UPSC Civil Services 2021: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की ओर से हर साल आयोजित होनेवाली सिविल सेवा परीक्षा देश की सर्वाधिक प्रतिष्ठित परीक्षाओं में से एक है. इस परीक्षा के जरिये चयनित अभ्यर्थियों को भारत सरकार की प्रशासनिक व अन्य सेवाओं में नियुक्तियां दी जाती हैं. यह एकमात्र ऐसी परीक्षा है, जिसमें सफल होने के बाद विभिन्न क्षेत्रों में प्रशासन के उच्च पदों पर आसीन होने और नीति-निर्माण में प्रभावी भूमिका निभाने का मौका मिलता है. सिविल सेवा परीक्षा को लेकर युवाओं के मन में कई तरह के सवाल होंगे. अतः यह जरूरी हो जाता है कि इसके लिए आवेदन करने से पहले परीक्षा के पैटर्न, सिलेबस, अपेक्षित योग्यता और तैयारी की रणनीति आदि के बारे में पूरी जानकारी हासिल कर लें.
परीक्षा में शामिल होने के लिए अभ्यर्थियों के पास मान्यताप्राप्त विश्वविद्यालय की डिग्री या समकक्ष योग्यता होनी चाहिए. वैसे, यहां कोई न्यूनतम अंक प्रतिशत निर्धारित नहीं है, जिसका उद्देश्य सभी तरह के छात्रों को इस परीक्षा में शामिल होने का अवसर देना है. इस परीक्षा का माध्यम हिंदी और अंग्रेजी में से कोई भी हो सकता है. आवेदक की आयु 21 से 32 वर्ष के बीच होनी चाहिए. अन्य पिछड़ा वर्ग, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति को अधिकतम आयु सीमा में नियमानुसार छूट दी जायेगी.
सिविल सेवा परीक्षा तीन चरणों – प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार में होती है. प्रारंभिक परीक्षा एक स्क्रीनिंग टेस्ट है, जिसकी प्रकृति वस्तुनिष्ठ एवं वैकल्पिक प्रकार की होती है. इसका उद्देश्य अभ्यर्थी के अध्ययन की व्यापकता एवं तत्काल निर्णय लेने की क्षमता को जांचना है. दूसरा चरण मुख्य परीक्षा का है, जो एक लिखित परीक्षा है. इसके तहत अभ्यर्थी के अध्ययन की गहराई एवं विश्लेषण क्षमता का परीक्षण होता है. परीक्षा के अंतिम चरण में साक्षात्कार के जरिये अभ्यर्थी के व्यक्तित्व के गुणों और समसामयिक विषयों के प्रति समझ व जागरूकता की जांच की जाती है.
प्रारंभिक या प्रीलिम्स परीक्षा, त्रि-स्तरीय सिविल सेवा परीक्षा का पहला और सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव है. इसमें 200-200 अंकों के दो प्रश्नपत्र होते हैं, जिनकी अवधि दो-दो घंटे की होती है. प्रथम प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन का होता है, जिसमें इतिहास, भूगोल, राज-व्यवस्था, सामान्य विज्ञान, अर्थव्यवस्था, पर्यावरण एवं सम-सामयिक घटनाओं आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. प्रत्येक प्रश्न के लिए दो अंक निर्धारित हैं और प्रत्येक गलत उत्तर के लिए 1/3 अंक काटे जाते हैं. प्रारंभिक परीक्षा का दूसरा पेपर सीसैट है. इस पेपर में बोधगम्यता, संचार कौशल सहित अंतर-वैयक्तिक कौशल, तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता, निर्णयन और समस्या-समाधान, सामान्य मानसिक योग्यता आदि से संबंधित प्रश्न पूछे जाते है. प्रारंभिक परीक्षा के अंक मुख्य परीक्षा में नहीं जोड़े जाते.
परीक्षा के इस दूसरे एवं सर्वाधिक महत्वपूर्ण चरण में अभ्यर्थियों के ज्ञान की वास्तविक परीक्षा होती है. इसमें कुल 1750 अंकों के 9 प्रश्नपत्र (सामान्य अध्ययन के 4 पेपर, किसी एक वैकल्पिक विषय के 2 पेपर एवं निबंध, सामान्य अंग्रेजी व हिंदी के 1-1 पेपर) होते हैं. इसमें से सामान्य अंग्रेजी और हिंदी पेपर के अंक कुल पूर्णांक में नहीं जुड़ते हैं.
यह सिविल सेवा परीक्षा का अंतिम चरण है. इसमें अभ्यर्थियों के बायो डाटा, उनके वैकल्पिक विषय, अभिरुचियों, सम-सामयिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय घटनाओं से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं. पहले साक्षात्कार 300 अंकों का होता था, अब इसे घटाकर 225 अंकों का कर दिया गया है. साक्षात्कार में अभ्यर्थी के ज्ञान से ज्यादा, उसकी प्रस्तुति, आत्मविश्वास एवं महत्वपूर्ण मामलों पर विचारों की परख की जाती है.