पटना. पटना हाइकोर्ट ने राज्य के सभी सरकारी व निजी लॉ कालेजों में नामांकन पर रोक लगा दी है. चीफ जस्टिस न्यायमूर्ति संजय करोल और जस्टिस एस कुमार के खंडपीठ ने कुणाल कौशल की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह निर्देश दिया. साथ ही कोर्ट ने चांसलर कार्यालय और राज्य सरकार समेत सभी संबंधित विवि व अन्य से 23 अप्रैल तक जवाब तलब किया है.
सुनवाई के दौरान बार काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से अधिवक्ता विश्वजीत कुमार मिश्र ने कोर्ट के समक्ष इन कॉलेजों से संबंधित इंस्पेक्शन रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट में कहा गया है कि राज्य में जो भी लॉ कालेज हैं, उनमें बुनियादी सुविधाओं का अभाव है.
योग्य शिक्षकों व प्रशासनिक अधिकारियों की काफी कमी है, जिसका लॉ की पढ़ाई पर असर पड़ रहा है. ये सारे कॉलेज बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित मानदंडों को पूरा नहीं कर रहे हैं.
अधिवक्ता विश्वजीत ने कोर्ट को बताया कि जब तक ये सारे कॉलेज सभी मापदंडों को पूरा नहीं करते है, तब तक इन कॉलेजों में नामांकन पर रोक लगाना आवश्यक है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता दीनू कुमार ने कोर्ट को बताया कि राज्य में सरकारी व निजी लॉ कालेजों की कुल संख्या 28 है.
किसी भी कॉलेज में पढ़ाई की पूरी व्यवस्था नहीं होने से पढ़ाई का स्तर लगातार गिर रहा है. राज्य के किसी भी सरकारी व निजी लॉ काॅलेज में 2008 के विश्वविद्यालय परिनियम (स्टैच्यूट) का पालन नहीं हो रहा है .
जब तक सभी लॉ कॉलेज बीसीआइ द्वारा निर्धारित मानकों को पूरा नहीं करते हैं, तब तक इन सभी कॉलेजों में नामांकन पर रोक लगा देनी चाहिए. इस मामले पर अगली सुनवाई 23 अप्रैल को सभी संबंधित पक्षों से जबाब आने के बाद फिर होगी.
Posted by Ashish Jha