मुजफ्फरपुर. जिले में मंगलवार को ऑक्सीजन की भारी किल्लत रही. अस्पतालों को ऑक्सीजन की सप्लाई नहीं होने से सुबह आठ से दोपहर 12 बजे तक हड़कंप मचा रहा. बेला स्थित ऑक्सीजन प्लांट में 12 बजे के बाद प्रोडक्शन शुरू हुआ. लेकिन उसके बाद भी 30 फीसदी ही ऑक्सीजन की सप्लाई हो सकी.
एसकेएमसीएच से लेकर अन्य अस्पतालों में पूरे दिन अफरा-तफरी मची रही. ड्रग इंस्पेक्टर उदय वल्लभ ने बताया कि बेला ऑक्सीजन प्लांट में महज 500 सिलेंडर का ही उत्पादन हो सका. एसकेएमसीएच में 146 सिलेंडर, वैशाली कोविड केयर को 35, अशोका को 30 ऑक्सीजन िसलिंडर मुहैया कराया गया.
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देख शहर के लोगों में भय की स्थिति है. बिना लक्षण के ही लोग दवा खरीद स्टाॅक कर रहे हैं. रिपोर्ट पाॅजिटिव आने के साथ अस्पताल की तरफ भाग रहे हैं. अस्पतालों में इमरजेंसी मरीजों को बेड नहीं मिल पा रहा है.
500 से अधिक लोग अस्पतालों का चक्कर काटने की बजाय शहर के नामचीन डॉक्टरों से मोबाइल पर सलाह लेकर खुद इलाज कर रहे हैं. घर के कमरे को ही आइसोलेशन रूम बना दिया है.
पूरा मेडिकल सेटअप कमरे में लगा लिया है. हालांकि, होम आइसोलेशन में रहने वाले लोगों की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर अगर चिकित्सक इंजेक्शन लेने का सुझाव देते हैं, तब परिजनों को टेंशन हो जा रहा है. इंजेक्शन देने के िलये कंपाउंडर 1000-1500 रुपये की डिमांड करते हैं. मुश्किल से खोजने पर पॉजिटिव को इंजेक्शन देने के लिए कोई कंपाउंडर तैयार होता है.
Posted by Ashish Jha