Jharkhand Crime News, Gumla News, गुमला न्यूज (दुर्जय पासवान) : बीमारी से लोग मरने लगे, तो तीन वृद्ध पर डायन बिसाही करने का आरोप लगाकर ग्रामीणों ने गांव से बाहर निकाल दिया. इसमें दो महिला व एक पुरुष है. इनकी उम्र 75 से 90 साल है. गांव में दोबारा नहीं घुसने की भी धमकी दी. डर से तीनों वृद्ध पिछले 3 साल से गुमला में शरण लिए हुए हैं. अंधविश्वास का यह मामला गुमला से 12 किमी दूर बड़ा लोरो गांव की है.
गुमला के बड़ा लोरो गांव के 3 वृद्ध महली उरांव (80 वर्ष), बुद्धनी देवी (75 वर्ष) और विधवा फुलो मुंडाइन (90 वर्ष) को ग्रामीणों ने डायन बिसाही का आरोप लगा कर गांव से बाहर कर दिया. इनलोगों को गांव से बाहर निकाले जाने के बाद वृद्ध दंपती गुमला के पुग्गू पंचायत और फुलो नवाडीह पंचायत में अपनी बेटियों के घर में रह रही है. ये लोग डर से दोबारा अपने गांव जाना नहीं चाहते. इन्हें डर है कि गांव वाले डायन बिसाही के शक में इनकी हत्या कर देंगे.
3 साल पहले फुलो मुंडाइन के पति सोमा मुंडा की बीमारी से मौत हो गयी थी. इसके बाद उसके पुत्र भंवरा मुंडा व गंदुर मुंडा की भी बीमारी से जान चली गयी थी. इससे गांव के लोग अंधविश्वासी हो गये. फुलो मुंडाइन पर डायन बिसाही करने का आरोप लगाने लगे. परिवार के लोगों ने ही फुलो को घर व गांव से निकाल दिया. जब से फुलो नवाडीह में रह रही है. वहीं वृद्ध दंपती महली उरांव व बुद्धनी उरांव पर गांव के ही लोगों ने डायन बिसाही करने का आरोप लगाया था. गांव में दोनों प्रताड़ित होने लगे. जान को खतरा हो गया था. बताया गया कि महली उरांव कहीं भी बैठता था तो कुछ बोलते रहता था. हाथ पैर को रगड़ता था. इसलिए डायन बिसाही का आरोप लगाकर दोनों को निकाल दिया.
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बड़ा लोरो गांव के ग्राम प्रधान घसिया उरांव ने कहा कि हमारे गांव की दो वृद्ध व एक पुरुष जो तीन वर्षों से गांव से बाहर रह रहे हैं. उन्हें पूरे सम्मान के साथ गांव लाया जायेगा. 15 दिन के अंदर गांव में बैठक कर वृद्धों के गांव वापस लाने की पहल की जायेगी. उन्होंने कहा कि यह सच है कि अंधविश्वास में आकर गांव के कुछ लोगों ने वृद्धों के साथ गलत व्यवहार किया था. जिसके बाद वे लोग गांव छोड़कर गुमला में रह रहे हैं.
बड़ा लोरो गांव की शिक्षाविद् कमला दूबे ने कहा कि हमारा गांव अशिक्षा एवं कुप्रथाओं का शिकार है. यहां अंधविश्वास है. जिस कारण हमारे गांव के तीन वृद्ध गुमला में प्रवासित जीवन जी रहे हैं. जबकि उन्हें थोड़ी मानसिक बीमारी थी. लोग उन्हें डायन बिसाही का ताना देने लगे. एक वृद्ध महिला को तो उसके ही परिवार के लोगों ने घर से निकाल दिया व एक वृद्ध दंपती डर से गांव छोड़ दिये. गांव के प्रबुद्ध लोगों व प्रशासन से अपील है. वर्षो से प्रवासित रह रहे तीनों वृद्धों को गांव वापस लाकर ससम्मान आश्रय दिया जाये.
सेव योर लाइफ संस्था, गुमला के सचिव संतोष कुमार झा ने कहा कि बड़ा लोरो गांव में डायन बिसाही, जादू टोना, ओझागुनी के मामले हैं. मैं इस गांव का भ्रमण किया हूं. ग्रामीणों से बात की है. गांव के तीन वृद्धों को डायन बिसाही के आरोप में निकाल दिया गया है. दो साल से तीनों वृद्ध गांव से बाहर हैं. वृद्ध डरे हुए हैं. इस कारण पूर्व में इस मामले को थाने में नहीं ले जाया गया है. परंतु अब वृद्ध अपने गांव आना चाहते हैं. इसके लिए जरूरी है कि प्रशासन इसमें पहल करे. जिससे वृद्धों को ससम्मान गांव में वापस लाया जा सके.
Posted By : Samir Ranjan.