लगभग पूर्ण हो गया है. अब प्लांट की मशीन को स्थापित करना है. मशीन प्लांट में 50 फीसदी तक पहुंच गयी है. शेष मई माह तक पहुंच जायेगी. जून माह में डेयरी प्लांट बनकर तैयार हो जाएगा. इसका कैपिसिटी एक दिन में 50 टन का है और अधिकतम एक लाख किया जाएगा. मेधा डेयरी ब्रांड के नाम से बाजार में प्रोडक्ट आयेगा. आपको बता दें कि डेयरी प्लांट कार्य की प्रगति रिपोर्ट पीएमओ द्वारा सप्ताह में ली जाती है.

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झारखंड का इकलौता जिला साहिबगंज है, जहां मां गंगा की अविरल निर्मल धारा बहती है. वहीं मां गंगा की नगरी प्रदेश का एकलौता जिला है, जहां वृहद पैमाने पर दुग्ध का उत्पादन होता है. दियारा क्षेत्र से लेकर शहरी व पहाड़ी क्षेत्रों और ग्रामीण क्षेत्रो में वृहद पैमाने पर गौपालन करके दुग्ध उत्पादन किया जाता है. यहां दुग्ध का बाजार नहीं रहने से मवेशी पालकों को दुग्ध का सही दाम नहीं मिल पाता है, डेयरी प्लांट शुरू हो जाने से पशुपालक दुग्ध को डेयरी प्लांट में बेच सकेंगे. जिससे उन्हें उचित कीमत मिलेगी.

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कुछ गांव व पंचायत मिलाकर संबंधित कम्पनी कलेक्शन सेंटर बनाएगी. जहां के दुग्ध उत्पादक किसान उस जगह आकर अपना दुग्ध देंगे. किसानों को डेयरी प्लांट अपना दुग्ध बेचने नहीं आना होगा. संबंधित कम्पनी उनसे सम्बंधित कलेक्शन सेंटर में ही दूध खरीद लेगी. वहीं दुग्ध को कलेक्शन सेंटर से प्लांट तक लाने के लिए रूट चार्ट भी बना लिया गया है. दुग्ध के टैंकर की मदद से कलेक्शन सेंटर से दूध डेयरी प्लांट पहुंचेगा. जहां धर्मकांटा के जरिये दूध माप होने के बाद मशीन तक जाएगा.

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डेयरी प्लांट में बिजली कनेक्शन करने के लिए विद्युत विभाग में अप्लाई किया गया है. बैठक में विद्युत विभाग के अधिकारियों को डीसी रामनिवास यादव ने जल्द से जल्द बिजली लगाने का निर्देश दिया गया था. वहीं पॉल्यूशन डिपार्टमेंट से पॉल्यूशन सर्टिफिकेट के लिए अप्लाई किया गया है. दोनों ही मामले अभी तक पेंडिंग हैं.

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डेयरी प्लांट में किसानों को प्रशिक्षण देने के लिए एक अलग से क्लासरूम बनाया गया है, जहां जिले के किसानों को दुग्ध उत्पादन कैसे करना है, उसके टिप्स और ज्यादा से ज्यादा दुग्ध उत्पादन से जुड़कर आय दुगनी करने और कैसे ज्यादा से ज्यादा दूध उत्पादन करें, इसका प्रशिक्षण दिया जाएगा. गव्य विकास द्वारा दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए किसानों के बीच गाय उपलब्ध करायी जायेगी, ताकि उनकी आय दोगुनी हो सके. डेयरी प्लांट में सैकड़ों लोगो को रोजगार मिलेगा और हजारों किसान इससे जुड़कर अपनी आय को दोगुना कर सकेंगे.

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प्रसंस्करण और उत्पाद क्षमता :

तरल दूध का पाउच पैकिंग 41 टन लीटर प्रतिदिन

लस्सी और मक्खन दूध 5000 लीटर प्रतिदिन

दही की पैकिंग 2500 किग्रा प्रतिदिन

पनीर पैकिंग 500 किग्रा प्रतिदिन

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झारखंड मिल्क फेडरेशन के एमडी सुधीर सिंह ने कहा कि जून तक डेयरी प्लांट बनकर तैयार हो जाएगा. अक्टूबर से प्रोडक्शन शुरू होगा. 50 टन कैपिसिटी प्रतिदिन है. मैक्सिमम 1 लाख किया जा सकता है. मेधा डेयरी ब्रांड से बाजार में दूध,लस्सी, मक्खन, दही, पनीर आयेगा. रूट चार्ट बनाया गया है. जगह-जगह किसानों से दूध कलेक्ट करने के लिए कलेक्शन सेंटर बनाया जायेगा.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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