Jharkhand News, Gumla News, गुमला न्यूज (दुर्जय पासवान) : गुमला में कल्याण विभाग द्वारा संचालित सरकारी आवासीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के निवाले (खाद्य सामग्री) का एक करोड़ रुपये सरेंडर होगा. अगर ITDA विभाग गंभीर होता, तो यह राशि सरेंडर नहीं होती. लेकिन, विभाग की लापरवाही के कारण राशि सरेंडर होने वाली है.
कल्याण विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, वर्ष 2019-2020 के भोजन व अन्य मद के लिए सरकार ने एक करोड़ 59 लाख रुपये का आवंटन 4 जनवरी, 2021 को किया था. इस राशि को आवासीय स्कूलों में भोजन व अन्य सामग्री आपूर्ति करने वाले आपूर्तिकर्ता को भुगतान करना था. लेकिन, विभाग इसमें दिलचस्पी नहीं ली. एक टेबल से दूसरे टेबल तक फाइल बढ़ते रही. लेकिन, अभी तक आपूर्तिकर्ता को राशि का भुगतान नहीं हुआ.
अब सरकार का आदेश आया है कि आवंटित राशि में से 40 प्रतिशत राशि का ही भुगतान आपूर्तिकर्ता को करना है. सरकार के इस आदेश के बाद आपूर्तिकर्ता को 1.59 करोड़ में मात्र 60 लाख रुपये ही भुगतान करने की प्रक्रिया विभाग कर रही है. मार्च क्लोजिंग के कारण विभाग को शेष बची एक करोड़ रुपये सरकार को सरेंडर करना पड़ेगा.
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वर्ष 2020-2021 के लिए भी सरकार ने 25 लाख रुपये का आवंटन किया है, लेकिन इस राशि का भी भुगतान अभी तक नहीं किया गया. इस वित्तीय वर्ष का भी 15 लाख रुपये विभाग द्वारा सरकार को सरेंडर करने की प्रक्रिया की जा रही है. यह राशि भी कल्याण विभाग द्वारा संचालित सरकारी आवासीय स्कूलों में भोजन व अन्य मद के लिए आवंटित किया गया था.
आयुर्वेदिक केंद्रों में दवा खरीद के लिए सरकार ने दो लाख रुपये का आवंटन कल्याण विभाग को किया है. परंतु अभी तक दवा खरीद नहीं हुई है. जिस कारण दवा मद का डेढ़ लाख रुपये भी सरेंडर करने की प्रक्रिया चल रही है. यह दवा पुसो, जैरागी व सखुवापानी आयुर्वेदिक केंद्र के लिए खरीदना था. दवा खरीद करने के बाद दवाओं को गांव के गरीब लोगों के बीच नि:शुल्क बांटना था. परंतु विभाग की लापरवाही से महीनों से पैसा बैंक में पड़ा रहा और विभाग सोया रहा.
गुमला के जिला कल्याण पदाधिकारी अजय जेराल्ड मिंज ने बताया कि भोजन व अन्य मद के लिए चार जनवरी को सरकार द्वारा गुमला डीसी को 1.59 करोड़ रुपये आवंटन किया गया. डीसी ने 29 जनवरी को उक्त राशि कल्याण विभाग को उपावंटित कर दिया. डीसी के आदेश के बाद राशि को कोषागार से निकासी के लिए ITDA निदेशक को 12 फरवरी को संचिका बढ़ायी गयी. परंतु निदेशक ने 13 मार्च को कोषागार से निकासी की अनुमति दी. इधर, आपूर्तिकर्ता के बिल भाउचर को कंप्यूटर में अपलोड करने में समय लग गया. तबतक सरकार का आदेश आ गया कि अब 40 प्रतिशत ही राशि का भुगतान करना है. ऐसे में 1.59 करोड़ में मात्र 60 लाख रुपये ही आपूर्तिकर्ता को भुगतान होगा. शेष राशि सरकार को सरेंडर करनी पड़ेगी.
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आपूर्तिकर्ता मेसर्स रमेश कुमार ने कहा कि विभाग के अधिकारियों की लापरवाही के कारण एक करोड़ रुपये सरेंडर हो रहा है. सरकार ने जनवरी माह में ही भोजन मद की राशि भुगतान के लिए जिला को दे दिया था. दूसरे जिले में सभी आपूर्तिकर्ता को राशि का भुगतान हो गया. लेकिन, गुमला में ITDA विभाग के अधिकारी की लापरवाही से भुगतान नहीं हुआ. एक टेबल से दूसरे टेबल तक संचिका पहुंचते तक समय खत्म हो गयी. जैसा ही आवंटन आया. अगर अधिकारी काम के प्रति ईमानदार रहते तो समय पर भुगतान हो जाता और सरेंडर करने की नौबत नहीं आती.
Posted By : Samir Ranjan.