Jharkhand News, Mutated Strain of Coronavirus In Jharkhand, Coronavirus Update Jharkhand रांची : स्वास्थ्य विभाग के महामारी विशेषज्ञ डॉ प्रवीण चंद्र के अनुसार राज्य में अगले दो महीने निर्णायक हो सकते हैं, क्योंकि इन्हीं दो महीनों में कोरोना मामलों के बढ़ने की आशंका है. डॉ चंद्र का मानना है कि अगर कोरोना की चेन तोड़ना है, तो हर हाल में ज्यादा से ज्यादा लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित करना होगा. साथ ही खुद का बचाव भी जरूरी है.
अपनी सुरक्षा लोगों के अपने हाथ में है. भीड़-भाड़वाली जगहों से बचें और बेवजह यात्रा करने से भी बचें. मास्क पहन कर ही बाहर निकलें, साथ ही अन्य आवश्यक सुरक्षात्मक उपाय करते रहें. उन्होंने कहा कि म्यूटेटेड स्ट्रेन स्ट्रेन का प्रसार पूरे देश में होने से वायरस पहले से अधिक खतरनाक हो गया है, जिसके कारण भारत के सभी राज्यों में कोविड 19 मामलों में वृद्धि शुरू हो गयी है, जो चिंता का विषय है.
डॉ चंद्रा ने बताया कि हाल में ही स्वास्थ्य मंत्रालय ने देश में विभिन्न जगहों से जमा किये गये पॉजिटिव सैंपल के वेरिएंट्स की जांच करायी थी. करीब 10787 सैंपल की जांच हुई थी, जिनमें यूके, साउथ अफ्रीका और ब्राजील के वेरिएंट्स पाये गये. यह चिंता की बात है. ये वुहान मूल के वेरिएंट्स की तुलना में दो से छह गुना अधिक प्रसार की क्षमता रखते हैं.
साथ ही भारत के 18 से अधिक राज्यों में घूम रहे हैं. भारत सरकार ने कुछ नमूनों में लोकल वेरिएंट्स भी पाये हैं. ये केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के सैंपल में पाये गये हैं.
डॉ चंद्रा ने कहा कि यह एक आरएनए वायरस है, जो गुणात्मक तरीके से बढ़ता है. हमें इसका मुकाबला करना होगा. इसके वाइल्ड स्ट्रेन में बदलने से पहले हमें इसे रोकना होगा. यदि ये वाइल्ड स्ट्रेन में बदल गया, तो ज्यादा खतरनाक साबित होगा. नया म्यूटेंट वेरिएंट ज्यादा संक्रामक होगा, जिससे रोगियों की संख्या ज्यादा बढ़ेगी और मौत भी ज्यादा हो सकती है. डॉ चंद्रा ने कहा कि एक सरल सिद्धांत है कि हमें संक्रमण को अनुमति नहीं देनी है. इसके लिए एसएमएस का पालन करना होगा. यानी सैनिटाइजेशन, मास्क और सोशल डिस्टैंसिंग का पालन करना होगा.
डॉ चंद्रा ने झारखंड में हाल ही में हुए सिरो सर्वे का हवाला देते हुए कहा कि 44 प्रतिशत लोग पूर्व में ही संक्रमित हो चुके हैं. ऐसे में इन लोगों में एंटी बॉडी विकसित हो गयी होगी. लगभग 56 प्रतिशत आबादी ऐसी है, जो कोरोना संक्रमण से अभी दूर है. ऐसे लोगों का टीकाकरण होगा, तो ये संक्रमण से बच सकते हैं. उन्होंने कहा कि अब रणनीति के तहत टीकाकरण की संख्या बढ़ानी होगी. अगले दो महीने में जहां संक्रमण बढ़ने की आशंका है, वहां अगले दो महीने हम टीकाकरण बढ़ायेंगे, तो 56 प्रतिशत आबादी तक पहुंच सकते हैं. इससे कोरोना की चेन टूटेगी और हम कोरोना का प्रसार रोक सकते हैं.
राज्य महामारी विशेषज्ञ ने बताया-यूके, ब्राजील और साउथ अफ्रीका के स्ट्रेन के कारण मामले बढ़े
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर कोविड-19 को लेकर स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की बैठक छह अप्रैल को रखी गयी है. प्रोजेक्ट भवन में होनेवाली बैठक में कोविड के वर्तमान हालात की समीक्षा की जायेगी. वहीं केंद्र सरकार द्वारा शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये दिये गये दिशानिर्देशों पर भी चर्चा होगी. राज्य सरकार कोरोना के बढ़ते प्रभाव के मद्देनजर महत्वपूर्ण निर्णय ले सकती है.
दूसरी लहर में कोविड वायरस ज्यादा मजबूत हो गया है. इसका नया रूप इम्यूनिटी को बाइपास कर किसी को भी संक्रमित कर सकता है. एक्सपर्ट की मानें, तो वायरस डबल म्यूटेंट स्ट्रेन (डबल स्ट्रेंथ) का रूप ले चुका है. रिम्स के क्रिटिकल केयर एक्सपर्ट डाॅ प्रदीप भट्टाचार्या ने बताया कि वायरस के नये रूप और टीका के प्रभाव पर नये स्तर से शोध हुआ है,
जिसमें पता चला है कि टीका लेने पर इम्यूनिटी थोड़ी कमजोर भी है, तो संक्रमण से बचाव हो जायेगा. ऐसे में कोरोना टीका ही इस नये वायरस के संक्रमण से बचा सकता है. इसके साथ ही मास्क, हाथों की सफाई और सामाजिक दूरी का पालन जरूरी है. कोरोना वायरस के मजबूत होने से संक्रमण के लक्षण बदल गये हैं.
किसी को सिर्फ सूखी खांसी हो रही है, तो वहीं किसी को सिर्फ बुखार हो रहा है या बुखार नहीं भी हो रहा है. ऐसे में जांच ही संक्रमण की पहचान का सही तरीका है. कोरोना वायरस का डबल म्यूटेंट तेजी से लोगों को संक्रमित करता है, इसलिए खतरा ज्यादा है. एक संक्रमित के संपर्क में आने से चार से छह गुना लोग संक्रमित होंगे. हालांकि राहत की बात यह है कि इस वायरस की जटिलता कम है. यह वायरस फेफड़ा तक जल्दी नहीं पहुंच रहा है.
कोरोना का यह डबल म्यूटेंट स्ट्रेन है, जिससे संक्रमण का फैलाव तेजी से होगा. यह शुरुआत है. संक्रमण का ग्राफ और तेजी से बढ़ेगा. घबराने की बात इसलिए भी नहीं है, क्याेंकि इसकी जटिलता व गंभीरता ज्यादा नहीं है. फेफड़ा तक यह तेजी से फैल नहीं रहा है. टीका लेने से लोग ज्यादा सुरक्षित होंगे.
डॉ पूजा सहाय, माइक्राेबायोलॉजिस्ट
Posted By : Sameer Oraon