दरभंगा. सूबे के जल संसाधन तथा सूचना व प्रसारण मंत्री संजय झा ने कहा कि पटना के बाद दरभंगा सबसे बड़े शहर के रुप में उभर रहा है. एयरपोर्ट के बाद जिला व आसपास के लोगों को जल्द ही स्वास्थ्य के क्षेत्र में आधुनिकतम संस्थान सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में चिकित्सा का लाभ मिलेगा. एम्स निर्माण की भी प्रक्रिया चल रही है.
दरभंगा की स्थिति में सकारात्मक बदलाव आ रहा है. मंत्री ने कहा कि बाहर के प्रतिभाशाली लोग भी नये विकल्प के रूप में दरभंगा को देख रहे हैं. साथ ही रोजगार के नये अवसर की तलाश में स्थानीय युवा भी अब बाहर नहीं जाना चाहते. मंत्री ने मिथिला में बाढ़ की समस्या के स्थायी निदान के लिये ठोस प्रयास करने की बात कही.
कहा कि बैराज का निर्माण कराया जाएगा. इसके बन जाने के बाद यहां के लोगों को बाढ़ की विभीषका से बचाया जा सकेगा. इसे लेकर सरकार पूरी तरह सजग है. मंत्री ने कहा कि मिथिला की पहचान डीएमसीएच से रही है. किसी भी स्थिति में इसकी पहचान को मिटने नहीं दिया जायेगा. मंत्री संजय झा रविवार को डीएमसी पहुंचे थे.
वहां डीएमसी के प्राचार्य डॉ केएन मिश्रा के अलावा वरीय चिकित्सकों ने उन्हें सम्मानित किया. इसी दौरान उन्होंने यह बातें कही. मौके पर पूर्व प्राचार्य डॉ एचएन झा, अधीक्षक डॉ मणिभूषण शर्मा, पूर्व अधीक्षक डॉ आरआर प्रसाद, डॉ जीएन झा, डॉ नंद कुमार, डॉ एनपी गुप्ता, डॉ सीएम झा, डॉ यूसी झा, डॉ अजित चौधरी, डॉ अशोक कुमार, डॉ ओम प्रकाश, डॉ रिजवान हैदर आदि मौजूद थे.
अखिल भारतीय मिथिला संघ की ओर से रविवार को एक होटल में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया. संघ के अध्यक्ष विनय कुमार झा की अध्यक्षता में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सदस्यों ने साहित्यकार डॉ चंद्रनाथ मिश्र अमर के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की.
मौके पर बिहार सरकार के जल संसाधन सह सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय झा ने स्व. चंद्रनाथ मिश्र के प्रति अपने छात्र जीवन में एमएल एकेडमी लहेरियासराय के समय को याद किया. उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डाला.
संघ के महासचिव सुरेंद्र नारायण मिश्र, प्रवक्ता रोशन कुमार झा, डॉ बैजनाथ चौधरी बैजू, राम कुमार झा, शैलेंद्र कुमार कश्यप आदि ने उन्हें मिथिला व मैथिली का महान स्तंभ बताया. कहा कि उनके निधन से मिथिला एवं मैथिली को काफी क्षति हुई है. संचालन डॉ सुषमा झा ने किया.
Posted by Ashish Jha