20.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Nepal Political Crisis : ओली और प्रचंड की लड़ाई में पार्टी का नाम भी गया, सुप्रीम कोर्ट ने ऋषिराम को सौंपी टाइटल

Nepal Political Crisis, KP Sharma Oli, Pushp Kamal Dahal Prachanda, Supreme Court नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएएमल) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) के 2018 में हुए विलय को रविवार को रद्द कर दिया. इन पार्टियों का नेतृत्व क्रमश: प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और पुष्प कमल दहल प्रचंड कर रहे थे, जिनका (दोनों पार्टियों का) मई 2018 में आपस में विलय कर एकीकृत नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी का गठन किया गया था.

  • नेपाल के सुप्रीम कोर्ट ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएएमल) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) के विलय को रद्द कर दिया

  • ओली और प्रचंड की लड़ाई में पार्टी का नाम भी गया, सुप्रीम कोर्ट ने ऋषिराम को सौंपी टाइटल

नेपाल के उच्चतम न्यायालय ने कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (यूएएमल) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर) के 2018 में हुए विलय को रविवार को रद्द कर दिया. इन पार्टियों का नेतृत्व क्रमश: प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली और पुष्प कमल दहल प्रचंड कर रहे थे, जिनका (दोनों पार्टियों का) मई 2018 में आपस में विलय कर एकीकृत नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी का गठन किया गया था. यह घटनाक्रम, 2017 के आम चुनावों में दोनों पार्टियों के गठबंधन को मिली जीत के बाद हुआ था.

काठमांडू पोस्ट की खबर के मुताबिक रविवार को न्यायमूर्ति कुमार रेगमी और न्यायमूर्ति बाम कुमार श्रेष्ठ की पीठ ने अपना फैसला सुनाते हुए नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) पर वैध अधिकार ऋषिराम कत्तेल को सौंप दिया, जिन्होंने ओली और प्रचंड नीत नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) के गठन से पहले चुनाव आयोग में पार्टी का पंजीकरण अपने नाम पर कराया था.

ऋषिराम ने एनसीपी का मई 2018 में ओली और प्रचंड के तहत पंजीकरण करने के चुनाव आयोग के फैसले को चुनौती दी थी. पीठ ने कहा कि चुनाव आयोग में ऐसी स्थिति में किसी नयी पार्टी का पंजीकरण नहीं हो सकता, जब उसी नाम से कोई पार्टी पहले से पंजीकृत हो.

Also Read: Brigade Rally : एतो राग केनो दीदी? ममता बनर्जी के रावण-दैत्य वाले बयान पर पीएम ने उठाया सवाल

समाचार पत्र ने ऋषिराम के वकील दंडपाणि पौडेल को उद्धृत करते हुए कहा, उच्चतम न्यायालय ने हमारे पक्ष में फैसला सुनाया है. हम मुकदमा जीत गए. समाचार पत्र के मुताबिक न्यायालय ने कहा कि सीपीएन-यूएएमल और सीपीएन (माओइस्ट-सेंटर) को विलय पूर्व स्थिति में लौटना होगा और यदि उन्हें आपस में विलय करना है तो उन्हें राजनीतिक दल अधिनियम के तहत आयोग में आवेदन देना चाहिए.

Posted By – Arbind kumar mishra

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें