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क्या कोई अंबानी को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है? : शिवसेना
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मुंबई पुलिस का मनोबल कम होगा : संजय राउत
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राउत ने कहा-राज्य सरकार की प्रतिष्ठा दांव पर
पुलिस अधिकारी सचिन वेज की गिरफ्तारी के बाद महाराष्ट्र की राजनीति गरमा गई है. शिव शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि पूजा चव्हाण और सांसद मोहन डेलकर की आत्महत्याओं और व्यवसायी मनसुख हिरन की हत्या और पुलिस अधिकारी सचिन वेज की गिरफ्तारी के बाद हुए विवादों ने महाराष्ट्र की “गरिमा” को प्रभावित करने का काम किया है. शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक लेख लिखा गया है जिसका शीर्षक है “क्या कोई अंबानी को ढाल के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहा है?”
शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को आरोप लगाया कि उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास विस्फोटक से भरी कार मिलने के मामले की जांच एनआईए द्वारा संभालने से मुंबई पुलिस का मनोबल कम होगा और महाराष्ट्र में अस्थिरता पैदा होगी. मुंबई में पत्रकारों से बातचीत में राउत ने यह भी कहा कि राष्ट्रीय अभिकरण एजेंसी (एनआईए) द्वारा शनिवार देर रात गिरफ्तार किए गए मुंबई पुलिस के अधिकारी सचिन वाजे ‘ईमानदार, सफल अधिकारी और एक अच्छे जांचकर्ता हैं.” राज्यसभा सदस्य राउत ने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार की प्रतिष्ठा दांव पर है.
आपको बता दें कि एक स्कॉर्पियो दक्षिण मुंबई में उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर के पास 25 फरवरी को खड़ी मिली थी. इस गाड़ी में से जिलेटिन की कुछ छड़ें और एक धमकी भरा पत्र मिला था. वाजे ‘मुठभेड़ विशेषज्ञ’ हैं. वह ठाणे के कारोबारी मनसुख हिरन की हत्या के मामले में आरोपों का सामना कर रहे हैं. उक्त स्कॉर्पियो हिरन की थी. हिरन पांच मार्च को ठाणे जिले में मृत पाए गए थे. महाराष्ट्र आतंकवाद-निरोधक दस्ता (एटीएस) हिरन की मौत के मामले की जांच कर रहा है. हिरन का शव मिलने के कुछ दिन बाद एटीएस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
राउत ने कहा कि मुंबई पुलिस दोनों मामलों की जांच करने में सक्षम है और केंद्रीय जांच एंजेसियों को शामिल करने की ‘जरूरत नहीं थी.’ उन्होंने आरोप लगाया, “वे (मुंबई पुलिस) सक्षम और पेशेवर हैं. उन पर दबाव नहीं डाला जा सकता. एनआईए का जांच संभालना दबाव बनाने के समान है.” शिवसेना के मुख्य प्रवक्ता ने आरोप लगाया कि एनआईए द्वारा वाजे को गिरफ्तार करना पुलिस के अधिकारों का अतिक्रमण करना और उनकी क्षमताओं पर हमला करने जैसा है. आगे राउत ने कहा कि राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जांच को एटीएस के हवाले किया था, लेकिन एनआईए स्कॉर्पियो में से जिलेटिन की 20 छड़ों की बरामदगी की जांच के परिदृश्य में आ गई.
जिन धाराओं में वाजे को गिरफ्तार किया गया है, उस बाबत किए गए सवाल पर राउत ने कहा, कि आरोप लगाने और आरोप साबित होने में फर्क होता है. इस मामले में राज्य सरकार की प्रतिष्ठा दांव पर है. शिवसेना नेता ने यह भी कहा कि सरकार को संवेदनशील सूचनाएं पहले विपक्ष के नेता तक पहुंचने के मुद्दे को ‘बहुत गंभीरता’ से लेना चाहिए. विपक्ष को बताना चाहिए कि अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मौत के मामले में सीबीआई की जांच में क्या मिला? इस बीच, गृह मंत्री देशमुख ने नागपुर में पत्रकारों से कहा कि एटीएस और एनआईए विस्फोटक से भरी कार मिलने और हिरन की मौत के मामले की जांच कर रही है.
आगे राउत ने कहा कि सच सामने आएगा और उसके मुताबिक, कार्रवाई की जाएगी. यह पूछे जाने पर कि क्या वाजे को निलंबित किया जाएगा तो देशमुख ने कोई टिप्पणी नहीं की. शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में साप्ताहिक स्तंभ ‘रोखठोक’ में राउत ने कहा कि विस्फोटक लदी कार और हिरन की रहस्यमय मौत के मामले की गुप्त जानकारी सबसे पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता फडणवीस तक पहुंचती रही, यह सरकार के लिए ‘शुभ संकेत’ नहीं है. उन्होंने कहा कि वर्तमान विवाद से विपक्ष ‘अपना खोया हुआ विश्वास पुनः प्राप्त करने’ में सक्षम हुआ है.
राउत ने कहा कि राज्य में जो भी हो रहा है कि वह उसकी प्रतिष्ठा के लिए अच्छा नहीं है. उन्होंने कहा कि पूजा चव्हाण खुदकुशी मामले में संजय राठौड़ को राज्य मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा जबकि विपक्ष हिरन की मौत के मामले में वाजे को निशाना बना रहा है. लेकिन, विपक्ष (इंटीरियर डिजाइनर) अन्वय नाइक और (दादर और नगर हवेली के लोकसभा सदस्य) मोहन डेलकर की खुदकुशी के मामले में बोलने को तैयार नहीं है.
रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी और दो अन्य को पिछले साल चार नवंबर को रायगढ़ पुलिस ने नाइक और उनकी मां की खुदकुशी के 2018 के मामले में गिरफ्तार किया था. उन्हें उच्चतम न्यायालय ने जमानत दे दी थी. पिछले महीने 58 वर्षीय डेलकर ने दक्षिण मुंबई के एक होटल में खुदकुशी कर ली थी. अंबानी के घर से पास से एक गाड़ी में से जिलेटिन की छड़ें मिलने और हिरन की मौत को ‘रहस्य’ बताते हुए राउत ने कहा कि रहस्य और सच में फर्क होता है. उन्होंने कहा कि हिरन यह कर अपने घर से निकले थे कि कांदिवली थाने के एक पुलिस अधिकारी ‘तावड़े’ ने उन्हें बुलाया है. राउत ने कहा कि कांदिवली थाने में इस नाम का कोई अधिकारी नहीं है. यह सब बहुत उलझा हुआ है। मुंबई और ठाणे पुलिस बलों में कुछ समूहों को एक बाहरी ताकत नियंत्रित कर रही है.
भाषा इनपुट के साथ
Posted By : Amitabh Kumar