Jharkhand News, Dhanbad News धनबाद : बिनोद बिहारी महतो कोयलांचल विश्वविद्यालय की छात्राएं रसोईघर से निकलने वाले कचरे से कीटनाशक का निर्माण कर रही हैं. ऐसा एसएसएलएनटी महिला कॉलेज में खुले स्टार्टअप सेल की मदद से संभव हो सका है. यहां मंगलवार को यूनिवर्सिटी का पहला स्टार्टअप सेल खुला. उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो (डॉ) अंजनी कुमार श्रीवास्तव ने किया.
कार्यक्रम का आयोजन कॉलेज सभागार में किया गया. मौके पर प्रतिकुलपति डॉ अनिल कुमार महतो, परीक्षा नियंत्रक डॉ सत्यजीत सिंह, पीके राय मेमोरियल कॉलेज के प्राचार्य डॉ बीके सिन्हा, आरएसपी कॉलेज के प्राचार्य डॉ प्रवीण कुमार सिंह ने भी छात्राओं की तारीफ की. इस अवसर पर स्टार्टअप शुरू करने वाली छात्राओं ने अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगायी. अतिथियों ने उत्पादों की काफी सराहना की. इस स्टार्टअप सेल को सेंटर फॉर इनोवेशन इंक्यूवेशन एंड आंत्रप्रेन्योरशिप डेवलपमेंट (सीआइआइइडी) नाम दिया गया है. अपने संबोधन में कुलपति डॉ श्रीवास्तव ने एसएसएलएनटी महिला कॉलेज प्रशासन को बधाई दी.
उन्होंने स्टार्टअप शुरू करने वाली कॉलेज और विवि की छात्राओं की तारीफ की. कॉलेज की प्राचार्या डॉ शर्मिला रानी ने कॉलेज में स्टार्टअप सेल स्थापित करने में मदद करने के लिए डिजिटल रास्ता के संस्थापक शांतनु बनर्जी की तारीफ की.
एसएसएलएनटी महिला कॉलेज में एम.कॉम सेमेस्टर तीन की छात्राओं ने इकोपुल नाम से स्टार्टअप की शुरुआत की है. इसे तीन छात्राओं ने मिलकर शुरू किया है. इनका स्टार्टअप बॉयो कचरा से उपयोगी कीटनाशक व फ्लोर क्लीनर और ऑर्गेनिक कंपोस्ट तैयार कर रहा है. छात्रा नंदनी सिंह और पूनम कुमारी ने बताया कि वे किचन और गार्डन से निकलने वाले कचरे से ये उपयोगी उत्पाद तैयार कर रही हैं.
जैसे- किचन से निकलने वाले कचरे से पौधों के लिए कीटनाशक तैयार कर रही हैं. वहीं संतरे के छिलके से फ्लोर क्लीनर तैयार कर रही हैं. गार्डन में पौधों से गिरने वाले सूखे पत्तों से कंपोस्ट तैयार कर रही हैं. उत्पाद बाजार में मौजूद दूसरे उत्पादों से अलग है. इसमें केमिकल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है.
एसएसएलएनटी महिला कॉलेज में इंटर की दो छात्राओं के स्टार्टअप कोको रिंगा ने सहजन के पत्तों से इम्यून बूस्टर चॉकलेट तैयार की है. कोको रिंगा की को-फाउंडर अदिति बताती हैं कि सहजन के पत्ते के गुण से तो सभी वाकिफ हैं, लेकिन इसका इस्तेमाल काफी कम लोग करते हैं. इसी को देखते हुए सहजन से बनी चॉकलेट के कारोबार को स्टार्टअप का रूप दिया है. कोको रिंगा की दूसरी को-फाउंडर दीक्षा रॉय बताती हैं कि स्टार्टअप के जरिए दोनों सहजन के पत्ते से चॉकलेट बनाकर शहर के लोगों तक पहुंचा रही हैं. कीमत पांच रुपये है.
दीक्षा बताती हैं कि स्टार्टअप शुरू करने के लिए उनके कॉलेज की प्राचार्या के साथ-साथ परिजनों ने भी काफी प्रोत्साहित किया. दोनों बताती हैं कि सिर्फ 30 मिनट में 50 चॉकलेट तैयार कर सकती हैं. अभी उन लोगों ने छोटे पैमाने पर इसकी शुरुआत की है. जल्द ही इसे बड़े फलक पर उतारने की तैयारी है. धनबाद के कॉलेज की छात्राएं रसोईघर के कचरा से कीटनाशक बनाने तथा News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.
बीबीएमकेयू में पीजी मास कम्युनिकेशन विभाग की थर्ड सेमेस्टर की छात्रा प्रतिज्ञा लाला ने बेकार हो चुके कागज को खूबसूरत कलाकृति का शक्ल दिया है. प्रतिज्ञा ने अब अपने स्टार्टअप ‘क्या खूब’ से इसका व्यावसायिक स्तर पर उत्पादन शुरू किया है. वह उत्पाद के संंबंध में बताती हैं कि बेकार हो चुके कागज और मिट्टी की मदद से कलाकृति बना रही हैं.
यह कलाकृति हर आकार में बनायी जा सकती है. यह घरों में सजावट के लिए काफी सस्ता विकल्प है. प्रतिज्ञा बताती हैं कि उनकी कलाकृतियों को लोगों की काफी सराहना मिल रही है. इसी को देखते हुए स्टार्टअप शुरू करने का निर्णय लिया.
Posted By : Sameer Oraon