पुरुषोत्तम चौधरी, बहादुरपुर. तापमान का पारा चढ़ने के साथ ही प्रखंड क्षेत्र के कई पंचायतों में पेयजल की समस्या गहराने लगी है. भूगर्भीय जलस्तर के नीचे चले जाने के कारण चापाकल सूखने लगे हैं. इसे लेकर आम लोगों की परेशानी के साथ आनेवाले दिनों को लेकर चिंता बढ़ गयी है. उघरा पंचायत में पेयजल की समस्या विकराल होती जा रही है, जबकि पंचायत के सभी वार्डों को पीएचइडी ने गोद ले रखा है.
पीएचइडी की लापरवाही व कार्यों में शिथिलता के चलते यहां के लोग पेयजल के लिए दर-दर भटक रहे हैं. ग्रामीण हसनू झा, निलेश झा, ठक्को झा, सियाराम झा समेत दर्जनों लोगों ने आक्रोश व्यक्त करते हुए बताया कि वाटर लेयर के नीचे चले जाने के कारण चापाकल करीब दस दिन पहले ही सूख गया.
पीएचइडी द्वारा पूरे पंचायत को गोद लिया गया था, परंतु अभी तक एक भी वार्ड में पेयजल की सुविधा बहाल नहीं हो सकी है. ऐसे में लोग पेयजल के लिए इधर-उधर भटकने को मजबूर हैं.
जानकारी के अनुसार प्रखंड क्षेत्र के तीन पंचायत के 31 वार्ड पीएचइडी द्वारा गोद लिया गया है. इसमें उघरा, बहादुरपुर-देकुली व डरहार पंचायत के कुछ वार्ड शामिल है. इसके तहत उघरा पंचायत के सभी 12 वार्डों को वर्ष 2017 में ही गोद लिया गया था. इसके चार वर्ष बीत जाने के बावजूद अभी तक पेयजल की सुविधा लोगों को नहीं मिल रही है. इस पंचायत के उघरा गांव में नौ व पनसीहा गांव में तीन वार्ड हैं. इसमें वार्ड एक से चार तक कोई कार्य नहीं किया गया है.
शेष वार्डों में सड़क किनारे पाइपिंग का कार्य किया गया है. वहीं वार्ड छह एवं सात में केवल बोरिंग कराया गया है. वार्ड 12 में पूर्व से ही सोलर प्लेट के माध्यम से बोरिंग संचालन किया जा रहा था, लेकिन यह भी लगभग एक वर्ष से बंद है. यही हाल बहादुरपुर-देकुली व डरहार पंचायत का है.
इस संबंध में उघरा पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि सुदिष्ट चंद्र झा ने बताया कि पीएचइडी द्वारा पंचायत के सभी वार्डों को गोद लिया गया है, बावजूद अभी तक एक भी वार्ड में पेयजल का काम पूरा नहीं हो सका है. इसे लेकर कई बार डीएम व पीएचइडी के कार्यपालक पदाधिकारी से पत्राचार किया गया, परंतु कुछ सकारात्मक पहल नहीं होने के कारण हारकर घर बैठ गये.
वहीं पीएचइडी के कार्यपालक पदाधिकारी से पूछे जाने पर स्पष्ट शब्दों में कह दिया कि इसकी जानकारी हमको नहीं है. हमने अभी-अभी प्रभार लिया है. इधर इस संबंध में बीडीओ प्रदीप कुमार झा ने बताया कि भूगर्भीय जलस्तर नीचे जाने लगा है. इसे लेकर पीएचइडी से पत्राचार किया जायेगा.
Posted by Ashish Jha