20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अपने कार्यक्षेत्र में इक्कीस बनें

B Positive : टीवी में मैच के दौरान क्रिकेट एक्सपर्ट्स और पूर्व खिलाड़ियों के विचार सुनता था और उनमें से ज्यादातर बड़े शहरों से थे. उनकी बात सुनने से लगता था जैसे एक सिरे से सभी दिनेश कार्तिक को महेंद्र सिंह धौनी से बेहतर बताने में लगे हुए थे. धौनी की बल्लेबाजी से लेकर विकेटकीपिंग की टेक्निक तक में एक्सपर्ट्स को बहुत सारी खामियां नजर आ रही थी. ऐसा लगता था कि चूंकि धौनी ने छोटे से शहर से आकर टीम में दस्तक दी थी इसलिए एक्सपर्ट्स उनको लेकर पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं. एक्सपर्ट्स स्वीकार ही नहीं कर पा रहे थे कैसे छोटे शहर का कोई लड़का महानगरों से निकले लड़कों का मुकाबला कर सकता है.

Facebook : www.facebook.com/vijaybahadurofficial

YouTube : www.youtube.com/vijaybahadur

email- vijay@prabhatkhabar.in

फेसबुक से जुड़ें

टि्वटर से जुड़े

यूट्यूब पर आयें

B Positive : साल 2004 में महेंद्र सिंह धौनी ने भारतीय क्रिकेट टीम में पदार्पण किया था. एक क्रिकेट प्रेमी और रांचीवासी के रूप में महेंद्र सिंह धौनी के प्रदर्शन को लेकर बहुत उत्सुकता थी क्योंकि वो अपने शहर के थे. शुरुआती 4 मैच में धौनी बढ़िया प्रदर्शन नहीं कर पाये और वही वक्त था जब एक और अच्छे विकेटकीपर बल्लेबाज दिनेश कार्तिक भी लगातार भारतीय टीम में दस्तक दे रहे थे.

टीवी में मैच के दौरान क्रिकेट एक्सपर्ट्स और पूर्व खिलाड़ियों के विचार सुनता था और उनमें से ज्यादातर बड़े शहरों से थे. उनकी बात सुनने से लगता था जैसे एक सिरे से सभी दिनेश कार्तिक को महेंद्र सिंह धौनी से बेहतर बताने में लगे हुए थे. धौनी की बल्लेबाजी से लेकर विकेटकीपिंग की टेक्निक तक में एक्सपर्ट्स को बहुत सारी खामियां नजर आ रही थी. ऐसा लगता था कि चूंकि धौनी ने छोटे से शहर से आकर टीम में दस्तक दी थी इसलिए एक्सपर्ट्स उनको लेकर पूर्वाग्रह से ग्रसित हैं. एक्सपर्ट्स स्वीकार ही नहीं कर पा रहे थे कैसे छोटे शहर का कोई लड़का महानगरों से निकले लड़कों का मुकाबला कर सकता है.

फिर आया पांचवां मैच और धौनी ने पाकिस्तान के खिलाफ 148 रनों की बेहतरीन पारी खेली. मैच में धौनी ने चौके और छक्कों की बरसात कर दी. पूरी दुनिया धौनी की दीवानी हो गयी. उसके बाद साल 2020 तक रिटायरमेंट तक धौनी ने जो प्रदर्शन किया वो इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है और जो लोग उसके खेल की आलोचना करते थे वो भी उसके मुरीद हो गये.

Also Read: B Positive : विश्वसनीय बनें

जब मैं इस पूरे घटनाक्रम के बारे में सोचता हूं तो मुझे ये समझ में आता है कि धौनी ने अपने समकालीन विकेटकीपर बल्लेबाजों से अपने प्रदर्शन से इतना बड़ा अंतर पैदा कर दिया कि कोई तुलनात्मक अध्ययन और आलोचनात्मक समीक्षा के बारे में सोच भी नहीं पाता है. ये सिर्फ एक धौनी की कहानी नहीं है.

हर व्यक्ति जिसने जीवन में कोई मुकाम हासिल किया कमोबेश उसे कभी ना कभी इस तरह की परिस्थितियों से रुबरु होना पड़ता है, जब उसे लगता है कि उसमें बहुत प्रतिभा है, लेकिन उसे दबाया जा रहा है या दबा दिया गया है और उसके बदले दूसरे को आगे बढ़ाया जा रहा है जबकि वो उससे ज्यादा प्रतिभाशाली नहीं है.

बहुत बार इस तरह से सोचना अपनी मंजिल को नहीं पाने की खीज के कारण उत्पन्न होता है और बहुत बार इंसान के रूप में ऐसा सोचना स्वाभाविक भी होता है. कार्यक्षेत्र में बहुत बार विभिन्न कारणों से इंसान को मौका नहीं मिल पाता है या उसकी प्रतिभा का दमन होता है. सवाल ये है कि ऐसे वक्त में कोई क्या करे?

Also Read: जिंदगी का फलसफा

पहला, हालात से समझौता कर ले, अपनी नाकामी का रोना रोते रहे और ठीकरा दूसरे के सिर पर फोड़ता रहे.

दूसरा, जिस भी कार्यक्षेत्र में हैं उसमें इतनी बड़ी लकीर बना लें जिससे कि दूसरी हर लकीर छोटी नजर आये.

कहने का आशय है कि जब तक फासला 19 और 20 का रहता है, तो पक्षपात की संभावना बनी रहती है, लेकिन जब फासला 19 और 21 या उससे भी ज्यादा हो, तो कोई भी आपकी प्रगति के मार्ग को दमित नहीं कर सकता है और ये तभी संभव है जब हम अपने कार्यक्षेत्र में सबसे बेहतर बनें.

Posted By : Samir Ranjan.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें