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तेजस्वी और तेजप्रताप समेत 21 राजद नेताओं के खिलाफ हत्या के प्रयास की प्राथमिकी

23 मार्च को डाकबंगला चौराहे पर हुए हंगामा, पथराव के मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव समेत 21 राजद नेताओं के खिलाफ हत्या के प्रयास की प्राथमिकी कोतवाली थाने में दर्ज की गयी है.

पटना. 23 मार्च को डाकबंगला चौराहे पर हुए हंगामा, पथराव के मामले में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव समेत 21 राजद नेताओं के खिलाफ हत्या के प्रयास की प्राथमिकी कोतवाली थाने में दर्ज की गयी है. यह मामला दानापुर की कार्यपालक दंडाधिकारी कुमारी प्रतिमा गुप्ता के बयान के आधार पर दर्ज किया गया है.

इसमें आइपीसी की धाराएं 47/ 149/ 341/ 342/ 323/ 188/ 333/ 337/ 338/ 427/ 353/ 307/ 504 के साथ ही 51/57 डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 की धाराएं लगायी गयी हैं. इस मामले के अनुसंधानकर्ता सब इंस्पेक्टर राजाराम यादव बनाये गये हैं. इसके अलावा पुनपुन के प्रखंड कृषि पदाधिकारी नवीन कुमार के बयान पर गांधी मैदान थाने में भी तेजस्वी यादव व तेजप्रताप व अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. यह मामला आइपीसी की धारा 147/149/188/353/341 अौर महामारी प्रबंधन एक्ट के तहत दर्ज किया गया है. इस केस के अनुसंधानकर्ता सब इंस्पेक्टर रंजन कुमार बनाये गये हैं.

इन पर प्राथमिकी

कोतवाली थाने में दर्ज प्राथमिकी में तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव, जगदानंद सिंह, श्याम रजक, निराला यादव, अब्दुल बारी सिद्दीकी, निर्भय अांबेडकर, आजाद गांधी, महताब आलम, प्रेम गुप्ता, भाई अरुण, रीतलाल यादव, राजेंद्र यादव, रमई राम, शक्ति यादव, अर्चना यादव, रितु जायसवाल, चेतन आनंद, डॉ गौतम कृष्ण, कारी सुहजैब व कांति सिंह को नामजद किया गया है.

इसके अलावा करीब 700-800 अज्ञात हैं. वहीं, गांधी मैदान में दर्ज प्राथमिकी में तेजस्वी यादव, तेजप्रताप यादव, जगदानंद सिंह, श्याम रजक, सुदय यादव, कारी सुहजैब, रितु जायसवाल, रामराज यादव, आकाश यादव, गगन यादव व अरुण यादव को नामजद किया गया है, जबकि 3000 अज्ञात शामिल हैं.

क्या है प्राथमिकी में

इस प्राथमिकी में बताया गया है कि राजद नेताओं ने नारेबाजी करते हुए स्वामी नंदन तिराहा से डाकबंगला चौक पर आये और सड़क को जाम कर दिया. इसी बीच कोतवाली थानाध्यक्ष सुनील कुमार सिंह, गांधी मैदान थानाध्यक्ष रंजीत वत्स व अन्य पुलिसकर्मी मौके पर पहुंचे. पुलिस द्वारा लगाये गये बैरियर को तोड़ने का प्रयास किया गया. उन लोगों को समझाने का प्रयास किया गया, लेकिन प्रदर्शनकारियों ने उग्र होकर नारेबाजी की और पुलिस पदाधिकारियों व राहगीरों को धमकी देते हुए अपशब्दों का प्रयोग करते हुए बैरियर को तोड़ दिया और आगे बढ़ गये.

इसी क्रम में उन्हें रोकने के लिए वाटर कैनन से पानी की बौछार की गयी. लेकिन, प्रदर्शनकारी उग्र होकर पत्थरबाजी करने लगे. इसमें कई पुलिसकर्मी जख्मी हो गये. स्थिति को नियंत्रित करने के लिए बल प्रयोग किया गया, जिसके बाद भीड़ वहां से गिरते-पड़ते भागी और सड़क पर गिरने के कारण प्रदर्शनकारी भी घायल हो गये.

प्रदर्शनकारियों द्वारा बिना किसी सक्षम प्राधिकार के प्रतिबंधित क्षेत्र में धरना, प्रदर्शन, नारेबाजी करना, यातायात अवरुद्ध कर राहगीरों के साथ धक्का-मुक्की, राहगीरों के वाहन के शीशे को तोड़-फोड़ करना, अपशब्दों का प्रयोग करना, सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न कर सड़क पर उग्र प्रदर्शन करना एक संज्ञेय अपराध है.

आइपीसी की धारा 307 है गैर जमानतीय

आइपीसी की धारा 307 गैर जमानतीय है. इस मामले में थाने से जमानत नहीं दी जा सकती है. कोर्ट ही जमानत दे सकता है.

Posted by Ashish Jha

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