पटना. बिहार विधानमंडल के दोनों सदनों में बुधवार का दिन हंगामें का दिन रहा. विधानसभा की तुलना में विधान परिषद में शांतिपूर्ण ढ़ंग से अधिक विधायी कार्य हुए. इस दौरान दाेनों सदनों में कुछ ऐसे पल भी आये जब सदस्य ठहाके लगाने को विवश हो चले.
हंगामें के दौरान विधानसभा अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा पूरी तरह अभिभावक की भूमिका में नजर आये. उन्होंने सदस्यों को वरीय साथियों की बातें सुनने की सलाह दी. दूसरी ओर, विधान परिषद में वरिष्ठ मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव कड़क मास्टर साहब की तरह दिखे.
विधानसभा में शोरगुल और नारेबाजी कर रहे सदस्यों को संबोधित करते हुए स्पीकर श्री सिन्हा ने कहा कि सदन के वरीय सदस्य हमारे लिए जीती- जागती किताबें हैं. उन्होंने कहा कि सदस्यगण हमें यह सौभाग्य है कि इस सदन में नौ टर्म के एक , आठ टर्म के चार , सात टर्म के चार , छह टर्म के छह व पांच टर्म के 20 सदस्य मौजूद हैं .
ये टर्म केवल गिनती के लिए नहीं हैं. ये सभी सदस्य न केवल अपने आप में अनुभव की जीती- जागती किताबें हैं, बल्कि ये सभी संसदीय परंपरा और लोकतांत्रिक व्यवस्था में धरोहर सरीखे हैं. इनको सम्मान, संरक्षण और प्राथमिकता देना सबों की जिम्मेदारी हैं .
सदस्य इनके अनुभव से लाभ उठाए, कुछ ज्ञान की बातें सीखे, यह आपके सीखने के लिए बहुत महत्वपूर्ण संसाधन है . इनके प्रति श्रद्धा और भक्ति रखते हुए हम सब इनसे प्रेरणा लेकर सकारात्मक रूप में आगे बढ़ें.
विधान परिषद की कार्रवाई के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जबर्दस्त बहस हुई. बहस में हंसी- मजाक,खीज और गुस्सा सभी एक साथ देखने को मिला. सदन में ऐसे भी मौके आये कि बोले गये शब्द डिलीट करने पड़े .
राजद के सदस्य सुनील सिंह शराबबंदी की जगह नसबंदी बोल गये. प्रभारी सभापति संजीव सिंह ने उस शब्द को कार्यवाही से बाहर करने का हुक्म जारी किया. मजे की बात थी कि फ्लो में बोल गये सुनील सिंह को अपनी गलती का एहसास तब हुआ जब ,शब्द को कार्यवाही से डिलीट कर दिया गया.
इसी बीच शराबबंदी पर जब एमएलसी नीरज कुमार सरकार का बचाव कर रहे थे, तब राजद के एमएलसी सुबोध कुमार ने कहा कि लगता है कि आप मंत्री बनना चाहते हैं. इस पर सभी सदस्य मुस्करा गये.
हास्य और विनोद के बीच सदन में उस समय तीव्र नोक-झोंक हुई, जब वरिष्ठ मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने बोलना शुरू किया. चूंकि अभी नीरज कुमार के बयान पर सुनील सिंह कुछ कह ही रहे थे,तभी ऊर्जा मंत्री ने उन्हें जोर से कहा, आप चुप रहिए. बहुत बोलते हैं. करीब पांच सेकेंड तक सन्नाटा छा गया.
सुनील सिंह ने कहा कि इस तरह डांटने का अधिकार मंत्री को नहीं है. हम कोई ऐसे ही नहीं हैं. अगर हम गलत हैं तो यह काम सभापति की तरफ से किया जा सकता है. करीब पांच मिनट तो राजद सदस्यों ने सख्त एतराज जताया.
इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आ गये. इसके बाद ऊर्जा मंत्री ने अपना भाषण शुरू किया. उन्होंने अपने भाषण में विपक्षी सदस्यों को कई बार पढ़ने- लिखने की हिदायत दी.
Posted by Ashish Jha