कोलकाता: अवैध कोयला खनन और तस्करी मामले में धन शोधन की पहलू की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (इडी) के अधिकारियों ने महानगर और निकटवर्ती इलाकों के करीब 10 जगहों पर छापेमारी की है. सूत्रों के अनुसार, इडी के अधिकारियों को जांच में पता चला है कि अवैध कोयला खनन और तस्करी से प्राप्त राशि का स्थानांतरण फर्जी कंपनियों के जरिये भी हुआ है. इसकी जांच के तहत ही कुछ व्यापारियों व अन्य लोगों के ठिकानों में छापेमारी की गयी.
पिछले साल 27 नवंबर को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) ने अवैध कोयला खनन मामले में शिकायत दर्ज की थी. इस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड (इसीएल) की लीज होल्ड माइंस में कोल माफिया द्वारा अवैध रूप से खुदाई करने और कोयला चोरी करने के आरोप में सीबीआइ ने अनूप माजी उर्फ लाला के अलावा इसीएल कुनुस्तोरिया क्षेत्र के पूर्व महाप्रबंधक अमित कुमार धर, इसीएल अधिकारी जयेश चंद्र राय, इसीएल के सुरक्षा अधिकारी तनमय दास समेत केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) और भारतीय रेलवे के अज्ञात अधिकारियों व अन्य कुछ लोगों को भी आरोपी बनाया गया है.
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हालांकि, जांच के दायरे में कई प्रभावशाली लोग भी हैं. इस मामले में तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी की पत्नी रुजिरा बनर्जी व उनके दूसरे रिश्तेदारों से भी पूछताछ हो चुकी है. इस मामले में तृणमूल युवा कांग्रेस के महासचिव विनय मिश्रा की तलाश सीबीआइ और इडी दोनों को है. मिश्रा के भाई विकास मिश्रा को इडी पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.
वहीं इधर, कोयला तस्करी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अनूप माजी उर्फ लाला की गिरफ्तारी पर सामयिक रूप से रोक लगा रखी है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला देते हुए अब विनय मिश्रा ने भी सीबीआइ की एफआइआर को रद्द करने की मांग करते हुए हाइकोर्ट में याचिका दायर की है. मंगलवार को हाइकोर्ट के न्यायाधीश शुभाशीष दासगुप्ता की बेंच पर विनय मिश्रा की ओर से मामले की पैरवी करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट को बताया कि कोयला तस्करी मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अनूप माजी उर्फ लाला के मामले में जो आदेश दिया है.
विनय मिश्रा के खिलाफ गाय तस्करी मामले में भी इस प्रकार की रोक लगनी जरूरी है, क्योंकि दोनों मामले एक ही जैसे हैं. विनय मिश्रा की ओर से कोर्ट को बताया गया कि सीबीआइ ने उसके खिलाफ रुपये लेने का आरोप लगाया है. लेकिन अब तक इसका कोई सबूत नहीं दे पायी है. गौ तस्करी मामले में आरोपी इनामुल हक के करीबी की डायरी में एक सान्याल दंपती को रुपये देने का उल्लेख है. लेकिन विनय मिश्रा के बारे में कोई जानकारी नहीं है. लेकिन बावजूद इसके सीबीआइ ने विनय मिश्रा के खिलाफ मामला शुरू किया है.
अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया कि 2018 साल में राज्य सरकार ने जनरल कंसेंट जारी किया था, जिसके अनुसार सीबीआइ को बंगाल में किसी भी मामले की जाँच शुरू करने से पहले राज्य सरकार की अनुमति लेनी होगी. सीबीआइ ने इस मामले में नये सिरे से मामला दर्ज किया है. लेकिन मामले में उनके मुवक्किल पर लेनदेन का जो आरोप लगाया गया है, वह पुराना है. इसलिए सीबीआइ द्वारा दायर किया गया मामला गैर कानूनी है. गुरुवार को सीबीआइ द्वारा इस मामले में अपना पक्ष रखा जायेगा.
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Posted By: Aditi Singh