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कोरोना वैक्सीन अभियान में मदद कर रही है आईओसी
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कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद भी डॉक्टर हुईं संक्रमित
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विकसित और बड़े देश भी कर रहे हैं भारत से वैक्सीन की मांग
Coronavirus Vaccine : मध्य प्रदेश में जबलपुर के सरकारी गांधी मेडिकल कॉलेज की एक वरिष्ठ महिला डॉक्टर कोरोना वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बावजूद कोरोना वायरस से संक्रमित हो गई हैं. अधिकारियों ने इस संबंध में जानकारी दी है. डॉक्टर के करीबी लोगों ने कहा कि डॉक्टर का मानना था कि वैक्सीन की दूसरी खुराक लेने के बाद मास्क पहनने की आवश्यकता नहीं है और संभवत: इसी लापरवाही के चलते उन्हें वैक्सीन लगाने के बावजूद संक्रमण हुआ है.
उन्होंने बताया कि 48 वर्षीय डॉक्टर को कोरोना वैक्सीन के पहली खुराक 16 जनवरी को मिली थी जबकि दूसरी खुराक एक मार्च को मिली. 10 मार्च को जांच में डॉक्टर को कोरोना संक्रमित पाया गया और इसके चलते उन्हें 14 दिनों तक कोरेंटिन की सलाह दी गई है.
कोरोना के कुछ वैक्सीन के कारण विकसित रोग प्रतिरोधक (ऐंटी बॉडी) ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में सामने आए कोरोना वायरस के नए प्रकार के खिलाफ कम प्रभावी हैं. एक नए अध्ययन में यह जानकारी सामने आई है. ‘सेल’ पत्रिका में प्रकाशित अनुसंधान में कहा गया है कि ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका में सामने आए कोरोना वायरस के नए प्रकार के खिलाफ फाइजर और मॉडर्ना के कोविड-19 टीकों के कारण विकसित रोग प्रतिरोधक ज्यादा कामयाब नहीं हैं.
इधर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने कोरोना महामारी से लड़ने में देश के वैज्ञानिकों द्वारा किये गये प्रयासों की सराहना करते हुए कहा है कि भारत दुनिया को कोविड-19 का दो वैक्सीन दे चुका है तथा आधा दर्जन से अधिक वैक्सीन अभी आने वाले हैं और आज दुनिया के विकसित और बड़े देश भी भारत से वैक्सीन की मांग कर रहे हैं. केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने स्थानीय राष्ट्रीय पर्यावरणीय स्वास्थ्य अनुसंधान संस्थान (एनआईआरईएच) के न्यू ग्रीन कैम्पस का उद्घाटन करते हुए भोपाल में ये बात कही.
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देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) देश के कोरोना वैक्सीन कार्यक्रम में मदद कर रही है. कंपनी चार राज्यों में टीके के परिवहन एवं भंडारण के लिए उपलब्ध शीत भंडारण उपकरणों (सीसीई) में कमी की भरपाई कर रही है. कंपनी ने बयान में कहा कि उसने चार राज्यों जम्मू-कश्मीर, तमिलनाडु, बिहार और मणिपुर में शीत भंडारण जरूरतों को पूरा करने के लिए कदम उठाए हैं.
Posted By : Amitabh Kumar