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अयोध्या में राम मंदिर बनने के बाद दिल्ली के सभी बुजुर्गों को फ्रीम में दर्शन करायेगी केजरीवाल सरकार

हमने रामराज्य से प्रेरणा लेकर 10 सिद्धांत बनाएं हैं, जिसमें सबको भोजन, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, मकान, महिलाओं व बुजुर्गों का सम्मान और ‘आप’ में सभी बराबर हैं, शामिल है. हम अच्छी और साफ सुथरी नियत के साथ रामराज्य की अवधारणा पर चलने की कोशिश कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली विधानसभा में सदन को संबोधित किया . इस दौरान उन्होंने उपराज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन किया. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार प्रभु श्रीराम से प्रेरणा लेकर दिल्ली में रामराज्य की अवधारणा को लागू करने का प्रयास कर रही है.

हमने रामराज्य से प्रेरणा लेकर 10 सिद्धांत बनाएं हैं, जिसमें सबको भोजन, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, मकान, महिलाओं व बुजुर्गों का सम्मान और ‘आप’ में सभी बराबर हैं, शामिल है. हम अच्छी और साफ सुथरी नियत के साथ रामराज्य की अवधारणा पर चलने की कोशिश कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आयोध्या में श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है. मंदिर बन जाने के बाद हमारी सरकार दिल्ली के सभी बुजुर्गों को एक बार फ्री में अयोध्या मंदिर का दर्शन कराएगी. सीएम ने कहा, पिछले 70 साल से भाजपा और कांग्रेस ने षणयंत्र के तहत देश को अनपढ़ रखा, ताकि इनसे कोई सवाल न पूछ सके. पिछले 6 साल के अंदर दिल्ली में आई शिक्षा क्रांति ने भाजपा और कांग्रेस की जड़ें हिला दी हैं. इसी के परिणाम स्वरूप जनता ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को और एमसीडी उपचुनाव में भाजपा को जीरो सीट दिया.

मुझे खुशी है कि अब मुख्यमंत्रियों को स्कूलों के अंदर जाना पड़ रहा है

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज दिल्ली विधानसभा के सदन को संबोधित किया. इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल ने उपराज्यपाल के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन किया. उन्होंने सदन को संबोधित करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक स्कूल का निरीक्षण करने गए थे और बच्चों से बात करने की कोशिश की. लेकिन वह क्लास आर्टिफिशियल (बनावटी) लग रही थी.

उस क्लास में 12 कुर्सियां थीं और उसके आगे डेस्क नहीं था, तो बच्चे लिखेंगे कैसे? तो जाहिर था कि क्लास बनाई गई है. मुझे यह देखकर खुशी हुई कि इस देश के अंदर अब सरकारों को और मुख्यमंत्रियों को स्कूलों के अंदर जाना पड़ रहा है. योगी आदित्यनाथ स्कूल में क्यों गए थे? इसके पीछे एक भूमिका है. इससे कुछ दिन पहले उनके कुछ अहंकारी मंत्रियों और उनके उपमुख्यमंत्री ने चुनौती दी थी कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया उत्तर प्रदेश आएं और शिक्षा के उपर उनसे वाद-विवाद करें. वे मनीष सिसोदिया से शिक्षा के ऊपर डिबेट करने के लिए तैयार हैं और अपने अच्छे स्कूल दिखाएंगे.

आदित्यनाथ के मंत्रियों ने शिक्षा पर डिबेट करने के लिए बुलाया, लेकिन वे नहीं आए

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के मंत्रियों को लगा था कि उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया वहां नहीं जाएंगे, लेकिन वे वहां गए और उनके मंत्री मैदान छोड़ कर भाग गए. वे न तो डिबेट करने आए और न तो स्कूल दिखाने आएं.

जब कोई नहीं आया, तो मनीष सिसोदिया सोचे कि दिल्ली से चल कर इतनी दूर आए हैं, तो खुद ही जाकर स्कूलों को देख आते हैं. जब मनीष जी स्कूल देखने गए, तो उन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. मान लिया कि स्कूल खराब थे, फिर भी स्कूल देख लेने दिए होते. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री को उत्तर प्रदेश के पुलिस कमिश्नर ने रास्ते में रोक लिया और उन्हें स्कूल नहीं देखने दिया. इसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार की खूब थू-थू हुई और मीडिया ने उनके सारे स्कूलों की बदहाली पूरे देश और दुनिया को दिखा दिए. यहां तक कि मीडिया ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के अपने विधानसभा और अपने जिले गोरखपुर के स्कूलों की बुरी हालत भी दिखाई. तब योगी आदित्यनाथ को लगा कि स्कूलों में जाना पड़ेगा और तब वे स्कूल में गए. एक-दो कक्षाओं के बच्चों से बातचीत करने की कोशिश की.

पिछले 70 साल से भाजपा और कांग्रेस ने षणयंत्र के तहत देश को अनपढ़ रखा, ताकि इनसे कोई सवाल न पूछ सके

सीएम अरविंद केजरीवाल ने आगे कहा, पिछले 5-6 साल के अंदर दिल्ली में शिक्षा के क्षेत्र में जो काम हुआ है, उसको एक क्रांति के रूप में देखा जा रहा है. अब गरीबों के बच्चों को भी अच्छी शिक्षा मिल रही है. गरीबों के बच्चे अब फर्राटेदार अंग्रेजी बोल रहे हैं. गरीबों के बच्चे इंजीनियर और डाॅक्टर बन रहे हैं. सरकारी स्कूलों के 98 प्रतिशत नतीजे आ रहे हैं. सरकारी स्कूलों की शानदार बिल्डिंग बन रही हैं, स्वीमिंग पूल बन रहे हैं.

अब हमारे सरकारी स्कूलों के बच्चे अमीरों के बच्चों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रहे हैं. इसलिए मन में एक प्रश्न उठना वाजिब है. पिछले 70 साल में इस देश के ऊपर दो पार्टियों ने राज किया. जो काम दिल्ली में 5 साल में हो गया, वही काम पिछले 70 साल में क्यों नहीं हुआ? 70 साल के अंदर इन दोनों पार्टियों ने मिलकर शिक्षा व्यवस्था को ठीक क्यों नहीं किया? आज मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कह रहा हूं कि इन दोनों पार्टियों ने मिलकर जानबूझ कर एक षड्यंत्र के तहत इस देश की शिक्षा व्यवस्था को बदहाली में रखा.

इन्होंने जानबूझ कर इस देश के लोगों को गरीब रखा और इस देश के बच्चों को अनपढ़ रखा, क्योंकि ये चाहते थे कि अगर ये बच्चे अनपढ़ रहेंगे, तो ये बच्चे बेरोजगार रहेंगे. अगर ये बच्चे अनपढ़ रहेंगे, तो ये बच्चे पिछड़े रहेंगे. अगर ये बच्चे अनपढ़ रहेंगे, तो ये बच्चे गरीब रहेंगे, ताकि अमीरों को अपनी फैक्ट्रियों के लिए और अपने घरों के लिए सस्ते में मजदूर मिल सकें. ताकि इन राजनीतिक दलों को जब-जब इनको राजनीतिक रैलियां करनी हो, तो इन्हें भाड़े के लोग मिल सकें, ताकि इन राजनीतिक दलों को सस्ते में अपने कार्यकर्ता मिल सकें. ताकि इन राजनीतिक दलों को अपना वोट बैंक मिल सके और इनसे सवाल पूछने वाला कोई नहीं हो. पूरे देश की जनता को गरीबों को अनपढ़ रखो और इनको गरीब रखो. जानबूझकर एक षणयंत्र के तहत इस देश के लोगों को गरीब रखा गया.

पिछले 6 साल में दिल्ली में आई शिक्षा क्रांति ने भाजपा-कांग्रेस की जड़ें हिला दी है, जनता ने विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को और एमसीडी उपचुनाव में भाजपा को जीरो सीट दिया

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमने यह पिछले 6 साल में साबित कर दिया है. पिछले 6 साल में दिल्ली की जनता ने जो शिक्षा व्यवस्था देखी है, पिछले साल 6 साल के अंदर शिक्षा के क्षेत्र में जो क्रांति आई है, उसने इन दोनों पार्टियों की जड़ें हिला दी हैं. पिछले 6 साल के अंदर शिक्षा के क्षेत्र में जो विकास हुआ है, उसी की वजह से पिछले विधानसभा चुनाव के अंदर कांग्रेस की जीरो सीट आई और अब जो उपचुनाव हुए हैं, उसमें बीजेपी की जीरो सीट आई. अगर इस देश के लोगों को पढ़ा दिया, तो पूरे देश के अंदर इन दोनों पार्टियों का यही हाल होगा. अगर लोग पढ़े-लिखे हो गए, तो यह बात पूरे देश के अंदर फैलेगी.

वैज्ञानिकों ने पूरी दुनिया को दो वैक्सीन दी और आज पूरी दुनिया हमारे वैज्ञानिकों की तरफ देख रही है

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पिछले एक साल के अंदर पर पूरी दुनिया ने इस कोरोना महामारी का सामना किया, दिल्ली ने भी किया. यह बहुत कठिन समय था. इस कठिन समय के दौरान दिल्ली सरकार और दिल्ली के लोगों, सारी संस्थाओं, सारी सरकारों, प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृह मंत्री और केंद्र सरकार ने, इन सबने सहयोग किया. भाजपा के विधायकों ने भी बहुत सहयोग किया. इतनी बड़ी महामारी को कोई एक सरकार या एक आदमी ठीक नहीं कर सकता. इसमें सबसे ज्यादा काम डॉक्टरों ने किया. हम इस सदन में पूरे दिल से दिल्ली के लोगों और सभी डॉक्टरों, नर्सों, फ्रंटलाइन वर्कर और हेल्थ वर्कर समेत सभी का शुक्रिया अदा करते हैं. दिल्ली ने पूरी दुनिया को नई-नई पद्धतियां दी.

दिल्ली ने पूरी दुनिया को प्लाज्मा थेरेपी दी. दिल्ली ने होम आइसोलेशन की पद्धति दुनिया को दी. हमने कोरोना योद्धाओं के लिए एक करोड़ रुपए की राशि का ऐलान किया. यह भी पूरी दुनिया के अंदर अकेले दिल्ली में लागू किया गया और कहीं पर भी इसे लागू नहीं किया गया. बहुत सारी ऐसी चीजें थीं, जो केवल दिल्ली के अंदर हुई और मुझे इस बात का बहुत गर्व है कि आज पूरी दुनिया को हमारे देश के वैज्ञानिकों ने दो वैक्सीन दिए हैं. मैं अपने देश के वैज्ञानिकों को इसके लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूं कि आज पूरी दुनिया हमारे वैज्ञानिकों की तरफ देख रही है. मैं समझता हूं कि जो कठिन दौर था, अब हम लोगों को उस दौर से मुक्ति मिलेगी.

सभी मंत्री और विधायक अस्पताल जाकर वैक्सीन लगवाएं और सोशल मीडिया पर प्रचार करें, ताकि लोगों के मन से भ्रांतियां खत्म हों और वे वैक्सीन के लिए आगे आएं

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में कुछ भ्रांतियां हैं. अभी तक बहुत से लोग वैक्सीन लगवा चुके हैं और वे सभी ठीक हैं. विधानसभा में वैक्सीन लगवाने की मांग पर सीएम ने कहा कि हमारी शोभा तब बढ़ेगी, जब हम आम आदमी की तरह अस्पतालों में जाकर वैक्सीन लगवाएं. मैं खुद एक आम आदमी की तरह अस्पताल गया और वैक्सीन लगवाया.

आप सभी लोग अस्पताल में जाकर वैक्सीन लगवाएं और अपने सोशल मीडिया पर खूब प्रचार करें, ताकि लोगों के मन में जो भ्रांतियां हैं, वो सब दूर हो जाएं और वे लोग भी वैक्सीन लगवाने के लिए आगे आने के लिए प्रेरित हो सकें. सीएम ने दिल्ली वासियों से अपील करते हुए कहा कि अपने मन में बैठी भ्रांतियों को दूर करें और ज्यादा से ज्यादा लोग वैक्सीन लगवाएं. इस समय जो सबसे बड़ी समस्या सामने आई, वह रोजगार की थी.

इस दौरान बहुत सारे लोग बेरोजगार हो गए. पहले लॉकडाउन की वजह से सारे काम-धंधे बंद हो गए और उसके बाद जब लॉकडाउन खुला, तब भी अर्थव्यवस्था को पटरी आने पर में काफी समय लग गया. लोगों को रोजगार मुहैया कराने के उद्देश्य से हम लोगों ने एक जाॅब पोर्टल चालू किया. जिसमें एक तरफ फैक्ट्रियां थीं, जिनको आदमी नहीं मिले थे. दूसरी तरफ वे लोग थे, जिनके पास नौकरी नहीं थी. उन दोनों को मिलाने के लिए हमने एक जॉब पोर्टल शुरू किया और वह बहुत ही सफल रहा. मैं सफलता हूं कि दिल्ली के अंदर पिछले एक साल में उस जॉब पोर्टल की वजह से कोरोना काल के दौरान लाखों बच्चों को नौकरियां मिली हैं. जिनके घरों में चूल्हे नहीं जल रहे थे, उनके लिए यह बहुत अच्छी पहल रही.

दिल्ली में कोई भूखा न रहे, इसके लिए डोर स्टेप डिलीवरी आँफ राशन समेत कई कदम उठा रहे हैं

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि प्रभु श्रीराम हम सभी के आराध्य हैं. मैं व्यक्तिगत तौर पर हनुमान जी का भक्त हूं. हनुमान जी, रामचंद्र जी के भक्त हैं, तो उस नाते मैं हनुमान जी और श्री रामचंद्र जी दोनों का भक्त हूं. प्रभु श्रीराम जी अयोध्या के राजा थे. कहते हैं कि उनके शासनकाल में सब कुछ बहुत अच्छा था.

सब लोग सुखी थे, किसी को किसी प्रकार का दुख नहीं था, हर तरह की सुविधा थी, उसे रामराज्य कहा गया. रामराज्य एक अवधारणा है. रामचंद्र जी भगवान थे, हम उनके सामने एक तुच्छ प्राणी है, हम इंसान हैं और उनकी तुलना भी नहीं कर सकते, लेकिन उनसे प्रेरणा लेकर हम अगर उनके रामराज्य के अवधारणा के रास्ते पर चलकर एक सार्थक कोशिश भी कर सकें, तो मैं समझता हूं कि हमारा यह जीवन धन्य हो जाएगा.

प्रभु श्रीराम से प्रेरणा लेकर, उनके रामराज्य की अवधारणा को दिल्ली के अंदर पूरी साफ सुथरी नियत से लागू करने के लिए पिछले 6 साल से हम लोग प्रयासरत हैं. हमने रामराज्य की अवधारणा से प्रेरणा लेकर 10 प्रमुख सिद्धांत बनाए हैं. इसमें सबसे पहला सिद्धांत है कि दिल्ली के अंदर कोई भूखा नहीं सोना चाहिए. इसके लिए सरकार तरह-तरह के प्रयास कर रही है. हमने महामारी के दौरान एक करोड़ लोगों को सुखा राशन दिया और 10 लाख लोगों को दो समय पका पकाया खाना दिया. उस दौरान बहुत सारी व्यवस्था थी. अब डोर स्टेप डिलीवरी आॅफ राशन के तहत जब घर-घर राशन पहुंचाएंगे, तो यह भी उसी दिशा में एक कदम होगा कि दिल्ली के अंदर कोई भी व्यक्ति भूखा नहीं सोना चाहिए.

अभी तक गरीबों के बच्चे सरकारी और अमीरों के बच्चे प्राइवेट स्कूलों में जाते थे, हमारी सरकार ने दिल्ली में इस व्यवस्था को खत्म की है

सीएम ने कहा कि राजराज्य की अवधारणा के तहत हमारा दूसरा प्रमुख सिद्धांत शिक्षा है. चाहे वह कितना ही गरीब परिवार का बच्चा क्यों न हो, चाहे वह भिखारी का बच्चा ही क्यों न हो, उसको अच्छी शिक्षा मिलनी चाहिए. अभी तक हमारे देश के अंदर व्यवस्था थी कि गरीबों के बच्चे सरकारी स्कूल में जाएंगे और अमीरों के बच्चे प्राइवेट स्कूल में जाएंगे. हमने दिल्ली के अंदर यह व्यवस्था खत्म की है. अब ऐसी व्यवस्था दिल्ली के अंदर नहीं है. अब चाहे गरीब का बच्चा हो या अमीर का बच्चा हो, हर बच्चे को अच्छी शिक्षा दे रहे हैं. अब हर बच्चे को एक जैसे पढ़ने के अवसर मिल रहे हैं और पढ़ने के बाद उनको एक जैसी नौकरी के अवसर मिल रहे हैं.

रामराज्य की अवधारणा से प्रेरणा लेकर हमने सरकारी अस्पतालों को ठीक किया और सभी को अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि रामराज की अवधारणा से प्रेरणा लेकर हमारा तीसरा सिद्धांत स्वास्थ्य है. अगर कोई बीमार हो जाए, तो चाहे वो अमीर हो या वह गरीब हो, उसको सबसे बेहतर इलाज मिलना चाहिए. ऐसा न हो कि अमीर फाइव स्टार अस्पताल में चला गया और गरीब धक्के खाता रहे.

सरकारी अस्पतालों का जो बुरा हाल था, उसको हमने ठीक किया. हमने मोहल्ला क्लीनिक बनाया और अब हम महिला मोहल्ला क्लीनिक बनाने जा रहे हैं. दिल्ली के अंदर रहने वाले हर नागरिक को चाहे, वह अमीर हो या गरीब हो, उनको अच्छी से अच्छी स्वास्थ्य सेवाएं मिलनी चाहिए. प्रभु श्रीराम से प्रेरणा लेकर हमारा चैथा सिद्धांत है कि कई ऐसे राज्य हैं, जहां 10 रुपए प्रति यूनिट बिजली मिलती है, 7 रुपए प्रति यूनिट बिजली मिलती है.

वहां एक गरीब आदमी बल्ब तक नहीं जला सकता है. अब बिजली लग्जरी नहीं है, बल्कि बिजली सबकी एक मूलभूत जरूरत बन चुकी है. उन राज्यों के अंदर एक गरीब आदमी बिना बिजली के कैसे जीएगा? 200 यूनिट बिजली एक आम आदमी को जीने के लिए जरूरी है. इसलिए हमने 200 यूनिट तक बिजली माफ करने का निर्णय लिया. आज दिल्ली दुनिया का अकेला राज्य है, जहां पर लोगों को 24 घंटे बिजली मिलती है और फ्री में बिजली मिलती है. गरीबों को भी मिलती है और अमीरों को भी मिलती है.

हम अच्छी और साफ सुथरी नियत के साथ रामराज्य की अवधारणा पर चलने की कोशिश कर रहे हैं

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारा पांचवा सिद्धांत पानी है. आजकल पानी इतना महंगा हो गया है. लोग कहते थे कि पहले के जमाने में पानी पिलाने का पुण्य होता है. आजकल पानी पिलाने के लिए सरकारें पैसे लेती हैं. जिस गरीब के पास पैसे नहीं है, तो क्या वह पानी नहीं पिएगा. यह सही नहीं है. हमारा पांचवा सिद्धांत है कि सबको पानी मिलना चाहिए. चाहे गरीब हो या अमीर हो, सभी को पानी मिलना चाहिए.

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इसलिए हमने दिल्ली के लोगों को हर महीने 20 हजार लीटर पानी मुफ्त देने का फैसला किया. हमारा रामराज्य की अवधारणा के अंदर छठां सिद्धांत रोजगार है. हमने सिद्धांत बनाया है कि हर हाथ को काम मिलना चाहिए. इसके ऊपर सरकार तरह-तरह से काम कर रही है. इसके लिए स्टार्टअप पॉलिसी बनाई गई है. जॉब पोर्टल्स बनाए गए हैं, रोजगार मेले लगाए गए हैं. किस्म किस्म तरह से रोजगार देने का प्रयास किया जा रहा है. मैं यह नहीं कहता कि हमने यह सब हासिल कर लिया है, लेकिन जैसा कि मैंने कहा कि रामराज्य की यह एक अवधारणा है, जिसके ऊपर हम चलने की कोशिश कर रहे हैं.

अच्छी साफ-सुथरी नियत से कोशिश कर रहे हैं, यह महत्वपूर्ण है. हमारा सातवां सिद्धांत मकान है. हर आदमी के सिर पर छत होनी चाहिए. इसके लिए हमारी सरकार पूरी कोशिश कर रही है. खासकर गरीब लोगों को, जो झुग्गी झोपड़ी में रह रहे हैं, जो आज बड़ी कठिन परिस्थितियों के अंदर रह रहे हैं. हम चाहते हैं कि उनको इज्जत का माहौल मिले. उनके लिए कई जगह मकान बन गए हैं और कई जगह मकान बनाकर दिए जा रहे हैं.

जो समाज महिलाओं और अपने बुजुर्गों को सम्मान नहीं देता, वह समाज आगे नहीं बढ़ सकता

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा, हमारा आठवां सिद्धांत महिलाओं की सुरक्षा है. जिस राज के अंदर महिलाएं सुरक्षित नहीं है, महिलाओं की इज्जत नहीं है, वह समाज कभी भी प्रगति नहीं कर सकता है. पुलिस हमारे अधीन नहीं है, जिनके अधीन है, वे अपना काम करें. हमारे हाथ में जो कुछ है, हम वो करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं.

हमारे हाथ में सीसीटीवी कैमरे लगवाना था, हमारे हाथ में डाॅर्क स्पॉट पर लाइट्स लगाना था, हमारे हाथ में बसों के अंदर सीसीटीवी कैमरे लगवाना था, बसों के अंदर मार्शल लगवाना था, बसों में यात्रा फ्री करना, यह हमने किया. महिलाओं को सम्मान और सुरक्षा देने के लिए हमारी सरकार पूरी कोशिश कर रही है. हमारा नौंवां सिद्धांत बुजुर्गों को सम्मान देना है.

जो समाज अपने बुजुर्गों को सम्मान नहीं देता है, उस समाज का अंत निश्चित है, वह समाज आगे नहीं बढ़ सकता. हमने अपने बुजुर्गों को सम्मान देने के लिए तरह-तरह के कदम उठाए. इसमें सबसे अहम कदम उठाया है कि हम अपने बुजुर्गों को तीर्थ यात्रा करा कर ला रहे हैं. यह उनकी जिंदगी का आखरी पड़ाव है. हमारे धर्म ग्रंथों में भी लिखा है कि एक व्यक्ति भगवान में लीन होकर अपनी जिंदगी का आखरी पड़ाव गुजारना चाहता है. तीर्थ स्थानों से बुजुर्ग जब लौट कर आते हैं, तो बहुत खुश होते हैं.

प्रभु श्रीराम ने शबरी के जूठे बेर खाए थे, उनके राज्य में किसी तरह का भेदभाव नहीं होता था

सीएम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अयोध्या के अंदर एक भव्य मंदिर बन रहा है. मैं अपने दिल्ली के सारे बुजुर्गों से कहना चाहता हूं कि एक बार यह मंदिर बन जाए, तो हम आपको फ्री में अयोध्या मंदिर का दर्शन करवाएंगे. हमारा दसवां सिद्धांत है कि आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार में सब बराबर हैं.

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चाहे वो हिंदू, मुसलमान, ईसाई या सिख हों या किसी भी जाति के हों, सभी हमारी पार्टी में एक समान हैं. जैसा कि हमने कहा कि रामराज्य की परिकल्पना में श्रीरामचंद्र ने शबरी के जूठे बेर खाए थे. उनके जीवन से अगर हमें प्रेरणा लेनी है, तो उनके राज्य के अंदर किसी तरह का भेदभाव नहीं होता था. सभी बराबर तरीके से भाईचारे के साथ रहें, शांति पूर्वक सब रहें और शांति पूर्वक अपना निर्वाह करें, ऐसी हमारी पूरी कोशिश रहती है. इसी के साथ मैं इस धन्यवाद प्रस्ताव का समर्थन करता हूं.

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