16.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Jharkhand News : आम व गेहूं की फसल को बारिश से हुआ फायदा, किसानों ने ली राहत की सांस, कृषि वैज्ञानिक ने दी ये सलाह

Jharkhand News, Gumla News, गुमला न्यूज (दुर्जय पासवान) : गुमला में शनिवार की सुबह अच्छी बारिश से सूख रही नदियों में जान आ गयी है. खेतों की नमी लौट आयी है. कृषि विज्ञान केंद्र गुमला बिशुनपुर के अनुसार शनिवार को तीन मिलीमीटर बारिश हुई है. यह बारिश फसलों के लिए फायदेमंद है. सबसे ज्यादा फायदा आम व गेहूं को होगा. दो दिन पहले (11 मार्च को) गुमला का अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस था. तापमान बढ़ने से फसलों को नुकसान होने का डर था, लेकिन बारिश होने से तीन डिग्री सेल्सियस तापमान कम हो गया है.

Jharkhand News, Gumla News, गुमला न्यूज (दुर्जय पासवान) : गुमला में शनिवार की सुबह अच्छी बारिश से सूख रही नदियों में जान आ गयी है. खेतों की नमी लौट आयी है. कृषि विज्ञान केंद्र गुमला बिशुनपुर के अनुसार शनिवार को तीन मिलीमीटर बारिश हुई है. यह बारिश फसलों के लिए फायदेमंद है. सबसे ज्यादा फायदा आम व गेहूं को होगा. दो दिन पहले (11 मार्च को) गुमला का अधिकतम तापमान 37 डिग्री सेल्सियस था. तापमान बढ़ने से फसलों को नुकसान होने का डर था, लेकिन बारिश होने से तीन डिग्री सेल्सियस तापमान कम हो गया है.

शनिवार को अधिकतम तापमान 34 डिग्री सेल्सियस रहा. अभी आने वाले और तीन दिनों तक इसी प्रकार तापमान रहेगा. तापमान गिरने से फसलों को फायदा हुआ है. कृषि वैज्ञानिक अटल बिहारी तिवारी ने बताया कि शुक्रवार व शनिवार को बारिश हुई है. इससे खेतों में नमी आयी है. फसलों को भी फायदा हुआ है. सबसे अधिक फायदा गेंहू की फसल को हुआ है. किसानों के लिए बारिश होना फायदेमंद है. कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि आम में आम का फुदका का कीट की रोकथाम के लिए इमिडाक्लोप्रिड एक ग्राम प्रति लीटर पानी के हिसाब से छिड़काव करना चाहिए, जिससे आम के मंजर लगने में दिक्कत नहीं होगी. अभी जिस प्रकार का मौसम है. अभी मंजर निकलेंगे और फायदा होगा. जो मंजर निकला है. उसमें भी बारिश से फायदा होगा. अगर इसी प्रकार मौसम साथ दिया तो इस वर्ष देहाती आम की अच्छी पैदावार होगी.

Also Read: Jharkhand News : झारखंड के गुमला में नयी बिल्डिंग के लिए अस्पताल परिसर से काटे गये थे 39 पेड़, तीन साल बाद भी नहीं लगा एक पौधा

कृषि वैज्ञानिक ने कहा कि रबी की जो भी फसल तैयार हो चुकी है. उसे अविलंब कटाई कर लें. फसल काटने के बाद अगर मिट्टी में उपयुक्त नमी हो तो खेत की जुताई कर दें. खेत में पाटा नहीं चलायें. मिट्टी को खुला छोड़ने से इसमें मौजूद खरपतवार तथा कीड़े-मकोड़े नष्ट हो जायेंगे. बैंगन व भिंडी की फसल में फल छेदक, फूलगोभी व बंधागोभी में गोली का पतंगा कीट से बचाव के लिए जैविक कीटनाशी दवा हाल्ट, डेल्फिन आदि में से किसी एक दवा का छिड़काव 1.5 ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से दोपहर के बाद करना चाहिए.

धान : रोपा के 25 से 30 दिनों बाद कोनोवीडर मशीन की दो पंक्तियों के बीच आगे पीछे चला दें. इससे खरपतवार नष्ट होकर मिट्टी में मिल जायेगा. साथ ही साथ मिट्टी के हल्का होने से वायु संचार की स्थिति में भी सुधार होगा. ऐसे में पौधों में कल्ले भी अत्याधिक संख्या में निकलते हैं. खरपतवार नियंत्रित करने के बाद ही फसल में आवश्यकतानुसार यूरिया का छिड़काव करें.

गेहूं : इस समय फसल दाना भरने की अवस्था में है. इससे मिट्टी में नमी की कमी होने से ऊपर में कमी आयेगी. किसान मिट्टी में समुचित नमी बनाये रखने के लिए आवश्यकतानुसार सिंचाई करते रहें. लूज स्मट रोग से ग्रसित बालियां अगर दिखायी पड़े तो सावधानीपूर्वक तोड़कर जलाकर नष्ट कर दें. रोगी बालियों को काटते समय सावधानी बरतें कि उसका चूर्ण जमीन पर नहीं गिरे. यह प्रक्रिया उन किसानों के लिए है तो अगले वर्ष इस फसल को बीज के रूप में व्यवहार करना चाहते हैं.

Also Read: Jharkhand Naxal News : झारखंड के गुमला में इनामी नक्सली लजीम अंसारी के परिवार को एसपी ने दी नसीहत, सरेंडर कराइए, तभी रहेंगे सुरक्षित

चना : समय पर बोयी गयी इन फसलों में फली का आना शुरू हो गया है. अगर इनमें फली छेदक कीड़ों का आक्रमण हो रहा है तो कीटनाशी दवा प्रोफेनोफोस का छिड़काव दो मिलीमीटर प्रति लीटर पानी की दर से करें, लेकिन अगर हरा चना तोड़कर बाजार में बेचना हो तो फसल में जैविक कीटनाशी डेल्फिन का छिड़काव दो ग्राम प्रति लीटर पानी की दर से करें.

मूंग : जो किसान मूंग की खेती करना चाहते हैं. वे इसकी उन्नत प्रभेद की बोआई अनुशंसित विधि से करें. एक एकड़ में बोआई के लिए 12 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है. बीज को बोने से पहले अगर उपलब्ध हो तो राइजोबियम कल्चर से अवश्य उपचारित करें.

Also Read: Jharkhand News : आज भी आदिम युग में जीने को विवश हैं झारखंड के गुमला में असुर जनजाति समुदाय के लोग, पढ़िए क्या जमीनी हकीकत

लौकी : कद्दू की सब्जियों में लाल भृंग कीटों का आक्रमण होने पर इसकी रोकथाम अविलंब करें. इन कीटों का विकास खेत की मिट्टी में होता है. बड़े होने पर ये पौधों पर चढ़कर पत्तियों का रस चूसता है. अत: पौधे की जड़ के आसपास मिट्टी को छोड़कर कीटनाशक दवा प्रोफेनोफेस का घोल चार मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से बना कर अच्छी तरह भिंगो दें. साथ ही इसी दवा का छिड़काव दो मिलीलीटर प्रति लीटर पानी की दर से पौधों पर भी करें. कीटनाशक दवा नहीं रहने पर किसान कोयला या लकड़ी के राख में मिट्टी किरोसिन तेल मिलाकर सुबह के समय पौधों पर छिड़काव करें.

गुमला के मौसम का पूर्वानुमान (अगले चार दिनों तक का)

तिथि 14 मार्च 15 मार्च 16 मार्च 17 मार्च

वर्षा (मिमी) 4.0 0.0 0.0 0.0

अधिकतम तापमाप (से.) 30.0 33.0 34.0 34.0

न्यूनतम तापमाप (से.) 15.0 17.0 19.0 18.0

हवा की गति (किमी प्रति घंटा) 7.2 10.2 8.9 9.5

Posted By : Guru Swarup Mishra

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें