प्रत्येक वर्ष चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर तीज मनाई जाती है. इस दिन सुहागन महिलाएं सौभाग्यवती की कामना के लिए गणगौर माता यानि माता गौरा की पूजा करती हैं. खासतौर पर गणगौर तीज का व्रत मध्य प्रदेश और राजस्थान में मनाया जाता है. गणगौर का पर्व चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा से आरंभ होकर चैत्र शुक्ल की तृतीया को गणगौर तीज पर व्रत पूजन के साथ समापन होता है. इस साल गणगौर व्रत 15 अप्रैल को है. गणगौर व्रत सुहागिनों के साथ कुंवारी कन्याएं भी उत्तम वर की प्राप्ति के लिए करती हैं.
ऐसे होती है गणगौर की पूजा
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती होली के दूसरे दिन अपने मायके चली जाती हैं और 8 दिनों के बाद भगवान शिव उन्हें वापस लेने के लिए आते हैं, इसलिए यह त्योहार होली के दिन से यानी चैत्र महीने की प्रतिपदा से आरंभ हो जाता है. इस दिन से सुहागिन महिलाएं और कुंवारी लड़कियां मिट्टी के शिव जी यानि गण और माता पार्वती यानि गौर बनाकर रोजाना उनकी पूजा करती हैं. इसके बाद चैत्र महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को गणगौर तीज की पूजा की जाती है.
पूजा पूर्ण होने के बाद एक कटोरी में जल और दूध, एक सिक्का, कौड़ी और सुपारी डालकर उसे अपने हाथ में रखकर माता गौरी की कथा सुनें. कथा पूर्ण होने पर कटोरी को माता गौरी के समक्ष रख दें और उनसे अखंड सौभाग्यवती की प्रार्थना करें। पूजा के बाद अर्पित किया गया प्रसाद लोगों में बांटे.
गणगौर व्रत पूजा सामग्री लिस्ट
चौकी, तांबे का कलश, काली मिट्टी, श्रृंगार का सामान, चांदी की अंगुठी, होली की राख, गोबर या मिट्टी के कुंडे, गमले, मिट्टी का दीपक, कुमकुम, हल्दी, चावल, बिंदी, मेंहदी, गुलाल और अबीर, काजल, घी, फूल, आम के पत्ते, जल से भरा हुआ कलश, नारियल, सुपारी, गणगौर के कपड़े, गेंहू और बांस की टोकरी, चुनरी, कौड़ी, सिक्के, पूड़ी, घेवर, हलवा आदि.
गणगौर तीज शुभ मुहूर्त 2021
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गणगौर तीज पूजा 2021- 15 अप्रैल 2021 (गुरुवार)
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गौरी पूजा आरंभ- 29 मार्च 2021 (सोमवार) से
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गौरी पूजा समाप्त- 15 अप्रैल (गुरुवार) से
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चैत्र शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि आरंभ- 14 अप्रैल दोपहर 12 बजकर 47 मिनट से।
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चैत्र शुक्ल पक्ष तृतीया तिथि समाप्त- 15 अप्रैल शाम 03 बजकर 27 मिनट तक।
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गणगौर पूजा शुभ मुहूर्त- 15 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 17 मिनट से 06 बजकर 52 मिनट तक
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कुल अवधि- 35 मिनट
Posted By: Shaurya Punj