पटना. केंद्र सरकार के दिशा निर्देश पर पूर्व से राज्यभर के आंगनबाड़ी केंद्रों में होने वाली गतिविधियों की निगरानी करने वाले कैश एप्लीकेशन को बंद कर दिया गया है. इसकी जगह भारत सरकार के दिशा निर्देश पर पोषण ट्रैकर एप को राज्य भर में लागू किया जा रहा है.
इसके माध्यम से बिहार के अति कुपोषित बच्चों की पहचान सहजता से हो पायेगी. विभाग के मुताबिक आंगनबाड़ी केंद्र पर दो करोड़ से अधिक लाभुक हैं.
विभाग के मुताबिक राज्य में एक लाख 14 हजार स्वीकृत आंगनबाड़ी केंद्र हैं, जिनमें से एक लाख 11 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों पर लाभुकों को सभी योजनाओं का लाभ दिया जाता है.
एप को अभी एक लाख चार हजार आंगनबाड़ी केंद्रों पर सेविका के माध्यम से चलाया जा रहा है. 21 अप्रैल तक 44,41,578 लाभुकों के डेटा को फिट कर दिया गया है.
इस एप के माध्यम से हर दिन लाभुकों की संख्या उनका पूरा डिटेल फिट करना है. इसके बाद अगर कोई बच्चा कुपोषित मिलता है, तो उसे एप के माध्यम से स्वास्थ्य केंद्रों तक पहुंचाया जायेगा. जहां पर स्वास्थ्य सुविधा दी जायेगी.
आंगनबाड़ी केंद्र पर गर्भवती महिला, धात्री महिलाएं, जीरो से तीन एवं तीन से छह साल के बच्चों को लाभ मिलेगा. पोषण एप में हर दिन हो रही गतिविधियों के साथ सभी सुविधाओं का डाटा ऑनलाइन रहेगा.
Posted by Ashish Jha