20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

मोदी की बुरी नजर लोगों की पैतृक ज़मीनों पर और कैप्टन सरकार की बुरी नजर पंचायती ज़मीनों पर है: भगवंत मान

संगरूर जिले का घराचो गांव इसका ताजा उदाहरण है जहां पंचायती भूमि पर भू-माफियाओं की बुरी नजर थी, लेकिन गांव की ग्राम सभा ने अपनी शक्ति का प्रयोग कर 23 एकड़ सरकारी जमीन को भू-माफियाओं से बचाकर एक नया मिसाल कायम किया है.

  • मोदी सरकार काले कानूनों के माध्यम से लोगों की पुश्तैनी जमीनों को हड़पने की फिराक में

  • पंचायती भूमि पर भू-माफियाओं की बुरी नजर

  • कैबिनेट मंत्री विजय इंदर सिंगला के रिश्तेदार पंचायती जमीन पर खोलना चाहते थे अस्पताल

आम आदमी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और सांसद भगवंत मान ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार काले कानूनों के माध्यम से लोगों की पुश्तैनी जमीनों को हड़पने की फिराक में है और कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार और उनके मंत्री अरबों रुपये की पंचायती जमीन हड़पने के चक्कर में है.

संगरूर जिले का घराचो गांव इसका ताजा उदाहरण है जहां पंचायती भूमि पर भू-माफियाओं की बुरी नजर थी, लेकिन गांव की ग्राम सभा ने अपनी शक्ति का प्रयोग कर 23 एकड़ सरकारी जमीन को भू-माफियाओं से बचाकर एक नया मिसाल कायम किया है.

भगवंत मान ने शुक्रवार को घराचो गांव के सरपंच गुरमेल सिंह और पंचायत सदस्यों के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि संगरूर के विधायक और कैबिनेट मंत्री विजय इंदर सिंगला के दबाव के बावजूद 23 एकड़ 1 कनाल 7 मरला पंचायत की जमीन को जबरन ग्राम पंचायत को वापस किया गया. यह जमीन अरबों रुपये की है, जिसे निजी अस्पताल और कॉलेज खोलने के लिए भू-माफिया और सरकारी तंत्र ने रातोंरात कब्जा कर लिया था.

उन्होंने कहा कि बीडीपीओ ने अगस्त 2020 में ग्राम पंचायत को एक पत्र लिखा था जिसमें कहा गया था कि गाँव में एक सरकारी मेडिकल कॉलेज खोला जाना है. इसके बाद लोकसभा सदस्य भगवंत मान के समक्ष गाँव की ग्राम सभा ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें कहा गया था कि यदि इस कॉलेज का एक प्रतिशत भी निजी कंपनी का हिस्सा बन जाता है तो जमीन नहीं दी जाएगी.

Also Read: कैप्टन सरकार लोगों के अधिकारों की लड़ाई लड़ रहे आप नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज कर रही झूठे मुकदमे : हरपाल चीमा

लेकिन बाद में यह पता चला कि कॉलेज को पीपीपी के तहत चलाया जाना था, जिसमें 70 प्रतिशत निजी होंगे. गाँव की ग्राम सभा ने तब जमीन सौंपने से इनकार कर दिया. जमीन नहीं दिए जाने के बाद जिला प्रशासन ने गांव के विकास कार्य को रोक दिया. बीडीपीओ द्वारा गांव के विकास के लिए चेक को मंजूरी नहीं दी गई.

गांव के सरपंच द्वारा पंचायती जमीन के आवंटन के संबंध में ग्राम सभा के प्रस्ताव के अनुसार, उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया गया. ग्राम सभा के प्रस्ताव पर विचार करते हुए, उच्च न्यायालय ने जिला प्रशासन को गाँव की पंचायती भूमि वापस करने का निर्देश दिया.

Also Read:
कैप्टन के शासनकाल में पंजाब आंदोलन का केन्द्र बना, आंदोलनकारियों की समस्याओं को दूर करने के लिए कुछ नहीं किया : बलजिंदर कौर

उन्होंने कहा कि कैबिनेट मंत्री विजय इंदर सिंगला के एक करीबी रिश्तेदार ने यहां अरबों रुपये की ग्राम पंचायत की भूमि पर एक अस्पताल और मेडिकल कॉलेज खोलना चाहा था लेकिन एक शिक्षित सरपंच और पंच की जागरूकता ने गाँव की भूमि को भू-माफियाओं से बचा लिया. उन्होंने कहा कि अन्य गांवों के ग्राम सभाओं को भी इससे सीख लेनी चाहिए.

इस अवसर पर पंचायत सदस्य बलविंदर सिंह, वीरपाल कौर, जसवीर कौर, रमनदीप कौर और रंजीत कौर एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता नरिंदर कौर, गुनिंदरजीत सिंह मिंकू जवंधा, अवतार सिंह इलवाल और अन्य नेता उपस्थित थे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें