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सरकारी बैंकों का आपस में विलय के बाद नियमों में हो जाएगा बदलाव
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आठ बैंकों के आईएफसी कोड और शाखाओं का भी होगा परिवर्तन
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दिसंबर 2018 में सरकार ने पेश की थी बैंकों के विलय की योजना
Bank Rules Change : अगर आप चेक के जरिए लेनदेन करते हैं, तो सावधान हो जाइए. अब आपके मन में सवाल पैदा होगा कि आखिर आपको चेताया क्यों जा रहा है? आपको बता दें कि आने वाले 31 मार्च 2021 के बाद या फिर 1 अप्रैल 2021 से देश के करीब 8 बैंकों के चेक पूरी तरह से रद्दी में तब्दील हो जाएंगे. अब आप यह पूछेंगे कि आखिर इन 8 बैंकों के चेक रद्दी में क्यों बदल जाएंगे? तो इसका जवाब यह है कि इन 8 बैंकों का दूसरे बड़े बैंकों में विलय हो चुका है, जिसके चलते न केवल आपके चेक ही रद्दी में तब्दील हो जाएंगे बल्कि ये सभी बैंक इतिहास के पन्नों में ही सिमटकर रह जाएंगे.
आपको बता दें कि दिसंबर 2018 को केंद्र की मोदी सरकार की ओर से देश के सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का आपस में विलय की योजना पेश की गई थी. उस समय आरबीआई ने कहा था कि अगर सरकारी बैंकों के विलय से बने बैंक अपेक्षित परिणाम हासिल कर लेते हैं, तो भारत के भी कुछ बैंक वैश्विक स्तर के बैंकों में शामिल हो सकता है.
देश में जिन बैंकों का आपस में विलय किया गया, उनमें देना बैंक, विजया बैंक, कॉरपोरेशन बैंक, आंध्रा बैंक, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स (ओबीसी), यूनाइटेड बैंक, सिंडीकेट बैंक और इलाहाबाद बैंक शामिल हैं. आगामी 1 अप्रैल 2021 के बाद इन बैंकों के चेक और पासबुक पूरी तरह से बेकार हो जाएंगे. इसके अलावा, इन बैंकों का आईएफसी कोड और बैंक शाखाओं का पता भी बदल जाएगा. जब आप ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करेंगे, तो आपको नए आईएफसी कोड डालना होगा.
सरकार की बैंक विलय योजना के तहत देना बैंक और विजया बैंक का बैंक ऑफ बड़ौदा में विलय हो चुका है. इसके साथ ही, कॉरपोरेशन बैंक और आंध्रा बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक का पंजाब नेशनल बैंक, सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक तथा इलाहाबाद बैंक का इंडियन बैंक में विलय हो गया है.
Posted by : Vishwat Sen
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