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Jharkhand News : पूर्व डीजीपी की पत्नी ने खरीदी थी गैर-मजरूआ जमीन, जांच में ऐसे हुआ मामले का खुलासा

साथ ही दोषी पदाधिकारियों व कर्मियों पर भी कार्रवाई करने के लिए लिखा है. मामले में आइएएस अधिकारी ए मुथुकुमार की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने जांच रिपोर्ट तैयार की. कमेटी में राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के अपर सचिव सुमन कैथरीन किस्पोट्टा, संयुक्त सचिव अमिताभ श्रीवास्तव और अवर सचिव मधुकांत त्रिपाठी भी शामिल हैं.

Jharkhand News, Ranchi News रांची : रांची के कांके अंचल स्थित चामा मौजा में पूर्व डीजीपी डीके पांडेय की पत्नी पूनम पांडेय सहित 15 लोगों को प्रतिबंधित सूचीवाली गैर-मजरूआ जमीन की रजिस्ट्री की गयी. साथ ही इसका दाखिल-खारिज भी अंचल कार्यालय ने कर दिया. इस मामले की सरकार द्वारा गठित कमेटी ने जांच पूरी कर ली है. कमेटी ने जमीन की जमाबंदी रद्द करने की अनुशंसा की है.

साथ ही दोषी पदाधिकारियों व कर्मियों पर भी कार्रवाई करने के लिए लिखा है. मामले में आइएएस अधिकारी ए मुथुकुमार की अध्यक्षता में बनी कमेटी ने जांच रिपोर्ट तैयार की. कमेटी में राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग के अपर सचिव सुमन कैथरीन किस्पोट्टा, संयुक्त सचिव अमिताभ श्रीवास्तव और अवर सचिव मधुकांत त्रिपाठी भी शामिल हैं.

किसी सक्षम पदाधिकारी का नहीं है आदेश :

जांच के दौरान दल ने पाया है कि इस मामले में गैर-मजरूआ जमीन, जो कि प्रतिबंधित सूची में दर्ज है, उसकी रजिस्ट्री और दाखिल-खारिज किया गया है. यह जमीन थाना संख्या 55 खाता -87 के प्लॉट संख्या- 1232 से संबंधित है. इसमें करीब 2.69 एकड़ जमीन अमोद कुमार के नाम हस्तांतरित की गयी है.

यह हस्तानांतरण देवीलाल शर्मा द्वारा अपने पोते अमोद कुमार को 18 फरवरी 1986 को किया गया. जांच दल ने पाया है कि बिना सक्षम आधार के अमोद कुमार के नाम जमाबंदी दर्ज की गयी है. इसमें किसी सक्षम पदाधिकारी का आदेश भी नहीं है. ऐसे में यह संदेहास्पद है. इस अमोद कुमार से ही 15 रैयतों ने करीब 188 डिसमिल जमीन की खरीद की है. जांच दल ने स्थल जांच में पाया है कि यहां दो पक्का मकान और चहारदीवारी भी बनायी गयी है.

इस तरह जांच दल ने इस जमीन के मामले में कांके के तत्कालीन सीओ प्रभात भूषण सिंह और तत्कालीन अंचल निरीक्षक भुवनेश्वर प्रसाद सिंह को प्रथमदृष्टया दोषी माना है. जांच दल ने लिखा है कि श्री सिंह एवं कार्यालय के कर्मियों द्वारा प्रतिबंधित सूची बिना संज्ञान में लिये गैर-मजरूआ मालिक खाते की भूमि का दाखिल-खारिज किया गया है.

ऐसे में इन पदाधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध कार्रवाई होनी चाहिए. अंचल निरीक्षक सेवानिवृत्त हो गये हैं. इस जमीन के निबंधन के लिए तत्कालीन अवर निबंधक राहुल चौबे को भी अपना पक्ष रखने को कहा गया है.

सर्वे खतियान के अनुसार गैर-मजरूआ मालिक की है जमीन

जांच दल ने पाया है कि यह जमीन सर्वे खतियान के अनुसार गैर-मजरूआ मालिक की है. इसके खेवटदार महाराजा उदय प्रताप नाथ शाहदेव हैं. बाद में 5.01 एकड़ जमीन में से 2.69 एकड़ जमीन की जमाबंदी कलेक्टर द्वारा देवीलाल शर्मा के पक्ष में की गयी थी. तब से लगान की वसूली की जा रही है. देवीलाल शर्मा ने इसी जमीन को 18 फरवरी 1986 को अपने पोता आमोद कुमार के नाम हस्तांतरण किया था. जांच दल ने लिखा है कि खाता- 87 के सभी 67 खेसरा प्रतिबंधित सूची के साथ ही लैंड बैंक में कांके अंचल द्वारा शामिल किया गया है, जो निजी तौर पर अहस्तांतरणीय है.

  • कांके में प्रतिबंधित सूचीवाली गैर-मजरूआ भूमि की जमाबंदी होगी रद्द

  • विशेष जांच दल ने पकड़ा मामला, तैयार की रिपोर्ट, दोषियों पर कार्रवाई की अनुशंसा

  • पूर्व डीजीपी की पत्नी सहित 15 लोगों के नाम जमीन की हुई थी रजिस्ट्री और म्यूटेशन

चामा मौजा में इन 15 लोगों को जमीन बेची गयी

नाम रकबा (डिसमिल)

पूनम पांडेय 50

सुलभा सिंह 10.98

मंजुला प्रभा 08

शोभा सिंह 10

शिव शंकर प्रसाद शर्मा 8.2

अंजना नारायण 08

माधवी सिंह 08

विजेंद्र कु सिंह 13.25 (दो डीड)

तालकेश्वर राम 10

उमरावती देवी 20 (दो डीड)

गायत्री देवी 07

राशिका सिंह 07

आशा देवी 07

भावना मिश्रा 10

अनुपमा कुमारी 08

Posted By : Sameer Oraon

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