गणतंत्र दिवस की हिंसा के आरोपी और एक्टिविस्ट दीप सिद्धू को शनिवार को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा दर्ज एक प्राथमिकी के आधार पर फिर से गिरफ्तार कर लिया गया. आपको बता दें लाल किले पर किए गए हिंसा मेंमें प्रदर्शनकारियों ने लाल किले को उजाड़ दिया और ऐतिहासिक स्मारक के ऊपर धार्मिक झंडे फहराया था. गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुई थी. इस बीच, कुछ प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर लेकर लाल किले पहुंचे थे.
दीप सिद्धू को आज ही मिली थी जमानत
दीप सिद्धू को गणतंत्र दिवस हिंसा के मामले में आज ही जमानत मिली थी. विशेष न्यायाधीश नीलोफर आबिदा परवीन ने 30,000 रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के दो जमानतदारों पर आरोपी की जमानत शुक्रवार को मंजूर की. अदालत ने इस बात पर गौर किया कि आरोपी नौ फरवरी, 2021 से हिरासत में है और वह इस दौरान 14 दिन पुलिस की हिरासत में रहा.
न्यायाधीश ने जमानत मंजूर करते हुए आरोपी को निर्देश दिया कि वह जांच अधिकारी के पास अपना पासपोर्ट जमा कराए और जब कभी आवश्यकता पड़े, पुलिस थाने एवं अदालत में पेश हो. अदालत ने कहा, ‘‘वह किसी भी तरीके से गवाहों को प्रभावित नहीं करे, उन्हें डराए-धमकाए नहीं और न ही सबूतों से छेड़छाड़ करें.”
लाल किला हिंसा के सिलसिले में दर्ज प्राथमिकी में पुलिस ने कहा है कि प्रदर्शनकारियों ने दो कांस्टेबल से 20 कारतूस वाली दो मैगजीन छीन ली थीं. प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया था.
दीप सिद्धू ने बताया था सभी आरोपों को बेबुनियाद
8 अप्रैल को कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान दीप सिद्धू ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया था. यहां तक उसने यह भी कहा था कि दिल्ली पुलिस के पास कोई सबूत नहीं है, जिससे यह साबित हो कि उसने हिंसा फैलाई या फिर हिंसा को प्रोत्साहित किया था.
Posted By: Shaurya Punj