लंदन : भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के नेतृत्व में भारत के 17 बैंकों के एक कंसोर्टियम ने लंदन हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान शराब कारोबारी विजय माल्या को दिवालिया घोषित किए जाने के लिए पुरजोर पैरवी की. माल्या पर बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के लिए गए हजारों करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है.
इस बीच शराब कारोबारी माल्या ने भी दिवालिया घोषित किए जाने के खिलाफ अपनी लड़ाई तेज कर दिया है. उन्होंने दावा किया है कि बैंकों की उनके खिलाफ दिवालियापन याचिका में संशोधन नहीं हुआ है. बैंकों ने उनकी संपत्ति पर कब्जा नहीं किया है.
माल्या ने कहा कि यह भारत में जनहित के खिलाफ था. इसलिए उसने जो पैसा उधार लिया था, वह जनता का पैसा था. उन्होंने बैंकों को चुनौती देते हुए कहा है कि उनके पास भारत के बैंकों का पैसा बकाया है. इसलिए उन्हें दिवालिया घोषित नहीं किया जा सकता.
उधर, भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में भारतीय बैंकों का एक कंसोर्टियम दुनिया भर में संपत्ति की जांच करने के लिए व्यापक शक्तियों के साथ एक दिवालिया ट्रस्टी नियुक्त कर ब्रिटेन में भारतीय व्यवसायी को दिवालिया घोषित करने की मांग कर रहा है. माल्या के पास भारत के बैंकों का करीब 11,000 करोड़ रुपये का बकाया है.
मुख्य दिवालिया एवं कंपनी अदालत (आईसीसी) में न्यायाधीश माइकल ब्रिग्स के समक्ष एक आभासी सुनवाई में दोनों पक्षों ने पिछले साल दायर दिवालिया याचिका में संशोधन के बाद मामले में अपनी अंतिम दलीलें दीं.
एसबीआई के अलावा, बैंकों के इस समूह में बैंक ऑफ बड़ौदा, कॉरपोरेशन बैंक, फेडरल बैंक लिमिटेड, आईडीबीआई बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, जम्मू एंड कश्मीर बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, यूको बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और जेएम फाइनेंशियल एसेट रिकंसट्रक्शन कंपनी प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं. न्यायाधीश ब्रिग्स ने कहा कि वह अब विवरणों पर विचार करेंगे और आने वाले हफ्तों में उचित समय पर निर्णय देंगे.
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Posted by : Vishwat Sen