पटना. अब राज्य सरकार के सभी स्तर के अधिकारी से लेकर कर्मी को किसी विदेश यात्रा पर जाने से पहले सरकार को विस्तार से जानकारी देनी होगी. उन्हें खासतौर से यह बताना होगा कि उनकी विदेश यात्रा पर कितने रुपये का खर्च आयेगा और खर्च होने वाले इन रुपयों का स्रोत क्या है.
सरकारी कर्मियों को यह भी बताना होगा कि किस स्रोत से रुपये आये हैं, जिसका उपयोग वे अपनी विदेश यात्रा के लिए कर रहे हैं. यह नियम सिर्फ उन्हीं विदेश यात्राओं पर लागू होगा, जिसे कर्मी अपने खर्च या निजी प्रायोजन के लिए उपयोग करेंगे.
सामान्य प्रशासन विभाग ने इससे संबंधित आदेश सभी विभागों के प्रमुखों के अलावा प्रमंडलीय आयुक्त और सभी डीएम को जारी कर दिया है.
इसमें कहा गया है कि निजी विदेश यात्रा पर जाने से पहले सरकारी सेवकों के लिए अपने सक्षम प्राधिकार से पहले अनुमति लेनी होगी. साथ ही उन्हें अपने बारे में विस्तृत जानकारी विभाग की तरफ से जारी फॉर्मेट में भरकर देना होगा.
इसमें संबंधित अधिकारी या कर्मी पर पहले से लगे गंभीर आरोप, कोई अनुसंधान, विचाराधीन मामले या अन्य किसी तरह की विभागीय कार्रवाई से जुड़ी सभी तरह की जानकारी शामिल है.
इस आदेश में यह भी कहा गया है कि कर्मी को लिखित अनुमति-पत्र के साथ इस फॉर्म को भरकर देना होगा.
इसमें नाम, वेतन, विभाग, यात्रा की अवधि, देश का नाम, यात्रा का उद्देश्य, अनुमानित व्यय, राशि का स्रोत समेत अन्य जानकारी प्रमुखता से बतानी होगी. ताकि संबंधित कर्मी के बारे में पूरी जानकारी सरकार के पास उपलब्ध रहे.
Posted by Ashish Jha