भारतीय ब्रांड – मैसूर दीप परफ्यूमरी हाउस (एमडीपीएच) ने सुपरस्टार ऋतिक रोशन का उनके परिवार में स्वागत किया है जिसमें घरों में इस्तेमाल किये जाने वाले विभिन्न प्रकार के सुगंधित द्रव्यों से जुड़े उत्पाद शामिल हैं. इस समूह से एमएस धोनी के बाद जुड़ने वाला बड़ा नाम ऋतिक रोशन हैं. एमएस धोनी ज़ेड ब्लैक 3-इन-1 अगरबत्तियों के इस ब्रांड के साथ एंबेसेडर के तौर पर जुड़े हुए हैं. पूरे देश में ऋतिक रोशन की लोकप्रियता और प्रभाव को ध्यान में रखते हुए एमडीपीएच को उम्मीद है कि वे देशभर में उनके प्रीमियम मंथन धूप के साथ ग्राहकों तक पहुंच सकेंगे. यह भागीदारी ब्रांड के कैंपेन ‘मंथन जरूरी है’ को बढ़ावा देगी.
मार्केटिंग कैंपेन के तहत ऋतिक रोशन ‘मंथन धूप’ के नये विज्ञापन में नजर आयेंगे जिसे टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित किया जायेगा. नया विज्ञापन आगामी फेस्टीव सीजन और आइपीएल सीजन के दौरान भी प्रसारित किया जायेगा. ओबेरॉय (आइबीसी) द्वारा ‘मंथन जरूरी’ कैंपेन की संकल्पना तैयार की गयी है जो आत्म-विश्लेषण से प्रेरित है, जिसमें स्वयं के भीतर झांककर विचारों की जांच करना और भावनात्मक जागरूकता प्राप्त करना शामिल है.
एमडीपीएच के डायरेक्टर एवं पार्टनर अंशुल अग्रवाल ने कहा, ऋतिक रोशन के साथ जुड़ने से मंथन धूपबत्ती और धूपस्टिक्स को राष्ट्रीय स्तर पर पहचाने जाने वाले ब्रांड के तौर पर स्थापित करने में सहायता मिलेगी, जिसमें बांस का इस्तेमाल नहीं किया जाता. यह पहली बार है जब किसी धूप ब्रांड ने एक ब्रांड एंबेसेडर को अपने साथ जोड़ा है.
ज़ेड ब्लैक के लिए राष्ट्रीय ब्रांड एंबेसेडर एमएस धोनी और मंथन के लिए जाने माने चेहरे के तौर पर ऋतिक रोशन के बीच तालमेल से देश में शीर्ष तीन अगरबत्ती निर्माताओं में से एक के तौर पर हमारी स्थिति को मजबूत करना संभव होगा. मंथन धूप पूरे देश और उत्तर भारत में प्रमुख रूप से सुगंधों की एक विस्तृत शृंखला के साथ बाजार में अग्रणी है और ऋतिक का नया टीवीसी देश में हमारी स्थिति को और मजबूत करने के लिए युवाओं से जुड़ेगा.
अपनी तरह के इस अनोखे सहयोग पर बात करते हुए सुपरस्टार ऋतिक रोशन ने कहा, मैसूर दीप परफ्यूमरी हाउस (एमडीपीएच) के साथ मेरा संबंध व्यापक स्तर पर भारतीय परिवारों के लिए सेवा प्रदान करने के समान विजन साझा किये जाने पर बना हुआ है. ब्रांड ‘मंथन’ के लिए धूप का विज्ञापन करते हुए मुझे खुशी हो रही है.
सारी दुनिया में सुगंध का बोध संज्ञानात्मक गूंज के साथ जुड़ा हुआ है. भारत में भावनाओं में ताजगी भरने के लिए सुगंध एक लोकप्रिय साधन है. इसलिए मैं यह कहूंगा कि हमारा जुड़ाव बेहद गहराई से विचारपूर्वक लिया गया फैसला है, एक ऐसा फैसला जिसमें भारतीय घरों के उद्देश्य, आवश्यकता, इच्छा और मांग की पहचान की गयी है.
टीवीसी में ऋतिक रोशन ‘मंथन जरूरी है’ की धुन पर थिरकते नजर आयेंगे, जो मंथन धूपबत्ती द्वारा जाग्रत करने वाली कई संवेदनाओं का प्रतिबिंब है. टीवीसी का उद्देश्य इस उत्पाद के साथ जुड़े कार्यात्मक सार को पकड़ना है. खुशी, आस्था और स्वयं के साथ एक गहरा जुड़ाव, दिव्य शक्ति और समुदाय. विज्ञापन के शानदार जिंगल को मशहूर कोरियोग्राफर फराह खान द्वारा कोरियाग्राफ किया गया है.
ज़ेड ब्लैक के पास अब संगठित अगरबत्ती उद्योग की 15% से ज्यादा मार्केट हिस्सेदारी है और इसके पास विशाल वितरण नेटवर्क है. मध्य प्रदेश के इंदौर में स्थित इसका मैन्युफैक्चरिंग यूनिट, दुनिया का सबसे बड़ा कच्ची अगरबत्ती का मैन्युफैक्चरिंग यूनिट हैं जिसमें 3000+ कार्यबल को रोजगार पर रखा गया है जिसमें से 80% महिलाएं हैं. छह महाद्वीपों में यूएसए, ब्राज़ील, इथियोपिया, नीदरलैंड्स, ऑस्ट्रोलिया, मलेशिया इत्यादि जैसे 30+ देशों में निर्यात के साथ कंपनी ने एक मजबूत वैश्विक फूटप्रिंट तय किया है.
ऋतिक रोशन ज़ेड ब्लैक मंथन धूप और धूपबत्ती का प्रमोशन करेंगे जिसे सुगंधित तेलों और सभी प्राकृतिक सामग्रियों के मिश्रण से तैयार किया जाता है जिसमें मोगरा, केवड़ा, चमेली, अनानास, चंपा, सोना, चंदन, गुग्गल, लोबान, रातरानी, जास्मिन, रजनीगंधा, चांदी, लैवेन्डर, चार्ली और गुलाब की सुगंधित खुशबू शामिल हैं. ज़ेड ब्लैक मंथन संब्रानी कप्स के लिए भी ऋतिक विज्ञापन करते नजर आयेंगे, जो सुगंधित और सकारात्मक ऊर्जा का एक शक्तिशाली स्रोत हैं और केवल एक कप को प्रज्वलित करने से घर में हर दिन पवित्र हवन किये जाने की भावना का एहसास होता है, इस तरह केवल एक संब्रानी कप तैयार करने से एक हवन के परिमंडल का निर्माण होता है और इससे जुड़े हुए लाभ प्राप्त होते हैं.
मैसूर दीप परफ्यूमरी हाउस (एमडीपीएच) की शुरुआत 1992 में श्री प्रकाश अग्रवाल द्वारा की गयी थी. आज एमडीपीएच के पास पांच फैक्ट्रियां, 35 रिजनल सेल्स ऑफिस, 3000 से ज्यादा का कार्यबल और 1200+ उत्पाद हैं जिन्हें छह महाद्वीपों में 30+ से ज़्यादा देशों में निर्यात किया जाता है, एमडीपीएच द्वारा प्रतिदिन 30 लाख से ज़्यादा अगरबत्तियों पर प्रक्रिया की जाती है.
Posted by: Pritish Sahay
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