ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सन लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी हजरत वली रहमानी को राजकीय सम्मान के साथ सुपुर्द-ए-खाक किया गया. इस दौरान मुंगेर पुलिस की ओर से सलामी देने के लिए एसएलआर हथियार से लैस जवानों ने फायरिंग शुरू तो हथियार ही दगा दे दिया. जिसके बाद हथियार को दुरुस्त कर पुन: फायरिंग कर सलामी दी गयी. लेकिन पुलिस के इस गतिविधियों को मोबाइल कैमरे में वहां मौजूद लोगों ने कैद कर लिया और सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. फिर क्या था चारों ओर मुंगेर पुलिस एवं उसके हथियार की चर्चा होने लगी कि आखिर जंग खाये हथियार से कैसे पुलिस जवान अपराधियों और नक्सलियों का मुकाबला करेंगे.
बताया जाता है कि सलामी देने के लिए एसएलआर हथियार से लैस जवान सिविल जमादार मो. वाहिद के नेतृत्व में पहुंचे थे. पुरी मुस्तैदी के साथ जवान हथियार थामे हुए थे. लेकिन जैसे ही सलामी देने के लिए फायरिंग की जरूरत पड़ी, वैसे ही एक राउंड के बाद हथियार में गोली फंस गया और फायरिंग बंद हो गया. वहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने आनन-फानन के बाद हथियार को दुरुस्त किया और दूसरा मैगजीन लगा कर लाइव राउंड कर सलामी की रस्म पूरी की.
सोशल मीडिया पर यह वीडियो वॉयरल होने के बाद मुंगेर पुलिस की भद्द पिट रही है. लोग तरह-तरह के कॉमेंट कर रहे है. लोग कह रहे है कि जंग खाये हथियार लेकर पुलिस खुद की सुरक्षा नहीं कर पायेगी तो दूसरों की सुरक्षा कैसे करेंगी. अपराधियों और नक्ससलियों से मुकाबला कैसे मुंगेर पुलिस करेगी. दिन भर इसकी चर्चा होती रही.
पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा कि सलामी के दौरान ब्लैक राउंड एवं लाइव राउंड की व्यवस्था होती है, क्योंकि ब्लैंक राउंड में कारतूस फंसने की संभावना होती है. अमुमन यह ब्लैंक राउंड का इस्तेमाल ट्रेनिंग के दौरान होता है, क्योंकि यह आवाज करता है. जब ब्लैंक राउंड फंसा तो लाइव राउंड के माध्यम से सलामी का रस्म पूरा किया गया. उन्होंने कहा कि हथियार काफी पुराना है.
Posted By: Thakur Shaktilochan