पटना. बिहार सरकार इस कोशिश में लगी है कि मनरेगा के तहत दी जाने वाली मजदूरी पूरे देश में एक समान हो. अभी प्रत्येक राज्य में मनरेगा जाॅब कार्डधारकों को अलग- अलग दर पर भुगतान किया जा रहा है. ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार इस संबंध में पहल कर रहे हैं. वह दिल्ली दौरे के दौरान केंद्र सरकार से इस मसले पर बात करेंगे.
बिहार में मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी में एक अप्रैल से चार रुपये की वृद्धि भी प्रभावी हो गयी है. अब 194 रुपये के स्थान पर प्रतिदिन 198 रुपये का भुगतान किया जायेगा. सरकार ने बहुत पहले इसकी मंजूरी दी थी.
मंत्री श्रवण कुमार ने कहा कि कई राज्यों में मजदूरी दर अधिक है. यदि यह समान हो जायेगी, ताे इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा. मनरेगा मजदूरी को एकरूप कराने के लिए वह केंद्र सरकार से संवाद कर रहे हैं. जल्दी ही पत्र लिखकर केंद्रीय मंत्री से मुलाकात भी की जायेगी.
गौरतलब है कि बिहार में मजदूरी 198 रुपये है. वहीं, पड़ोसी राज्य झारखंड में 225 रुपये कर दी गयी है. पश्चिम बंगाल के 204, तो यूपी में 201 रुपये निर्धारित है. बिहार में वित्तीय वर्ष 2020-21 में 51 लाख 26 हजार परिवारों के कुल 58 लाख 84 हजार लोगों को रोजगार दिया गया. इनमें महिलाओं की भागीदारी 54.69 प्रतिशत है. 100 दिन रोजगार प्राप्त करने वाले परिवारों की संख्या 34 हजार 501 है.
ग्रामीण विकास मंत्री ने जीविका योजना के तहत जीविका दीदियों की भूमिका बढ़ाने का निर्देश दिया है. जीविका दीदियों को मनरेगा में मेट के रूप में अधिक- से- अधिक संख्या में लगाया जायेगा. जल-जीवन-हरियाली योजना में भी उन्हें अधिक दायित्व सौंपने की तैयारी की गयी है.
ग्रामीण विकास विभाग की ओर से बनवाये जा रहे प्रखंड भवन- सूचना प्रौद्योगिकी भवनों के निर्माण में गुणवत्ता और समय की अनदेखी करने वाले दोषी पदाधिकारियों को चिह्नित कर कार्रवाई करने को कहा गया है.
Posted by Ashish Jha