पटना. गंगा नदी पर महात्मा गांधी सेतु के समानांतर फोरलेन वाले पुल और इसके आठ लेन पहुंच पथ का निर्माण कार्य शुरू हो गया है. सितंबर, 2024 में इसका निर्माण कार्य पूरा हो जायेगा और आम लोगों के लिए खोल दिया जायेगा.
राज्य सरकार के अनुरोध पर चयनित एजेंसी एसपी सिंगला प्राइवेट लिमिटेड की ओर से 25 मार्च को इसका कार्यारंभ किया गया है. इस निर्माण कार्य को 42 महीनों में पूरा किया जायेगा. निर्माण के बाद अगले 10 वर्ष तक अर्थात वर्ष 2034 तक पुल का रख-रखाव निर्माण एजेंसी करेगी.
गौरतलब है कि पथ निर्माण विभाग के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने निर्माण कार्य शुरू करने के लिए 16 मार्च को महानिदेशक (सड़क विकास), सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को पत्र भेज कर अनुरोध किया था.
राज्य सरकार द्वारा पुल निर्माण से संबंधित सभी जरूरी स्वीकृति कार्यक्षेत्र संवेदक को उपलब्ध करा दिया गया है. इससे आने वाले समय में प्रोजेक्ट को लेकर कोई बाधा नहीं होगी. नया सेतु पुराने गांधी सेतु से 38 मीटर सेंटर-टू-सेंटर की दूरी रहेगा. इस तरह बिहारवासियों को कुल छह लेन का पुल आवागमन के लिए उपलब्ध रहेगा. इनमें तीन लेन का उपयोग आने और तीन लेन का उपयोग जाने के लिए किया जायेगा.
पटना की ओर पहुंच पथ में एक आरओबी, दो यूपी और 1565 मीटर लंबा एलिवेटेड पथ होगा. इस तरह पटना की तरफ से पहुंच पथ की कुल लंबाई 3380 मीटर होगी. गौरतलब है कि यह कार्य बिहार राज्य के लिए घोषित प्रधानमंत्री पैकेज-2015 का भाग है. इस परियोजना की कुल लागत 2926.42 करोड़ है. प्रधानमंत्री ने बीते वर्ष 21 सितंबर को शिलान्यास किया था.
पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने कहा कि इस पुल का निर्माण कार्य पूरा हाने से उतर बिहार और दक्षिण बिहार के बीच आवागमन में वर्तमान में हो रही कठिनाई से मुक्ति मिल जायेगी. साथ ही गांधी सेतु का पूर्वी लेन का नये सिरे से निर्माण जल्द पूरा होने की उम्मीद है. बिहार ने इसके लिए केंद्र सरकार का आभार व्यक्त किया है और लोक महत्व की इस परियोजना को समय पर पूरा करने के लिए निर्देश दिया गया है.
Posted by Ashish Jha