विधानसभा में शनिवार को जोदार हंगामा हुआ. मंत्री रामसूरत राय के इस्तीफे की मांग को लेकर विपक्ष ने खूब हंगामा किया. जैसे ही विधानसभा की दूसरी पाली शुरू हुई शराबबंदी को लेकर विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया. यह हंगामा धक्का मुक्की में भी बदली सत्ता पक्ष के सवाल पर विपक्ष इतना भड़का कि हाथापाई हो गयी.
#WATCH | Ruckus ensued in Bihar Assembly after Leader of Opposition Tejashwi Yadav demanded resignation of State Minister Ram Surat Rai over alleged recovery of illicit liquor from a school run by Rai's brother. pic.twitter.com/hqNUo5bCkf
— ANI (@ANI) March 13, 2021
दूसरी पाली में तेजस्वी यादव ने दोबारा शराबंदी और मंत्री रामसूरत के इस्तीफे पर बात शुरू कर दी. इस पर बिहार के उपमुख्यमंत्री ने टोका अगर इस पर चर्चा करनी है तो आसन को नियमन देना चाहिए. इस पर तेजस्वी ने जवाब दिया नेता प्रतिपक्ष का पद संवैधानिक होता है. मगर उप मुख्यमंत्री का पद संवैधानिक नहीं होता है. हमें पूरा हक है अपनी बात रखने का हमें समय दिया गया है.
तेजस्वी के इस बयान पर सत्ता दल के विधायक नाराज हो गये और आपत्ति दर्ज की , दोनों तरफ से बहस जारी रही तेजस्वी ने कह दिया मेरे मुंह खोलते ही सत्तारूढ़ दल कांपने लगता है. उनके इस बयान के बाद हंगामा और तेज हो गया.
विपक्ष के विधायक वेल तक भी पहुंच गये , विधायकों ने वहां रखी कुर्सी भी पलट दी . इस बीच बीच बचाव के लिए सुमित सिंह और नीरज बबलू वेल में आ गये. बढ़ता हंगामा देखकर मार्शल भी वेल में आ गये.
इस पूरे हंगामे पर विधायक सभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने सदन में ही कहा, जो आज विधानसभा में हुआ नहीं होना चाहिए था. सदन की गरिमा बनाये रखनी चाहिए. इस तरह की कार्यवाही बर्दाश्त नहीं होगी.अगर फिर कभी ऐसी नौबत आयी तो कड़ा कदम उठायेंगे. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों को मर्यादा का ख्याल रखना चाहिए.
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बढ़ते हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही दोपहर 3.30 तक स्थगित कर दी गयी है. सदन स्थगित होने के बाद राजद और भाजपा के विधायकों के बीच बहस जारी रही. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शराबबंदी पर बोलने के लिए समय मांगा.
सोमवार को उन्हें समय मिला तो उन्होंने दो मिनट का समय मांगा . इस बीच हंगामा इतना बढ़ा की नौबद हाथापाई तक आ गयी. हंगामे के बीच वेल की कुर्सी भी पलट दी गयी
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हंगामे को मंत्री जमा खान ने साजिश करार दे दिया है उन्होंने कहा, विपक्ष की यही मंशा है कि सदन ना चले. शुरू से ही उन्होंने मुर्दाबाद का नारा लगाना शुरू कर दिया था उसी वक्त उनकी मंशा साफ हो गयी थी. जब सदन में हंगामा और ज्यादा हुआ तो तेजस्वी और तेजप्रताप बाहर चले गये.