पटना . हरियाणा की तर्ज पर बिहार में पटना हाइकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीशों और उनके परिवार को मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी. स्वास्थ्य विभाग ने कोर्ट के आदेश को राज्य में लागू कर दिया है.
राज्य सरकार की पूर्वानुमति के बगैर जज और उनके परिजन निजी अस्पताल में भी इलाज करा सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि हाइकोर्ट से सेवानिवृत्त मुख्य न्यायाधीश एवं अन्य न्यायाधीशों को पत्नी और अन्य आश्रितों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करायी जाये.
कोर्ट के आदेश के बाद सामान्य प्रशासन के अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में सेवानिवृत्त जजों को कैशलेस चिकित्सा प्रतिपूर्ति के लिए बीते वर्ष सात जुलाई को बैठक की गयी. बैठक में यह तय हुआ कि पटना हाइकोर्ट के सेवानिवृत्त जजों को चिकित्सा सुविधा दी जायेगी.
यह योजना सीमित बीमारियों के लिए होगी. राज्य सरकार द्वारा जिन बीमारियों में कैशलेस सुविधा देने का निर्णय किया गया है, उसमें कैंसर, हृदय रोग, दुर्घटना, कोमा, ब्रेन हैमरेज और विद्युत आघात शामिल हैं.
स्वास्थ्य विभाग का निर्णय है कि कैशलेस इलाज की सुविधा का लाभ सभी सीजीएचएस से संबद्ध अस्पतालों में लागू होगा. हाइकोर्ट के रजिस्ट्रार संबंधित न्यायाधीशों और उनकी पत्नी सहित अन्य आश्रितों को वैध पहचान पत्र जारी करेंगे.
सेवानिवृत्त जजों और उनके आश्रितों की जानकारी से संबंधित डाटा हाइकोर्ट स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध करायेगा. स्वास्थ्य विभाग यह डाटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड करेगा.
Posted by Ashish Jha