पटना. राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने कहा है कि मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना को बड़े पैमाने पर लागू करने के लिए रोड मैप बन रहा है. बिजली वितरण प्रणाली सुधार कार्यक्रम की योजनाओं के अलावा राज्य सरकार ने अलग फीडर लगाने की शुरुआत की है.
नयी योजना के तहत मुख्यमंत्री कृषि विद्युत संबंध योजना की स्वीकृति दी गयी है. यह जानकारी उन्होंने रविवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के सचिव आलोक कुमार की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में दी.
इस बैठक में रिवैंप्ड रिफॉर्म बेस्ड रिजल्ट लिंक्ड पावर डिस्ट्रीब्यूशन सेक्टर स्कीम के विषय पर विभिन्न राज्यों के साथ विचार-विमर्श किया गया. इस दौरान राज्य के ऊर्जा सचिव संजीव हंस ने कहा कि राज्य में बिजली वितरण प्रणाली में सुधार कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. इसके तहत स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना, वास्तविक मूल्य आधारित टैरिफ व्यवस्था और डायरेक्ट बेनीफिट ट्रांसफर (डीबीटी) स्कीम के पारदर्शी मॉडल को पहले से ही लागू किया गया है.
इसकी सराहना राष्ट्रीय स्तर पर केंद्रीय विद्युत मंत्रालय ने भी की है. इसके साथ ही बैठक में सभी राज्यों ने अपने-अपने विचार रखे. बैठक में सभी राज्यों के ऊर्जा सचिव और केंद्र सरकार के वरीय पदाधिकारी शामिल हुए.
इस बैठक में केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के सचिव ने 2025 तक सभी राज्यों को एटी एंड सी लॉस को 12 से 15 प्रतिशत सहित एसीएस और एआरआर में अंतर को शून्य करने का लक्ष्य दिया गया है. इसके लिए राज्यों को अपनी राज्य विशेष की कार्ययोजना और रोडमैप तैयार करना होगा.
केंद्रीय विद्युत मंत्रालय के सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार की नयी योजना का मूल उद्देश्य वितरण कंपनियों के वित्तीय सुधार और विद्युत उपभोक्ताओं को गुणवत्तापूर्ण सहित निर्बाध बिजली आपूर्ति करना है. वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट भाषण में केंद्र सरकार ने अगले पांच वर्षों के लिए बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए कुल तीन लाख पांच हजार 984 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है.
इस के तहत स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाना, सभी वितरण ट्रांसफॉर्मर व फीडर में मीटर लगाना और राज्यों की आवश्यक योजनाओं को पूरा करने में सहयोग देना है. इसके तहत वितरण लाइन हानि और बिजली चोरी में कमी लाने से संबंधित कार्य, फीडर अलग करना और क्षेत्र विशेष में बिजली वितरण प्रणाली को बेहतर बनाना शामिल है.
posted by ashish jha