मुजफ्फरपुर. सरकार के जीवन सुगमता सूचकांक (इज ऑफ लिविंग इंडेक्स) में 111 शहरों में से बेंगलुरु को रहने के लिए देश का सबसे सुगम शहर चुना गया है.
स्मार्ट सिटी मुजफ्फरपुर का स्थान देश भर में दस लाख की आबादी वाले शहरों में सबसे नीचे 62वां है. मुजफ्फरपुर से बेहतर रैंकिंग स्मार्ट सिटी में शामिल बिहार के दो अन्य शहरों- बिहारशरीफ (28वां रैंक) व भागलपुर (30वां रैंक) की है.
10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में पटना 33वें पायदान पर है. केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को नयी दिल्ली में रैंकिंग जारी की. इसके अनुसार, ‘10 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों’ की श्रेणी में शिमला टॉप पर रहा, जबकि भुवनेश्वर दूसरे और सिलवासा तीसरे स्थान पर रहा.
कुल 62 शहरों की इस श्रेणी में मुजफ्फरपुर सबसे निचले पायदान पर रहा. ‘तीन साल पहले 2018 में भी मुजफ्फरपुर रैंकिंग में सबसे निचले पायदान पर था. यानी जिन वजहों की से
जनवरी से रैंकिंग चल रही थी. नगर निगम ने शहर में उपलब्ध सभी सुविधाओं का ब्योरा जुटाया था. सबसे खराब नगरीय बस सेवा रही है. इसकी सुविधा ही मुजफ्फरपुर में नहीं है. इसी तरह शहर में प्रवेश करते ही कूड़े के ढेर नजर आ जायेंगे.
घर-घर से कूड़ा एकत्र करने और कूड़ा प्रबंधनकी भी व्यवस्था में काफी सुधार की आवश्यकता है. करीब पांच लाख आबादी वाले शहर की एक चौथाई घरों से ही कूड़ा एकत्र हो पा रहा है. इसी का नतीजा है कि नगर निगम आर्थिक रूप से मजबूत नहीं है. पेयजल आपूर्ति व सामुदायिक, सार्वजनिक शौचालय की भी व्यवस्था मुजफ्फरपुर में खराब है.
देश के 111 शहरों में किये गये ”नागरिक धारणा सर्वेक्षण” में 32.2 लाख लोगों ने हिस्सा लिया. पहली बार वर्ष 2018 में जारी जीवन सुगमता सूचकांक में पुणे को रहने के लिहाज से देश का सबसे अच्छा शहर माना गया था.
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जीवन सुगमता45.53
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जीवन की गुणवत्ता45.87
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आर्थिक सामर्थ्य 1.85
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निरंतरता 44.31
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नागरिकों की धारणा67.80
मापदंड मुजफ्फरपुर बिहारशरीफ भागलपुर
नगरीय सुविधा 48 55 43
फाइनेंस 43 24 22
टेक्नोलॉजी 44 44 18
प्लानिंग 46 17 53
गर्वर्नेंस 25 03 10
Posted by Ashish Jha