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राजस्थान के कुछ इलाकों में धूल भरी आंधी
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अप्रैल से लेकर जून तक झुलसाने वाली गर्मी
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अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में कम दबाव का क्षेत्र
देश में गर्मी के मौसम (Summer) की शुरुआत हो चुकी है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने पहले ही इस बार अप्रैल से लेकर जून तक झुलसाने वाली गर्मी की चेतावनी दी है जिसका असर भी अब नजर आ रहा है. देश के कुछ हिस्सों में तेज लू (Heat Wave) ने लोगों को परेशान कर रखा है.
इस बीच आईएमडी ने जानकारी दी है कि अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह में कम दबाव का क्षेत्र बन रहा है जिसकी वजह से इस क्षेत्र में तेज तूफान के साथ बारिश होने की संभावना नजर आ रही है. आईएमडी ने इस दौरान मछुआरों से समुद्र से दूर रहने की सलाह दी है.
वहीं मौसम विभाग के अनुसार अगले दो दिन तक आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में लू से लोगों की परेशानी बढ जाएगी. इसके साथ ही तमिलनाडु, पुडुचेरी और कराईकल के तटीय इलाकों में अगले 5 दिनों तक गर्म लू के थपेड़े चलने के आसार हैं.
मौसम विभाग ने बताया कि पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र में पश्चिमी विक्षोभ उत्पन्न हो रहा है जिसके प्रभाव के कारण हिमालयी क्षेत्रों में 4 से 7 अप्रैल तक तूफान, ओलावृष्टि और तेज हवाओं से साथ बारिश होने की संभावना नजर आ रही है.
यही नहीं इसका प्रभाव 6 अप्रैल को जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, गिलगित, बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद और हिमाचल प्रदेश में भी नजर आएगा और इन क्षेत्रों में बारिश होने की संभावना है. साथ ही 7 अप्रैल को उत्तराखंड में भी बारिश के आसार नजर आ रहे हैं.
वहीं 5 से 7 अप्रैल के बीच राजस्थान के कुछ इलाकों में धूल भरी आंधी चलने की आशंका है. इन हवाओं के रफ्तार की बात करें तो ये 30 से 40 किमी प्रति घंटा रह सकती है.
दिल्ली में शनिवार को न्यूनतम तापमान 11.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो पिछले कम से कम 12 सालों में अप्रैल के महीने में सबसे कम तापमान है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने यह जानकारी दी. वहीं निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष (मौसम विज्ञान और जलवायु परिवर्तन) महेश पलावत ने कहा कि दिल्ली में उत्तर दिशा से आने वाली ठंडी हवाओं के कारण न्यूनतम तापमान में तेज गिरावट आयी. उन्होंने यह भी कहा कि दिल्ली में अगले सप्ताह लू चलने का कोई अनुमान नहीं है. पश्चिमी हिमालय के ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी हो रही है और आस-पास के मैदानी इलाकों में लगातार पश्चिमी विक्षोभ के कारण मार्च के अंतिम सप्ताह से रुक-रुक कर बारिश हो रही है.
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पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने के कारण देश के कुछ हिस्सों में छह अप्रैल को हल्की बारिश हो सकती है. पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश राज्यों को उत्तर-पश्चिमी जिले शामिल हैं. लेकिन इस पश्चिमी विक्षोभ का असर बिहार पर देखने को नहीं मिलेगा. बिहार में बारिश के कोई आसार नहीं हैं.
वर्तमान मौसमी दशा के आधार पर किये गये आकलन के मुताबिक बिहार में अप्रैल में भी औसत अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री तक अधिक 37-40 डिग्री रहने के आसार हैं. बिहार के दक्षिण-पश्चिमी और दक्षिण-मध्य भाग में मध्यम स्तर की लू की स्थिति बनने की आशंका है. वहीं, बंगाल की खाड़ी में भी हलचल है. इस वजह से चार अप्रैल को पूर्वी बिहार सुपौल, अररिया, किशनगंज, मधेपुरा, सहरसा और पूर्णिया में कुछ एक जगहों पर आंधी-पानी का अनुमान है.
उत्तर प्रदेश में तेज गर्म हवाओं के थपेड़े भी पड़़ना शुरू हो गए हैं. बावजूद इसके मौसम विभाग ने अभी मौसम में बदलाव की आशंका जतायी है. विभाग के अनुसार अप्रैल के दूसरे सप्ताह में बादलों के साथ आंधी और तूफान चल सकते हैं. ये एलर्ट पूरे यूपी के लिए जारी किया गया है. फिलहाल इन दिनों गर्मी का प्रकोप बढ़ गया है.
तेज धूप, गरम हवा से इन दिनों झारखंड की राजधानी रांची के मौसम से लोग परेशान हैं. हालांकि मौसम विभाग ने सात अप्रैल से मौसम में बदलाव की संभावना व्यक्त की है. सात अप्रैल को आकाश में बादल छाये रहेंगे, जबकि कहीं-कहीं बूंदाबांदी हो सकती है. यह बदलाव स्थानीय कारणों से संभव है.
Posted By : Amitabh Kumar