Jharkhand Crime News, Ranchi News, रांची न्यूज : झारखंड की राजधानी रांची अंतर्गत रातू प्रखंड के तिलता चौक के पास हुए राजस्व कर्मचारी सत्य प्रकाश श्रीवास्तव हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा किया है. इस मामले में पुलिस ने 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, वहीं कई बरामद किया है. इस मामले को लेकर SIT गठित हुई. पुलिस जांच में जमीन के म्यूटेशन को लेकर एक लाख की सुपारी देकर हत्या करने की बात सामने आयी. घटना 12 फरवरी, 2021 की है.
12 फरवरी, 2021 को शाम 5:30 बजे रातू ब्लॉक के राजस्व कर्मचारी सत्य प्रकाश श्रीवास्तव को घर जाने के दौरान काठीटांड़ के तिलता चौक के पास अपराधियों ने गोली मार गंभीर रूप से घायल कर दिया. पुलिस ने तत्काल रांची के मेडिका हॉस्पिटल में भर्ती कराया, लेकिन स्थिति बिगड़ने पर उसे नई दिल्ली एम्स ले जाया गया, जहां 21 फरवरी, 2021 को उसकी मौत हो गयी. इधर, रविवार (7 फरवरी, 2021) को पुलिस ने इस मामले का खुलासा करते हुए 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया.
रातू ब्लॉक के राजस्व उप निरीक्षक (हल्का कर्मचारी) सत्य प्रकाश श्रीवास्तव 12 फरवरी, 2021 की शाम 5:30 बजे बाइक से घर जाने के दौरान रातू थाना के काठीटांड़ से तिलता चौक जाने वाली एनएच-75 करीब घात लगाकर अपराधियों ने गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया. तत्काल रांची के मेडिका हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, लेकिन स्थिति में सुधार होता नहीं देख उसे नई दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया. जहां 21 फरवरी, 2021 के रात में उसकी मौत हो गयी.
इस मामले को लेकर रांची एसएसपी ने SIT टीम का गठन किया. जांच के क्रम में ग्रामीण एसपी के निर्देशन में गठित SIT टीम ने इस मामले का खुलासा किया. पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर इस मामले में शामिल शूटर समेत अन्य अपराधियों को गढ़वा थाना की पुलिस के सहयोग से छापेमारी कर गिरफ्तार किया.
गिरफ्तार अपराधियों में ज्ञान प्रकाश तिवारी, गढ़वा के ऋषिकांत शर्मा उर्फ बिट्टू शर्मा, आशीष पांडेय और रांची के मनीष कुमार उर्फ गोलू मुख्य है. पुलिन ने इन आरोपियों की निशानदेही पर घटना में प्रयुक्त देसी पिस्टल, रिवाल्वर, कारतूस, बाइक, घटना के समय पहना गया कपड़ा, जैकेट, जूता, हेलमेट समेत मोबाइल फोन बरामद किया है.
गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस को बताया कि रातू ब्लॉक के राजस्व उपनिरीक्षक सत्य प्रकाश श्रीवास्तव के द्वारा सिमलिया मौजा और झिरी मौजा के जमीन का म्यूटेशन कराने के एवज में रुपये की मांग की गयी थी. गिरफ्तार आरोपियों का कहना था कि उक्त जमीन का सभी कागजात दिया गया, वहीं पैसे भी दिये गये. इसके बावजूद म्यूटेशन नहीं कर उसे अस्वीकृत कर दिया गया. इसी का बदला लेने के लिए राजस्व उपनिरीक्षक की हत्या की गयी.
Also Read: अबतक नहीं चुकाया बिजली बिल तो तुरंत कर दें जमा, नहीं तो विभाग करेगा ऐसी कर्रवाई
पुलिस की जांच में यह बात सामने आयी कि आरोपियों ने राजस्व उपनिरीक्षक की हत्या के लिए उपेंद्र कुमार नामक व्यक्ति को एक लाख रुपये की सुपारी दी गयी. इस घटना के बाद से जहां उपेंद्र कुमार फरार है, वहीं इस मामले में एक अन्य सफेदपोश जमीन माफिया का भी नाम सामने आया है. पुलिस दोनों की गिरफ्तारी को लेकर सघन अभियान चला रही है
Posted By : Samir Ranjan.